: पुलिस की वर्दी पर कितना कींचड़ पड़ा है, बहराइच में देखिये : किस्सा भूमाफिया, उगाही, और योगी की नाक का : न जाने कितनी राइस मिलों को चबा चुके भू-माफिया, मजा ले रहा डीआईजी :
कुमार सौवीर
लखनऊ : अरे कोई खास बात नहीं है इसमें। ऐसा तो आजकल यूपी के अधिकांश जिलों में हो रहा है। लेकिन फर्क केवल इतना पड़ गया कि बहराइच में कोतवाल और कप्तान आपस में भिड़ गये और शुरू कर दी आपस में जूतम-पैजार। इतना ही नहीं, इन दोनों लालची और अभद्र मूर्खों पर कार्रवाई करने के बजाय पूरे मामले पर जी भर कर मजा लेता रहा है डीआईजी। वजह है यहां के रुपईडीहा और नानपारा के थाना क्षेत्रों में अपनी टांगें बेधड़क पसारे भूमाफियाओं की गतिविधियां। खबर है कि यहां बंद पड़ी कई पुरानी राइस मिलों को चबा चुके हैं नानपारा और रुपईडीहा के भू-माफिया।
बहराइच का सबसे बड़ा शहर है नानपारा। यहीं पर कोतवाल के तौर पर तैनात रहे डीके श्रीवास्तव ने कप्तान को नंगा कर दिया है। बाकायदा ऑडियो वायरल करते हुए इस कोतवाल ने कप्तान डॉ विपिन कुमार मिश्र को बदतमीज, गालीबाज ही नहीं, लुटेरा और रंगदारी वसूलने वाला पुलिस कप्तान बताया है। हैरत की बात है कि अपनी इस हरकत के पीछे इस दारोगा के पास कोई ठोस आधार भी नहीं है। लेकिन इस पूरी नंगई की असल वजह थी इन थानों-कोतवालियों की नीलामी और पुलिस की रंगदारी व वसूली।
नानपारा के कई लोगों से दोलत्ती संवाददाता की बातचीत हुई। पता चला कि रुपईडीहा में एक राइस मिल की सवा सौ बीघा जमीन को प्लॉटिंग करके बेच दिया गया है। कागजों में हेरफेर करके। इतना ही नहीं, खरीददारों में नेपाल की नागरिकता हासिल लोग भी शामिल हैं, और लेनदेन का एक बड़ा हिस्सा नेपाली करेंसी से हुआ बताया जाता है। उधर बलरामपुर स्टेट की एक बड़ी जमीन भी भू-माफियाओं ने हजम कर लिया। यह जमीन धर्मकर्म ट्रस्ट की बतायी जाती है। नानपारा में में भी एक बड़ी राइस मिल की करीब एक सौ बीघा जमीन भी भूमाफियाओं ने निपटा दिया। एक बड़े तेल व्यवसायी खानदान के एक बड़े भूखंड के चक्कर में यह ताजा ड्रामा खड़ा हुआ।
सूत्र बताते हैं कि कोतवाल और पुलिस अधीक्षक के बीच हुआ यह नंगा जूतमपैजार यहां अवैध रूप से बेची और कब्जायी जा रही जमीनों पर हिस्सा मांगने को शुरू हुआ है। नानपारा में चल रही जन-चर्चाओं के अनुसार कप्तान ने इंस्पेक्टर डीके श्रीवास्तव से तीन लाख रुपया वसूल करके यह कोतवाली डीके श्रीवास्तव को थमायी थी। सूत्रों ने बताया कि कुछ ही दिनों बाद ही डीके श्रीवास्तव से तीन लाख रुपयों की अतिरिक्त वसूली का फरमान जारी हुआ। डीके श्रीवास्तव परेशान हो गये। एक तो कोतवाली की नीलामी का तीन लाख रूपया, फिर कप्तान और डीआईजी तक दस्तूरी पहुंचाना जरूरी है। दीगर अफसर भी मुंह खोले बैठे रहते हैं। उधर अब तीन लाख रुपयों की अतिरिक्त मांग आ गयी, तो डीके श्रीवास्वत बौखला गये।
सूत्रों के अनुसार डीके श्रीवास्तव के घनिष्ठ रिश्ते भू-माफियाओं से हो गये थे, इसलिए वह किसी भी कीमत पर कोतवाली नहीं छोड़ना चाहते थे। नतीजा यह हुआ कि डीके श्रीवास्तव ने भू-माफियाओं से तीन लाख रुपयों का उधार ले लिया। उधर एसपी डॉ विपिन मिश्र ने भी जमीन के मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया। और नतीजा यह हुआ कि यह दोनों ही अफसर एक-दूसरे के कपड़े फाड़ कर परस्पर जूतम-पैजार करने लगे हैं।
इन दोनों के नग्न-नर्तन का मजा ले रहे हैं डीआईजी राकेश सिंह।
भाई आपकी तेज धार वाली कलम और इस दो लत्ती डॉट कॉम दोनों को सादर प्रणाम 💐 बहुत अच्छा लिखते है आप । अब दो लत्ती तो दो-लत्ती मारेगी ही ।