मोदी को अवार्ड: छीछालेदर दर छीछालेदर

बिटिया खबर
: अरे गोलमाल है भाई सब गोलमाल है! : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पुरस्‍कार देने वाली ससलिंग वेबसाइट का पता ही नहीं खोज पायी इंडिया-टुडे की टीम : शर्मनाक बात तो यह कि लल्‍लनटॉप ने इस मामले पर खबर तो लिखी, लेकिन उसे प्रकाशित करते ही उसे अपनी साइट से हटा लिया :

कुमार सौवीर
लखनऊ : प्रधानमंत्री को मिला अवार्ड वाला मामला गजबझंझट में फंस गया है। केवल झंझट ही नहीं, बल्कि इस मामले में झंझट दर झंझट और पेंच ही पेंच मौजूद हैं। पूरा मामला ही संदिग्‍ध बनता जा रहा है। चूंकि यह मामला सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर है, इसलिए इसको लेकर चल रहे खुलासों से यह प्रकरण छीछालेदर दर छीछालेदर की सारी सीमाएं पार करता जा रहा है।
दोलत्‍ती टीम की छानबीन के अनुसार इस प्रकरण में हैरत की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिस कम्‍पनी ने यह अवार्ड दिया है, वह एक निहायत अनजान सी कम्‍पनी है। ऐसी पचासों ही नहीं, हजारों फर्जी कम्‍पनियां इस समय मौजूद हैं, जो प्रधानमंत्री जैसी बेहद ताकतवर शख्सियतों को मोहरा बना कर अपनी छवि निखारने का तैयार हैं। इतना ही नहीं, ऐसी कम्‍पनियां तो ऐसे प्रचार के लिए अरबों रूपयों तक का दांव लगाने को तैयार हो सकती हैं।
मगर दोलत्‍ती संवाददाता टीम का असल सवाल तो इस बात का है कि आखिर इस अनजान सी कम्‍पनी की पहुंच प्रधानमंत्री तक कैसे पहुंच हो गयी। इस पूरे मामले में किस की साजिश या सहमति थी, यह अब खासा संदिग्‍ध मामला बनता जा रहा है। खास तब जब कि इंडिया टुडे ने इस मामले में इस पर अपनी पूंछतांछ में एक गजब सुराग हासिल किये। मगर इससे कि पहले कि वह अपने इन सुरागों को पर्याप्‍त रूप से प्रचारित कर पाते, इंडिया टुडे की टीम के एक सहयोगी लल्‍लनटॉप ने इस ब्रेकिंग खबर को छापने के बाद के तत्‍काल ही उसे अपनी साइट से निकाल बाहर कर दिया।
दोलत्‍ती संवाददाता को मिली खबरों के अनुसार इंडिया टुडे की टीम प्रधानमंत्री को अवार्ड देने वाली कंपनी ससलिंग की वेबसाइट पर दिए गए एड्रेस पर पहुंची थी। वहां पहुंचने पर पता लगा कि वहां कोई ऑफिस नहीं, बल्कि किसी का घर अर्थात निजी आवास है। इतना ही नहीं, जो नंबर वेबसाइट पर दिया गया था वो भी किसी ससलिंस वाले को नहीं जानता। और जो वेबसाइट है वो भी अब खुल नहीं रही। इस मामले को लल्‍लनटॉप ने प्रमुखता के साथ छापा।
मगर इतना ही नहीं, हैरतनाक मामला तक बन गया जब लल्‍लनटॉप ने भी इस खबर को छापने के कुछ ही क्षण बाद ही उसे अपनी साइट से हटा लिया।
काफी कोशिशों के बावजूद हमारे दोलत्‍ती संवाददाता द्वारा लल्‍लनटॉप या इंडिया टुडे समूह के किसी प्रमुख जिम्‍मेदार शख्‍स से सम्‍पर्क नहीं किया जा सका है। लेकिन इसके बाजवूद दोलत्‍ती संवाददाताओं की टीम इस मामले में तह तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।
सब गोलमाल है भाई सब गोलमाल है!

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