शिक्षक भर्ती घोटाले का भंडाफोड़, आठ गिरफ्तार

दोलत्ती

: सात लाख रुपयों की एवज में आंसर-शीट बदल दिया : व्यापम घोटाले में शामिल था एलके पटेल, शिक्षक घोटाले का सरगना मिला :
विशाल ओझा
इलाहाबाद : एक तरफ जहाँ उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती पर फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है जो छात्रों के लिए बहुत बड़ा झटका है वहीं इस मामले में 69 हजार शिक्षकों की भर्ती घोटाला सामने आ गया है, जिससे इनकी नियुक्ति की सम्भावनाएं और कम हो गयी हैं। ‌ प्रयागराज पुलिस ने 69 हजार शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा करने वाले मुख्य खिलाड़ी केएल पटेल सहित कुल 8 लोगों को गिरफ्तार कर के भर्ती प्रक्रिया में भारी लेनदेन करके रिजल्ट में धांधली उजागर कर कई लोगों को पकड़ा है पकड़े गए आरोपियों के पास से लगभग साढ़े सात लाख रुपया नगद, अनेक अभ्यर्थियों के सर्टिफिकेट तथा उनके पहचान पत्र बरामद हुए हैं। उच्च न्यायालय की रोक के पहले बुधवार से जहां इस भर्ती प्रक्रिया के लिए काउंसलिंग शुरु होने जा रही थी। हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने बुधवार 3 जून को इस मामले में दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भर्ती प्रक्रिया रोकने का आदेश दिया है। कई छात्र जिनका चयन नहीं हो सका था, वे लोग रिजल्ट से नाखुश थे और दोबारा कॉपी चेक करवाने की मांग कर रहे थे। लखनऊ पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को अभ्यर्थी एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के सामने प्रस्तुत करें। सरकार आपत्तियों को निस्तारण के लिए यूजीसी को भेजे। मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 जुलाई रखी गई है। इसके अलावा हाईकोर्ट ने कहा है कि यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर एक्सपर्ट ओपिनियन लिया जाएगा। एक्सपर्ट का ओपिनियन आने के बाद अब आगे फैसला होगा। गौरतलब है कि इस मामले में याचिका कर्ताओं ने 8 मई 2020 को जारी आंसर की में 4 उत्तरों को लेकर आपत्ति जताई है। याचियों का कहना है कि आपत्ति के संबंध में सक्षम अधिकारियों द्वारा कोई एक्शन न करने पर उन्होंने कोर्ट में याचिका दाखिल की है। यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार व अन्‍य को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार को 6 जुलाई से पहले अपना जवाब दाखिल करना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में 69000 शिक्षकों की भर्ती को चुनौती देने वाली शिक्षामित्रों की याचिका पर सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार बताए कि उसने भर्ती के लिए 45 फीसद सामान्य और आरक्षित के लिए 40 फीसदी के आधार को क्यों बदला। इसी के साथ कोर्ट ने यह भी कहा कि शिक्षामित्र जो सहायक शिक्षक के तौर पर कार्यरत हैं, उनको छेड़ा न जाए। कोर्ट ने कहा कि यूपी सरकार को 6 जुलाई तक चार्ट के जरिए भर्ती के सारे चरण और डिटेल बतानी होगी। दरअसल 69 हजार शिक्षकों की भर्ती का मामला पिछले एक साल से खटाई में पड़ा था और मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन था। लखनऊ पीठ में अनेक अभ्यर्थियों ने आंसर सीट बदलने और परीक्षा में धांधली होने की एक याचिका दाखिल की थी, जिस पर नियुक्ति पत्र जारी करने पर लखनऊ बेंच की हाईकोर्ट में 3 दिन पहले रोक लगा दी थी और पूरी आंसर शीट की जांच यूजीसी या किसी अन्य एजेंसी से कराने का निर्देश सरकार को दिया था। मामला तब गंभीर हो गया जब सुनवाई के अंतिम दिन फैसला सुरक्षित रख लिया गया था।
