मेरी शिष्य ने जब बताया कि मैं क्या हूं, तो मैं फफक कर रो पड़ा
: दीपिका वर्मा ने शिक्षक-दिवस पर जो सम्मान दिया है, वह मेरे लिए अतुलनीय है : पहले तो यकीन ही नहीं आया कि यह मैं ही हूं, फिर टप्प-टप्प बरसने लगीं आंखें : गुरू तो तुम ही हो मेरी, चाहे वह दीपिका हो या फिर कविता : काश हर शख्स को ऐसी शिष्य मिलें, आमीन […]
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