जागरण डॉट कॉम के सम्‍पादक शेखर त्रिपाठी गिरफ्तार, इस वक्‍त थाने में

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

: मनाही के बावजूद एग्जिट पोल का प्रकाशन करने का आरोप : निर्वाचन आयोग के निर्देश पर हुई कार्रवाई : सहयोगियों की गलती वाली गगरी सम्‍पादक के माथे पर फूटी :

कुमार सौवीर और डॉ उपेंद्र

लखनऊ : दैनिक जागरण समूह के वेब-पोर्टल जागरण डॉट कॉम के सम्‍पादक शेखर त्रिपाठी उर्फ शशांक शेखर त्रिपाठी को बीती रात पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर आरोप है कि उनके पोर्टल में उनके सहयोगियों ने एग्जिट पोल प्रकाशित कर दिया था। जबकि निर्वाचन आयोग ने ऐसे किसी भी एग्जिट पोल को प्रकाशित करने पर सख्‍त मनाही कर रखी थी जिससे चुनाव पर तनिक भी प्रभावित पड़ सकता हो।

खबर है कि यह गिरफ्तारी आज तड़के हुई। गाजियाबाद पुलिस की एक टीम बीती रात उनके घर पहुंची और शशांक शेखर त्रिपाठी से भेंट कर उन्‍हें बताया कि निर्वाचन आयोग के निर्देश पर उन्‍हें हिरासत में लिया जा रहा है। शेखर त्रिपाठी ने इस पर कोई भी ऐतराज नहीं जताया, और वे पुलिसवालों के साथ थाने पर पहुंच गये। शेखर त्रिपाठी की गिरफ्तारी की खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी, और आनन-फानन उनके मित्रों का झुंड थाने पर पहुंच गया। हालांकि, सूत्रों के अनुसार अदालत खुलते ही श्री त्रिपाठी की जमानत के अर्जी और गारंटी वगैरह समस्‍त औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद उन्‍हें रिहा करा लिया जाएगा।

आपको बता दें कि शेखर त्रिपाठी का नाम देश की हिन्‍दी पत्रकारिता में एक निहायत तेज-तर्रार सम्‍पादकों में शुमार किया जाता है। खबर को सूंघने और उसका मूल्‍यांकन ही नहीं, बल्कि अपने मित्रों और परिचितों की हर एक-एक गतिविधियों पर सख्‍त निगहबानी के लिए भी शेखर त्रिपाठी को खूब महारत है। लेकिन अचानक इस तरह एग्जिट का प्रकाशन हो जाना, शेखर त्रिपाठी पर किसी दाग की तरह चस्‍पां हो गया।

डॉ उपेंद्र पाण्‍डेय ने शेखर त्रिपाठी पर फेसबुक अपडेट किया है:- अर्रे…1 घण्टे से ऐ ख़बर केवल आप मित्रों को ही है.,किसी चैनल पर नहीं दिख रही!! इक्स् क्लूसिव हो गई ये ब्रेकिंग न्यूज़…… एग्ज़िट पोल… प्रकाशन..!! दैनिक जागरण डॉट कॉम के संपादक शेखर त्रिपाठी गिरफ़्तार!! अभी अभी शेखर जी से बात हुई, इस टाइम ग़ाज़ियाबाद थाने में हैं! आरोप और विवरण की प्रतीक्षा है!! आप सभी को सलाह.. किसी तरह का कोई एग्ज़िट पोल..मतदाताओ की रायशुमारी पर आधारित कोई ट्रेण्ड इलेक्ट्रानिक माध्यमों पर शेयर करना निषेध है!! ८ मार्च की शाम वाराणसी आदि यूपी पूर्वांचल का मतदान संपन्न होने से पूर्व किसी राज्य का कोई एग्ज़िट पोल जारी करना, प्रकाशन और शेयर करना मना है!!

ग़ज़ियाबाद के कविनगर थाने में हैं, श्री शेखर त्रिपाठी. चुनाव आयोग ने उन १३ जिलों के ज़िला सूचना अधिकारियों/डिप्टी डाइरेकटरों को जागरण.पोस्ट (जागरण का अंग्रेज़ी डिजिटल पोर्टल) में एग्ज़िट पोल प्रकाशन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है, यूपी के जिन जिलों में प्रथम चरण चुनाव ११ फरवरी को हुए थे! शेखर जी जागरण प्रकाशन के सभी पॉर्टल्ज़ के एडिटर हैं, इसलिए सीधे ज़िम्मेदार न होने के बावजूद क़ानूनन प्रकाशन दायित्व उनका ही माना गया!! पत्रकारिता-“खाला का घर नाहीं, जो घर फूंके आपना चले हमारे साथ”। क्यूँ शेखर जी, इस बार अकेले अकेले!! १९९० में अयोध्या कारसेवक गोलीकाण्ड में २ नवम्बर १९९० को कुमार सौवीर और उपेन्द्र पाण्डेय भी नामज़द हुए थे!! किन्तु तब की बात…भैया विनोद शुक्ला का मज़बूत हाथ और साया था, यही मुलायम राज ख़ुद भरमाया था!! आज बहुत याद आ रहे हैं पण्डित सिंह दहाड़ -विनोद शुक्ला!!

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