जनज्वार ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी खबर यूपी सरकार ने आनन-फानन में उसी दिन सफल अभ्यर्थियों की सूची और जिला को आवंटित कर दिया था उसमें अनेक अच्छे अभ्यर्थियों का नाम सूची में न आने पर खलबली मची और उन लोगों ने प्रयागराज के एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज से शिकायत की। उसमें राहुल नाम का एक ऐसा अभ्यर्थी था, जिसने एसएसपी से मिलकर यह बताया कि केएल पटेल नाम का एक व्यक्ति का गिरोह इसमें से अनेक पास हुए अभ्यर्थियों से पांच से 7 लाख रुपए लेकर आंसर शीट बदलवा दिया है। उसने बताया उनसे भी सौदा किया गया था। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने उसकी शिकायत को गंभीरता से लेते हुए गुरुवार 4 जून की शाम को सोरांव थाने में गिरोह के सरगना केएल पटेल सहित रूद्रपति दुबे शशि प्रकाश सरोज हरीकृष्ण सरोज कमल पटेल रंजीत मायावती दुबे आलोक उर्फ धर्मेंद्र सरोज के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया, जिस पर सोराम की पुलिस सक्रिय हुई और क्राइम ब्रांच तथा थाने की पुलिस ने रात में ही सभी को गिरफ्तार कर लिया। इसमें आलोक नाम के आरोपी के पास से कई चेक तथा अभ्यर्थियों के मूल प्रमाण पत्र मिले। यह लोग एक अभ्यार्थी से पैसा वसूलने के बाद दूसरे से वसूलने जा रहे थे। दूसरे अभियुक्त पटेल के पास से साढे सात लाख रुपए नगद और अन्य कागजात बरामद किए गए। दरअसल यह गिरोह पिछले लगभग 10 वर्षों से फर्जीवाड़ा कर रहा था। इसके पूर्व उसने लेखपाल की परीक्षा तथा अन्य सरकारी नौकरियों में भी भारी रकम वसूल करके परीक्षा में पास करा दिया था और उसमें वह सफल हुआ था। केएल पटेल और उसके साथी आलोक का नाम व्यापम व्यापम घोटाले में भी प्रकाश में आया था। इस गिरफ्तारी से यह साबित हुआ की परीक्षा में व्यापक पैमाने पर धांधली की गई और आंसर शीट बदली गई थी। हाईकोर्ट के आदेश आने के पूर्व रात में ही सूची जारी कर दी गई थी जिससे कि पैसा वसूला जा सके। लेकिन हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के बाद इनकी नियुक्ति पत्र खटाई में पड़ गई है। इसमें शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों की भी मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस फर्जीवाड़े गिरोह का सरगना केएल पटेल सीएचसी झूसी में कार्यरत है। इसके पूर्व जब उसका नाम व्यापम घोटाले में आया था तो सीएमओ ने उसकी तनख्वाह रोक दी थी। फूलपुर क्षेत्र के मुबारकपुर के पास कराने वाला केएल पटेल के पास फूलपुर में तीन और होलागढ़ में एक कॉलेज चल रहे हैं, जिसमें आईटीआई और आयुर्वेद फार्मेसी कॉलेज भी है। इलाहाबाद के राजापुर में निजी मकान में रहता है। दूसरा साथी खाद्य एवं रसद विभाग में नौकरी करता है। पकड़े गए अभियुक्तों ने लगभग 20 लोगों से पैसा लेने की बात स्वीकार की है, जिसमें अधिकांश बहरिया फूलपुर और करछना के अभ्यर्थी बताए जाते हैं। दिसंबर 2018 में सहायक शिक्षकों की भर्ती के लिए जब टीटी की परीक्षा हुई थी तो यह लगभग 40 लोग ऐसे थे, जो 80 नंबर से अधिक उत्तीर्ण अंत नहीं पाए थे लेकिन एक महीने बाद जब जनवरी 2019 में उसका लिखित परीक्षा हुई इन लोगों का नाम 140 प्राप्त अंकों वाली में आ गया। इतने अधिक अंक पाने से अनेक साथी अभ्यर्थियों में शंका हो गई की, परीक्षा में कहीं न कहीं से धांधली हुई हैऔर आंसर शीट बदला गया है। इस बीच गिरोह के सरगना केएल पटेल के स्कूल से 14 लाख रुपये शुक्रवार 5 जून को बरामद किये गये। यह रकम फूलपुर स्थित आइटीआइ कॉलेज में जमीन में गड्ढा खोदकर छिपाई गई थी। वहीं गिरोह से जुड़े एक अन्‍य सदस्‍य को भी उठाया गया है। उसके कब्जे से विभिन्न परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यार्थियों से संबंधित फाइल बरामद हुई है। इसकी जांच चल रही है। पुलिस का दावा है कि इस गैंग में कई बड़े लोगों का भी नाम सामने आ रहा है, जिसकी सच्चाई की जांच चल रही है। सोरांव पुलिस ने इस गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए बहरिया के कपसा निवासी तथा कई स्कूलों के प्रबंधक केएल पटेल, भदोही के प्रधान श्रवण दुबे समेत आठ लोगों को गिरफ्तार किया था। सभी से पूछताछ की जा रही है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *