: अब तक खुलासा ही नहीं हो पाया कि आखिर यह पुरस्कार किसने-किसको थमाया था : दोलत्ती की कोशिश है कि इस पुरस्कार की गुत्थी सुलझा ली जाए : आखिर कैसे वितरित हो गये यह सम्मान, और उसका मकसद क्या था :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यूपी की सत्ता के गलियारों में आजकल उन बेहूदा झोंकों की चर्चा खूब हो रही है, जिसकी केंद्र में है एक ऐसा पुरस्कार नुमा सम्मान, जिसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी बाजपेई को लेकर है। इस सम्मान-पुरस्कार का नाम है अटल। हालांकि अब तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह अटल-पुरस्कार है, अथवा अटल-सम्मान।
आपको बता दें कि यूपी में तो समाजवादी पार्टी के दौर में विभिन्न पुरस्कारों और सम्मानों का एक जोरदार झोंका फेंका, लुटाना और लूटने की परम्परा ही बन गयी थी। अक्सर कोई न कोई सम्मान किसी भी ऐरे-गैरे, नत्थू-खैरे के हाथ किसी अंधे की तरह किसी न किसी के माथे पर चस्पां हो ही जाता था। इस दौरान नये नये सम्मान बनाये और बांटे जाते थे। जिसको भी सम्मान चाहिए हुआ करता था, वह खुद ही इस बारे में अपने-अपने हिसाब से बुनावट कर कुछेक पुरस्कार-सम्मान दे-लिया करता था। किसी को सरकार के लोग बना लेते थे, तो किसी को पार्टी के दिग्गज पदाधिकारी लोग थमा दिया करते थे।
लेकिन भाजपा सरकार में फिलहाल मामला ठण्डा पड़ा है। इसलिए कुछ खाली बैठे लोगों ने बैठे-ठाले नये नये पुरस्कार-सम्मान बुनने की जुगत भिड़ा ली बतायी जाती है। लेकिन इनकी कवायद खुद हासिल करने के बजाय सरकार या पार्टी के अलावा संवैधानिक शीर्ष पदों पर आसीन लोगों की खुशामद के लिए तैयार की जा रही है। मकसद है कि सत्ता पर बैठे असरदार लोगों से करीबी गांठी जा सके।
इसी क्रम में अचानक ही एक अटल-सम्मान की चर्चा शुरू हो गयी। बताया है कि हाल ही प्रदेश के एक बड़े संवैधानिक पद पर आसीन शख्स के कार्यालय में यह सम्मान लिया और दिया गया है। और इसी के चलते ही पुरस्कार की गंध-दुर्गन्ध जहां-तहां पसरने लगी।
हालांकि अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर यह इस अटल-सम्मान का आधार क्या है और उसके प्रणेताओं का परिचय और उनकी कोशिशों का मकसद क्या है। यह भी पता नहीं चल पाया है कि यह किस व्यक्ति की उर्वर मस्तिष्क-भूमि की उपज है। हालांकि यह तो पता चल गया है कि इसमें कुछ वरिष्ठ पत्रकारों की उर्वर मस्तिष्क-भूमि की कारस्तानी है।
दोलत्ती डॉट कॉम इस मामले की गुत्थी सुलझाना चाहता है। पाठकों से अनुरोध है कि कृपया वे इस बारे में दोलत्ती टीम का गुप्त सहयोग करें।