हत्‍यारे-दुराचारी डॉक्‍टर देखना है? सरकारी अस्‍पताल पहुंचिए

दोलत्ती

: स्वास्थ्य मंत्री ने चुन कर भरे हैं घोषित अपराधी और कातिल : जौनपुर में सीएमएस पर गंभीर मामले, मंत्री ने प्राइज पोस्टिंग थमा दी : हत्यारे-व्यभिचारी डॉक्टरों की पोस्टिंग अब सरकारी अस्पताल में :
कुमार सौवीर
जौनपुर : आपको हत्यारे की जरूरत है? या फिर किसी दुराचारी को खोजना है? किसी व्यभिचारी की आवश्यकता पड गयी है? अथवा किसी ठग-लैमार या झूठे व्यक्ति की जरूरत है? या फिर किसी मरीज की जरूरत है? तो आपको अब कहीं इधर-उधर भटकने की जरूरत नहीं होगी। योगी-सरकार ने आम नागरिकों के लिए अब एक नयी सुविधा लागू की है। यह सुविधा डबल-विंडो के तहत है, जो सिंगल-विंडो पर उपलब्ध की जाएगी। इस सुविधा के तहत आपको किसी दुराचारी, दुर्दान्‍त हत्यारे, बेशर्म बेईमान, घूसखोर या लालुप व्यभिचारी खोजने के लिए कहीं और भटकना नहीं होगा, बल्कि ऐसे घटियों की उपलब्धि आपको हमेशा आपकी चु​टकियों में ही मिल हो जाएगी। आपके आसपास के सरकारी अस्‍पतालों में।
योगी-सरकार के स्वास्थ्य, चिकित्सा और परिवार कल्याण विभाग के मंत्री ने इस योजना का श्रीगणेश कर दिया है। इस योजना में सरकारी यानी पीएमएचएस संवर्ग के उन सुयोग्य और कर्मठ डॉक्टरों को पुरस्‍कृत करने की योजना लागू की गयी है, जिन्हें केवल मरीज ही नहीं, बल्कि मरीज के साथ ही साथ उसके परिजनों और आसपास के तीमारदारों तथा सभी जिलों में भी मौजूद लोगों को भी मिलेगी। कोशिश की जाएगी कि आम आदमी तक ऐसी बहुआयामी सेवाएं सहज ही मुहैया हो जाएं। प्रदेश के स्वास्थ्य, चिकित्सा और परिवार कल्याण विभाग के मंत्री ने इस बारे पर्याप्त व्यवस्थाएं लागू कर दी हैं। इसके तहत उन्होंने अपने विभाग के डॉक्टरों में से उन सभी “कुशलतम चिकित्सकों” ही नहीं, बल्कि डॉक्टर की शक्ल वाले दुराचारियों, भ्रष्टाचारियों, बेईमानों और हत्यारों को कठिन परिश्रम के साथ चुना है और उन्हें चुनिंदा अस्पतालों में सीएमएस अथवा एमएस के पदों पर नियुक्त किया है।
सूत्र बताते हैं कि विभाग के मंत्री जी के कुशल नेतृत्व में ऐसे कुशल डॉक्टरों, दुराचारियों और हत्यारों को चुनिंदा अस्पतालों में उनकी योग्यता के हिसाब से तैनात किया जाएगा। मंत्री का मकसद मरीजों और उनके तीमारदारों को सिंगल-विंडो पर ही सारी सेवाएं उपलब्ध कराना ही है, ताकि योगी-सरकार की जयजयकारा ठीक से लगता रहे।
