टीना डॉबी-अतहरों जैसों की तो मंडी सजी है यूपी में

दोलत्ती

: आशिक-मिजाजी और दिलों की तोड़फोड़ तो शगल है यूपी की नौकरशाही में : कोई मेकअप-गर्ल है, तो कोई दिलफेंक शहजादा : दुधवा जंगल में आज भी गूंजती हैं एक डीएम के हंगामे की सदायें, तो बहराइच का लाठीमार आशिक :

कुमार सौवीर

लखनऊ : राजस्‍थान के अफसरों की इश्‍क-दास्‍तान बस डेढ़ बरस में ही चकनाचूर हो गयी है। यह बड़ा सदमा वाला किस्‍सा है यहां के दो आईएएस अफसरों का, जिनमें टीना डॉबी और अतहर खान ने इश्‍क की इबारत से प्रेम जगत तो गमका दिया था। साथ जीने-मरने की कसमें करने वालें इन परवानों की अर्जी के नाम पर अदालत ने अब तलाक का परवाना जारी कर दिया है। इन दोनों ने ही एकसाथ फैसला कर लिया है कि वे साथ नहीं रहेंगे, लेकिन उनकी शादी को खारिज करने में अदालत कम से कम छह महीना और लेगी।

इन शादी के वक्‍त भी लव-जेहाद का झंझट खड़ा हुआ था, और अब उनके तलाक की अर्जी पर भी यही हंगामा छिड़ गया है। दिल्‍ली के करावल नगर से आप पार्टी से विधायक रहे कपिल मिश्र चूंकि अब भाजपा में शामिल हो चुके हैं, इसलिए कपिल ने टीना-अतहर के विवाद को लव-जेहाद की चाशनी लपेटना शुरू कर दिया है। जाहिर है कि इस आग की तपिश अभी तेज होने के आसार हैं।

लेकिन राजस्‍थान में तो यह पहला वाकया है, जब दिलजलों की बात अदालत के जरिये आम आदमी तक पहुंच गयी। वैसे यह भी सच ही है कि इन दोनों ने न तो अपनी मोहब्‍बत तो छिपाया था, और न अब उन्‍होंने अपने अलगाव की दास्‍तान को अंधेरों में रखा। बल्कि इसी बरस मार्च में जब कोरोना का लॉकडॉउन शुरू हो चुका था, इन दोनों ने अपने अलगाव को जगजाहिर करना शुरू कर‍ दिया था। शुरूआत की थी इंस्‍टाग्राम और ट्विटर, फेसबुक जैसे सोशल मीडिया वगैरह पर।

लेकिन यूपी में ऐसे जोड़े, तोड़े और फिर दोबारा जोड़े गये लोगों की दास्‍तान बेहिसाब है, जो अपने-अपने ताजमहलों को बनाने और तोड़ने और फिर नये ताजमहलों की तामीर करने पर अपनी सारी ताकत, क्षमता और दक्षता का भरपूर प्रदर्शन करते रहते हैं। वह दिन अब बीता अरसा बीत चुका लगता है, जब यूपी की ब्‍यूरोक्रेसी में दायित्‍व के प्रति गम्‍भीर, लोक-समर्पित और व्‍यवहार को लेकर संजीदा आदर्श अफसरों की मजबूत टोली हुआ करती थी। वह भी बेदाग। लेकिन आज की नौकरशाही में ऐसे लोगों की तादात लगातार बढ़ती और फलती-फूलती साफ दिखने लगी है।

कई आईएएस अफसरों ने अपने दाम्‍पत्‍य संबंधों को तोड़ लिया, और नये संबंध बना लिये। ऐसे लोगों में से कुछ ने तो अपने सीनियर से शादी कर ली, तो किसी ने अपने जूनियर से। कोई हिंसक बन कर अपने अधीनस्‍थ कर्मचारियों को लाठी मारने लगा, तो कोई जंगल में हंगामा करने लगा। एक ने तो अपने जीवनसाथी को उसके आखिरी सांस तक की प्रतीक्षा नहीं की। जबकि एक तो अपने जीवनसाथी को लेकर प्रतिशोध के आरोप लगने, तो किसी ने बेहसाब दौलत जुटाने का शगल पाल लिया। एक ने तो अपने नये जीवन साथी के लिए अपने कैडर को ठुकरा दिया, जबकि एक को उसकी पत्‍नी ही छोड़ कर हमेशा-हमेशा के लिए चली गयी।

ऐसे सारे मामलों का पूरा किस्‍सा अलग लिखा जा रहा है।

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