: कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारने वाले हैवान के साथ ब्रजेश पाठक की यह फोटो सब कुछ कह देती है : इसके बावजूद आप न समझें, तो यकीन मानिए कि आप वाकई बहुत भोले हैं :
कुमार सौवीर
लखनऊ : राजनीति में सब कुछ मुमकिन है। भोर की अंगड़ाई लेने वाला सूरज कुछ ही पलों में प्रभात की शुचिता से भी निकल कर दोपहर तक विष्ठा-पाखाना के ढेर में गुलाटियां मारते हुए बाकायदा लोट लगा सकता है, और शाम को किसी बार या देसी के ठेके पर भी हिचकियां ले सकता है। सड़कछाप नेता को लक्ष्य-स्वप्न आसमान के सबसे ऊंचे पायदान तक पहुंचा सकता है। और तो और, मुमकिन तो यह भी है कि किसी दुर्दान्त, नृशंस और पैशाचिक अपराधी किसी बड़े नेता के गले तक लगा सकता है, उस नेता का आर्थिक व्यवसायी बन सकता है, नेता को प्रश्रय और सुरक्षा दे सकता है, उसका संरक्षण कर सकता है। और तब ऐसा बड़े से बड़ा नेता ऐसे जघन्य अपराधी को अपनी बगल में खड़ा देख कर खुद को गौरवान्वित महसूस कर सकता है। सीना तान कर अपनी मूंछें उमेठ सकता है।
कानपुर में एकसाथ एक पुलिस उप अधीक्षक समेत आठ पुलिस कर्मचारियों को अपनी हैवानियत के चलते मौत के घाट उतारने का दुस्साहस करने वाले विकास दुबे की एक ताजा तस्वीर तो यही साबित कर रही है।
अब जरा इस फोटो में दिख रहे इन सौम्य, शालीन, भद्र, प्रसन्न और जन-सेवा के प्रति समर्पित तथा मानवता की प्रतिमा बने लोगों को पहचानने की कोशिश कीजिये। इस फोटो में साफ दिख रहे हैं उत्तर प्रदेश के विधि, कानून एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा विभाग के कैबिनेट मंत्री माननीय ब्रजेश पाठक जी।
इस “महान” मंत्री ब्रजेश पाठक के बगल में वह “महान” व्यक्तित्त्व है जिसने अपनी बेहद दुस्साहसिक करतूत से बीते शुक्रवार को यूपी पुलिस महकमे के सीओ समेत आठ पुलिस कर्मचारियों को गोलियों से भून डाला और उनके असलहे लूट कर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को नेस्तनाबूत कर डाला।
यह फोटो साबित करती है कि जितना भी बड़ा अपराधी होता है, बड़े से नेता भी राजनीति का चेरी, दासी या लौंडी बन जाता है। और वह अपराधी राजनीति के लोलुप लोगों का सिरमौर होता है। अन्नदाता बन जाता है नेताओ का।
इस फोटो को देख कर भी अगर आपको अपराधी और उनके शरणदाता नेताओ के परस्पर नापाक और घिनौने गठजोड़ पर कोई शक-शुबहा बचा रहा हो, तो …..
तो यकीन मानिए कि आप वाकई बहुत भोले हैं। ( क्रमश:)
केवल यूपी ही नहीं, दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे इस वक्त पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चा में है, जिसने पिछले दिनों कानपुर में आठ पुलिस कर्मचारियों को गोलियों से भून कर उनको मौत के घाट उतार दिया। लेकिन उसके साथ ही अब एक नया नाम जुड़ गया है प्रदेश के एक बड़े कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक का। वजह है विकास दुबे के साथ एक फोटो में अंतरगता के साथ खड़े मंत्री ब्रजेश पाठक।
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कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का खासमखास है दुर्दांत विकास दुबे
दुर्दांत विकास दुबे चाहिए ? पार्टियों के दफ्तर में होगा
मूल-प्रश्न: कौन किसके साथ फोटो खिंचवाने को आतुर था
नीला नहीं, “ब्रजेश संग विकास” की फोटो भगवा-काल की है
बीजेपी में आते ही ब्रजेश पाठक के पांव भारी: कैमरा छीना, पत्रकार को थप्पड़ मारा
धंधा मारपीट व अवैध कब्जा: ब्रजेश पाठक ने हड़पी सरकारी सुरक्षा
किसी नेता या जनप्रतिनिधि के साथ किसी आम आदमी या बाहुबली की फोटो होना यह साबित नहीं करती कि वह उसका खास है। फोटो देखने से लग रहा है कि यह किसी शादी की तस्वीर है।
मैं विकास तिवारी को डिफेंड नहीं कर रहा लेकिन तस्वीर से अंदाजा लगाना मुश्किल है कि विकास तिवारी बृजेश पाठक का खास आदमी है। यह फोटो किसी शादी की लग रही है और विभिन्न आयोजन व वैवाहिक समारोह में अक्सर लोग नेताओं के साथ सेल्फी ले लेते हैं।
मूल-प्रश्न: कौन किसके साथ फोटो खिंचवाने को आतुर था
: ब्रजेश पाठक की विकास दूबे के साथ फोटो का मतलब अलग है : फोटो में दिखने वाले लोगों की देह-भाषा यानी बॉडी-लैंग्वेज की समीक्षा करना अनिवार्य, खास कर मंत्री ब्रजेश पाठक : https://bit.ly/2Z0jfiw
यह कहना न केवल अतिश्योक्ति पूर्ण अपितु बेमानी भी है कि किसी ने किसी को पाल रखा था।राजनीतिज्ञ,प्रशासक, शिक्षक, रूपजीवा, पुलिस के पास हर स्तर और तबके के व्यक्ति आते हैं और सबकी सुनना तथा सबको बराबर की तरजीह देना मजबूरी होती है।
एक कुशल खिलाड़ी सभी पार्टी वालों को पटाने की चेष्टा में रहता है।
चुनाव तो वो सपा और बसपा से भी लड़ा था।इसका यह तात्पर्य नहीं कि वो सपा अथवा बसपा द्वारा पालित था। शक्ति नद सदैव सत्ता समुद्र की ओर उन्मुख रहता है लाभ और संरक्षण की लालसा में।
मा0 बृजेश जी को में जानता हूँ।उनकी सरलता का लाभ लेकर कोई भी फोटो खिंचवा ले, परन्तु वे इस पंक में संलिप्त हों, हो ही नहीं सकता।
मूल-प्रश्न: कौन किसके साथ फोटो खिंचवाने को आतुर था
: ब्रजेश पाठक की विकास दूबे के साथ फोटो का मतलब अलग है : फोटो में दिखने वाले लोगों की देह-भाषा यानी बॉडी-लैंग्वेज की समीक्षा करना अनिवार्य, खास कर मंत्री ब्रजेश पाठक : https://bit.ly/2Z0jfiw