मेरी शिष्‍य ने जब बताया कि मैं क्‍या हूं, तो मैं फफक कर रो पड़ा

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: दीपिका वर्मा ने शिक्षक-दिवस पर जो सम्‍मान दिया है, वह मेरे लिए अतुलनीय है : पहले तो यकीन ही नहीं आया कि यह मैं ही हूं, फिर टप्‍प-टप्‍प बरसने लगीं आंखें : गुरू तो तुम ही हो मेरी, चाहे वह दीपिका हो या फिर कविता : काश हर शख्‍स को ऐसी शिष्‍य मिलें, आमीन :

दीपिका वर्मा

नई दिल्‍ली : आज शिक्षक दिवस के मौक़े पर दिनभर एक-एक कर मुझे मेरी ज़िंदगी शुरू होने से लेकर अब तक के सभी गुरु याद आते रहें… और मेरा दिल उन्हें पूरे भाव से शुक्रिया अदा करता रहा… फिर सोचा कि आप सभी को अपने जीवन के गुरुओं से मिलवा दूं… जिनमें से कईयों से मैं खुद दोबारा नहीं मिलने पहुंच सकी… जिन्होंने मुझे जीवन के सही मायने सिखाने में मेरी मदद की.. और सही राह दिखाई… शायद आप में से कईयों के साथ भी ऐसा हुआ हो…

जीवन की सबसे पहली (दिल के सबसे करीब) गुरु मां को नमन है और दिल से भाव भरा धन्यवाद… जिन्होंने मुझे हमेशा हर छोटी-बड़ी बात के लिए सही ढंग से समझाया और कभी झुकने नहीं दिया… वैसे तो हर किसी की मां उसके सबसे करीब होती है.. और सबसे पहली गुरू भी… लेकिन मेरा और मेरी मां का नाता बहुत अलग है… क्योंकि वो मेरी सबसे अच्छी दोस्त भी है… मेरा स्वभाव, मेरे आचरण, मेरे विचार… यहां तक कि मेरी लेखन क्षमता… सब वही (मां) ही तो है… उसके ही विचार है…इसलिए पहली गुरू मां के लिए तो धन्यवाद शब्द बहुत छोटा है… बस दिल से दुआ कि उनके सिखाए गए हर ज्ञान को मैं संजो कर रख पाऊं… और लोगों में वो प्यार बांट पाऊं…

जीवन के दूसरे गुरू परम पूज्य पं. श्रीराम शर्मा आचार्य जी हैं.. जिन्होंने हर पल .. हर क्षण मुझे सही मार्ग दिखाया है… मेरी हर मुश्किल में साथ रहे हैं… वो स्थूल शरीर से तो नहीं है.. लेकिन मुझे कभी इस बात का अहसास नहीं होने दिया.. गुरुवर आपको लाख-लाख धन्यवाद.. ये धन्यवाद के शब्द से ज्यादा भाव समर्पित हैं…

जीवन के महत्वपूर्ण भाग आजीविका (मीडिया) के सबसे पहले गुरू Kumar Sauvir सर को भाव भरा धन्यवाद … जिन्होंने मुझे ना केवल पत्रकारिता से जुड़ी बारीकियां समझाईं.. बल्कि हमेशा सही रास्ते पर चलने की सलाह दी… Kumar Sauvir सर हमेशा कहते हैं.. कि मंजिल के रास्ते भले ही लंबे और टेढ़े हों.. लेकिन कभी कोई ‘शॉर्टकट’ मारने की मत सोचना… जब कभी भी मुझे इस प्रोफेशन से डर, घृणा या घुटन महसूस हुई.. तो उन्होंने हमेशा डटकर सामना करने को प्रोत्साहित किया है.. बल्कि मीडिया ही क्यों … कोई भी सही काम करने पर जमकर सराहा है…

इसके साथ ही उन सभी गुरुओं को नमन और धन्यवाद जिन्होंने मेरी हर अच्छी कोशिश को सफल बनाने में मदद की… और शिखर तक पहुंचाया…. हालांकि अभी भी सीख ही रही हूं.. और हमेशा सीखती रहूंगी.. और गुरुओं को धन्यवाद के भाव भी समर्पित करती रहूंगी… .

न्‍यूज नेशन नामक समाचार चैनल में असिस्‍टेंट प्रोड्यूसर है दीपिका वर्मा। वह लम्‍बे समय से गायत्री परिवार से भी सम्‍बद्ध है। शिक्षक दिवस पर यह लेख दीपिका ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा था।

दीपिका के उक्‍त लेख और उस पर आयीं टिप्‍पणियों को देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए : शिक्षक दिवस पर गुरू मां और आचार्य श्रीराम शर्मा

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