सुजाता हत्याकांड: पूर्व सांसद साक्षी समेत 4 लोगों पर मुकदमा

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कभी डिग्री कालेज का प्राचार्य बनाया, और आज मौत की नींद

: हरिसाक्षी महाराज समेत सारे आरोपित फरार, पुलिस छापेमारी में जुटी : इन दोनों के बीच लम्बे समय से चल रहा था सम्पत्ति का विवाद : आश्रम से निकलते समय हुई सुजाता की हत्या :

एटा : डा. सुजाता वर्मा की हत्या के मामले में पूर्व भाजपा सांसद डा. सच्चिदानंद हरिसाक्षी महाराज के कुर्ते पर खून के छींटें आ गयी हैं। साक्षी समेत उनके परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ सुजाता की हत्या की संलिप्तता की रिपोर्ट देर शाम पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है। रिपोर्ट में पूर्व सांसद को षड्यंत्र का आरोपी बनाया गया है। हत्या की वजह सम्पत्ति का विवाद बताया गया है। एफआईआर दर्ज होने के बाद पुलिस ने साक्षी महाराज की गिरफ्तारी के लिए दवाब बनाना शुरू कर दिया है। गिरफ्तारी के लिए पूर्व सांसद के एटा स्थित उद्देतपुर आश्रम पर तीन बार छापे मारे गये। फिलहाल सभी हत्यारोपी फरार हैं।

सोमवार की रात पूर्व जिला पंचायत सदस्य एवं बाल कल्याण बोर्ड की सदस्य सुजाता वर्मा की हमलावरों ने निवास से निकलते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी थी। देर रात तक चली जद्दोजहद के बाद आरोपियों के विरुद्ध सुजाता के परिवार के सदस्य संजीव ने साक्षी महाराज के विरुद्ध षड्यंत्र रचने और उनके परिवार के तीन सदस्य विजयस्वरूप पुत्र आत्मानंद, रामसिंह पुत्र शिवदयाल, सत्यप्रकाश पुत्र चोखेलाल के खिलाफ मामला दर्ज कराया है।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके साक्षी महाराज और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछा दिया है, लेकिन घटना के कई पहलू ऐसे हैं कि जिनकी विवेचना के दौरान कई चौकाने वाले रहस्य सामने आ सकते हैं। सुजाता वर्मा के खेमे में हत्या का कारण जमीनी विवाद बताया जा रहा है। लेकिन दूसरी और खबर यह भी सामने आई है कि जमीनी विवाद को सुलझाने के लिए 18 अप्रैल को सुजाता वर्मा और साक्षी महाराज के बीच समझौता होना था।

दरअसल, आश्रम के कमरे पर सुजाता का कब्जा था, जिसको लेकर 18 अप्रैल की तिथि समझौते के लिए तय की गई थी। ऐसे में सवाल यह उठता है कि सुजाता और साक्षी के टकराव में कहीं कोई तीसरा तो खेल नहीं खेल रहा। यहां बता दें कि सुजाता वर्मा साक्षी महाराज की पूर्व में काफी करीबी रहीं। उन्हें वीरांगना कन्या अवंतीबाई महाविद्यालय का प्राचार्य बनाया गया था। साक्षी महाराज ने ही उन्हें जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़वाया था।

महाविद्यालय में गबन का आरोप लगाकर साक्षी महाराज ने सुजाता को स्कूल से निकाल दिया था। तब से दोनों के बीच विवाद चल रहा था। इस बीच पोस्टमार्टम के बाद सुजाता का शव उनके उद्देतपुर निवास पर ले जाया गया। जहां सैकड़ों की तादाद में समर्थक एकत्रित हो गये। सुजाता सामाजिक कार्यकर्ता थीं। इसलिए तमाम सामाजिक संगठनों के लोग भी पहुंचे।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय मोहन शर्मा ने बताया कि उद्देतपुर में फोर्स तैनात की गई है। वहीं शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस गश्त कर रही है। उनका कहना है कि हत्यारोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास जारी हैं। उन्होंने मामले को जल्द सुलझा लेने की उम्मीद जताई है।

 

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