: चैनल की बंदी को लेकर चर्चाएं बेहिसाब, लॉक-डाउन की नौबत : अब तक कोई ठोस वजह का खुलासा नहीं हो पा रहा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : वजह क्या है यह तो पता नहीं चल पा रहा है, लेकिन एक जोरदार चर्चाएं खूब भड़कने लगी हैं कि देश के एक बड़े चैनल ने अपने स्थानीय न्यूज़ चैनल को बंद करने का फैसला किया। बताते हैं कि अचानक हुए इस दर्दनाक हादसे में तकरीबन सवा सौ पत्रकारों और गैर पत्रकारों पर भारी गाज गिरने की आशंका हो गयी है। कहने की जरूरत नहीं कि नौकरी जाने की आशंका से सिर्फ यह संस्थान ही नहीं, बल्कि देश के पूरे समाचार जगत में ही भारी खलबली मच गयी है। रही बात चर्चाओं और अफवाहों की, तो कोई इस बंदी को करोना को जिम्मेदार मान रहा है, तो कोई कोराना से फैले वैश्विक आर्थिक संकट को। भले ही उसकी कोई स्पष्ट वजह साफ न बन पायी हो, लेकिन बवाल और बवंडर खूब है।
खबर है कि यह खबर उस एक समाचार संस्थान की है जो खुद को देश का सबसे तेज समाचार देने वाला प्रतिष्ठान कहलाता है। अब तो आप समझ ही चुके होंगे कि यह संस्थान कौन सा है। दरअसल, इंडिया टुडे प्रकाशन संस्थान के एक समाचार शाखा के एक अनुषांगिक शाखा अब मुंह के बल धड़ाम होने को है। वजह पर चर्चा सिर्फ इतनी है कि इस समाचार संस्थान ने न जाने क्यों अपने आप में बदलाव का कोई रास्ता अपनाने का फैसला कर लिया है।
सूत्रों को मिली खबर के अनुसार इंडिया टुडे नामक पत्रिका के मालिक लिविंग मीडिया वेंजर्स का सहयोगी चैनल है। यह आज तक न्यूज़ चैनल का मूल चैनल है। लेकिन इसका दिल्ली आजतक चैनल को लेकर खबर है कि इस न्यूज़ चैनल के एनसीआर एडिशन यानी दिल्ली आज तक न्यूज़ चैनल को अब लॉक-डॉउन किया जा रहा है। यानी साफ-साफ शब्दों में तो यह चैनल बंद होने जा रहा है। लेकिन यह बंदी कल से होगी, या फिर दो-चार दिनों बाद, इसका पता नहीं चल पाया है। लेकिन इतना तय है बंदी होकर रहेगी और इसी कोरोना के लाक डाउन टाइम पीरियड में इसका तियां-तांचा हो जाएगा। दोलत्ती संवाददाता ने इस मसले पर लिविंग मीडिया के प्रबंधकों से बातचीत करने की कई कोशिश की, लेकिन वहां से कोई भी जवाब नहीं मिल पाया। लेकिन सूत्र बताते हैं किया कि फैसला हो चुका है।
दोलत्ती सूत्र बताते हैं कि इस बंदी की चपेट में करीब सवा सौ पत्रकार और गैर पत्रकार खेत रह जाएंगे। लेकिन उनकी सही सही संख्या का आकलन अब तक नहीं हो पाया है। आपको बता दें दिल्ली आज तक चैनल शम्स के हवाले है। शम्स से संपर्क नहीं हो पा रहा है, लेकिन सूत्रों को मिली खबर के मूल कारणों का खुलासा इसी चलते नहीं हो पा रहा है। लेकिन एक अन्य सूत्र ने बताया संभवत मीडिया और आज तक संभवत इस बारे में कोई नई तरीके से कुछ अपने आप को रिनोवेट करने की जुगाड़ में हैं। लेकिन ऐसी भयावह विश्वव्यापी मौत के कोहरे में और उससे भी ज्यादा गहरे आर्थिक मंदी संकट के माहौल में ऐसे रिनोवेशन का कोई औचित्य समझ में नहीं आ रहा है
वैसे हम आपको बता दें कि दोलत्ती टीम इस पूरे मामले में लगातार जुटी हुई है और जल्दी कुछ नई भीतरी खबरें हम अपने पाठकों तक पढ़ा सकेंगे।