उधार का घाघरा और झम्‍मर-झम्‍मर नाच। यूपी में सड़कें बेहाल

दोलत्ती

: इस पर नजर नहीं कि बदहाल हैं यूपी की सड़कें, उत्‍तराखंड की सड़कों पर ता-थैया : बाईपास, राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर गहरे गड्ढे, स्‍टेट रोड बर्बाद है प्रदेश में :धारचूला वाली सड़क पर अपनी पिपहरी बजाने का औचित्‍य समझ से परे :
कुमार सौवीर
लखनऊ : सामान्‍य तौर पर सत्‍ता के गलियारों में यूपी के उप मुख्‍यमंत्री केशवप्रसाद मौर्या के बारे में यही माना जा रहा है कि उनका राजनीतिक लक्ष्‍य यूपी की सत्‍ता में मुखिया बनने का है। लेकिन इसका कोई ठोस प्रमाण अब तक सामने नहीं आया है, सिवाय इसके कि वे फिलहाल अपनी छवि अलग तरीके से सजाने-पेश करने की जुगत में भिड़े हुए हैं। भले ही उनकी ऐसी कोशिशें निरर्थक ही नहीं, बल्कि मसखरेपन का सबब बन जाएं। उनके मीडिया सलाहकारों ने केशव की ईरान-यात्रा को उनकी तूरान-यात्रा में तब्‍दील करना शुरू कर दिया है।
ताजा मामला है उत्‍तराखंड की सड़कों को लेकर केशव प्रसाद मौर्या का बयान। इस बयान के बाद यह कहने की जरूरत नहीं कि केशव प्रसाद मौर्या अपनी जमीन को लहलहाने के बजाय दूसरों की बंजर जमीन को उपजाऊ बनाने का कठोर परिश्रम कर रहे हैं। वैसे भी केशव प्रसाद की राजनीतिक कवायद जातीय मसलों पर ही ज्‍यादा केंद्रित होती है, लेकिन मोदी की चाय-विक्रेता की छवि का महिमा मंडन करने के साथ ही साथ वे रामंदिर और भोलेनाथ का जयजयकारा लगाने में ही लिप्‍त रहते हैं। हां, अपने सरकारी दायित्‍वों पर तो केशव की तनिक भी नजर नहीं पड़ती है। यही हालत है कि बदहाल हो चुकी हैं यूपी की सड़कें। बाईपास, राष्‍ट्रीय राजमार्गों पर गहरे गड्ढे, स्‍टेट रोड पूरी तरह बर्बाद होते जा रहे हैं।
लेकिन अपने इस दायित्‍व को धता बताते हुए अचानक ही केशव मौर्या ने धारचूला वाली सड़क पर अपनी पिपहरी बजानी शुरू कर दी। आप भी पढि़ये न कि केशव प्रसाद मौर्या ने उत्‍तराखंड पर क्‍या-क्‍या नहीं शंखनाद किया। लेकिन यूपी की सड़कों पर आज तक कोई बयान नहीं दिया केशव मौर्या ने। सिवाय अपनी सरकार के गठन के तत्‍काल इस बयान के, कि बारिश के पहले तक प्रदेश की सड़कें चकाचक कर दीजाएंगेी। तब से अब तक तीन मौके आये यूपी में जब बारिश हुई, लेकिन सडकें बद से बदतरीन ही होती गयीं।

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