मंत्री की कल्पनाओं के साथ जो योजना विभागीय अफसरों ने तैयार की है उसका क्रियान्वयन समयबद्ध कराने के लिए मंत्री कृत-संकल्पित हैं। योजना के तहत कोई मरीज या उसका परिवारीजन अगर अपने मरीज का इलाज कराना चाहता है, तो सरकारी अस्पतालों में कुशल चिकित्सा अधीक्षकों के नेतृत्व में कुशलतम डॉक्टरों की सेवाएं उपलब्ध होंगी। इलाज केवल मरीज के मर्ज को लेकर नहीं, बल्कि मरीज की हैसियत, औकात और उसकी देहयष्टि आदि के हिसाब से ही इलाज किया जाएगा। खास कर महिलाओं के मामले में मरीज की उम्र, उसकी देहयष्टि, उसकी शक्ल, उसके गाल और शरीर के बाकी हिस्से भी मरीज ठीक से जांचेगा। इतना ही नहीं, मरीज के बारे में सारे बिंदुओं पर जांच करने के बाद ही डॉक्टर तय करेगा कि अमुक मरीज को वह सरकारी ही अस्पताल में ही ठीक से जांचेगा, अथवा उसे अपने निजी अस्पताल में रेफर कर उसका आपरेशन करेगा। युवतियों के मामले में इलाज की जांच और उसका निदान वगैरह करने का पूरा ठेका डॉक्टर खुद ही लेगा। जहां उस पर आने वाला पूरा खर्चा मरीज से ही उगाहा जाएगा। इससे फायदा यह होगा कि ऐसे डॉक्टर अगर बहुत बेईमान होंगे, तो मरीज ही उसकी भरपाई करेगा। मसलन आपरेशन, दवा और भर्ती करने-कराने का पूरा खर्चा और दारोमदार मरीज के घरवालों पर ही होगा। सरकारी अस्पताल इस झंझट से दूर रहेगा। भले ही मरीज को वाकई कोई मर्ज है भी या नहीं, इसके झंझट में सरकारी अस्पताल दूर ही रहेगा।
इतना ही नहीं, मरीज अगर मर भी जाएगा, तो उसका ठीकरा भी सरकार के बजाय डॉक्टर खुद ही सम्भाल लेगा। सूत्रों के अनुसार मंत्रीजी को विश्वस्त सूत्रों से पता चला था कि विभाग के डॉक्टरो में इश्क और छिनरपन का बडा रोग संक्रमित होता जा रहा है। ऐसे डॉक्टर सुंदर महिला मरीजों को जांचने-परखने के लिए उनके बदन में जहां-तहां हाथ लगाते-दबाते रहते हैं। लेकिन अब इस छीछालेदर से सरकारी छवि को साफ सुथरा रखने के लिए ऐसे डॉक्टरों को छूट दी जाएगी, कि वे जब भी चाहें, अपनी किसी भी उम्र, सौंदर्य अथवा बदन वाली महिला मरीज को अस्पताल के बजाय उसे प्राइवेट अस्पताल में रेफर करवा लें, और उसके बाद जो भी मन करें, करते रहें। कम से कम, ऐसे डॉक्टरों की करतूतों का असर सरकार की छवि पर तो नहीं पडेगा। (क्रमश:)

( यूपी में सरकारी अस्‍पतालों में कार्यरत बड़े डॉक्‍टरों की करतूतों पर अब करारी दोलत्‍ती लगाने जा रहे हैं हम। इस अभियान अगले कुछ दिनों तक चलेगा। इसके तहत खास तौर पर ऐसे डॉक्‍टरों की करतूतों का खुलासा किया जाएगा जिनकी हरकतें ही आपराधिक हैं, या महिला मरीजों के प्रति भी निहायत शर्मनाक रही हैं। लेकिन हैरत की बात है कि योगी-सरकार में स्‍वास्‍थ्‍य विभाग के मंत्री और उनके बड़े अफसर ऐसे डॉक्‍टरों को बाकायदा पाले रहते हैं। भले ही उनकी करतूतों के चलते योगी-सरकार की नाक ही सरेआम कट जाए। इस श्रंखला को पढ़ने के लिए लगातार दोलत्‍ती डॉट कॉम के साथ बने रहियेगा। )

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *