राधे-मां रिटर्न्‍स। इस बार कलर्स टीवी पर दिख रही हैं राधे मां

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: अपने यौन-आग्रहों पर चर्चित रही हैं राधे : बम्‍बई हाईकोर्ट ने राधे मां पर दायर सारी याचिकाएं खारिज कीं : कलर्स टीवी के सीरियल में राधे मां का नाम तो नहीं है, लेकिन प्रस्‍तुतिकरण का पूरा तामा-झामा राधे मां के ही आसपास :

मुम्‍बई : अपने यौन-आग्रहों को लेकर पिछले दिनों बुरी तरह चर्चित रहीं धर्मगुरु राधे मां को बम्‍बई हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। अदालत ने उनके खिलाफ दाखिल सारी जनहित याचिकाओं को खारिज करते कहा है कि किसी के निजी मामलों से समाज के हित पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता। लेकिन इन हालातों के बावजूद राधे मां को अब तक कोई भी सामाजिक राहत नहीं मिलती दिख रही है। खबर है कि कलर्स टीवी चैनल ने राधे मां पर एक सीरियल शुरू कर दिया है। इसमें राधे मां का चरित्र काम-पिपासु और कम्‍पट-लम्‍पट की तरह दिखाया गया है। हालांकि इस सीरियल में सीधे तौर पर राधे मां का जिक्र या संदर्भ नहीं दिया-लिया गया है। लेकिन देखने वाले बताते हैं कि इस सीरियल में केंद्र भूमिका राधे मां के चरित्र से ही लिया गया है।

बम्‍बई हाईकोर्ट से खारिज की गयी इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया था कि राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर खुद को दुर्गा माता के रूप में पेश करती हैं और भक्तों को धोखा देकर उनसे पैसे ऐंठती हैं। याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बुधवार को न्यायाधीश वीएम कनाडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, ‘हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि राधे मां के खिलाफ दायर याचिकाओं को जनहित याचिका नहीं कहा जा सकता। इनमें कोई जनहित नहीं है बल्कि ये निजी मामले हैं।’ अदालत ने हालांकि कहा कि राधे मां के खिलाफ पुलिस या मजिस्ट्रेट अदालत में व्यक्तिगत मामले दर्ज कराए जा सकते हैं और उन पर कानून सम्मत तरीके से जांच की जा सकती है।

उल्लेखनीय है कि राधे मां पर दहेज प्रताड़ना का मामला भी चल रहा है। पिछले साल अगस्त में हाई कोर्ट ने उन्हें इस मामले में गिरफ्तारी से राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी थी। बोरिवली मजिस्ट्रेट ने पुलिस से उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच करने को कहा है।

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