गरीब नहीं, अब धन्‍नासेठ ही घुस पायेंगे लोहिया अस्‍पताल

बिटिया खबर

: लोहिया अस्‍पताल बना स-शुल्‍क, अखबारों ने खबर से दूरी बनायी : एक के बजाय नया परचा एक सौ रुपयों पर बनेगा : सारी जांच, भर्ती समेत सारी सुविधाएं अब केवल पैसा अदा करने पर ही मिलेगी : हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में आते हैं रोजाना लगभग डेढ़ से दो हजार मरीज :

दोलत्‍ती संवाददाता

लखनऊ : राजधानी के लोहिया अस्‍पताल अब किसी महंगे अस्‍पताल की तरह बदल चुका है। यह एक बड़ी बुरी खबर है। आम मरीज और उनके परिवारीजनों के लिए तो पहाड़ टूट जाने वाला हादसा था। लेकिन प्रदेश तो दूर लखनऊ तक के अखबारों तक ने उसको तनिक भी तवज्‍जो नहीं दी। जिसने उसको छापा भी तो एक ऐसी चिरकुट फिलर-न्‍यूज की तरह ही, मानो वह कोई खबर ही नहीं, बल्कि जान का बवाल हो। एनबीटी यानी नवभारत टाइम्‍स भी क्‍यों पीछे रहता। उसने भी उसे इस खबर को कूड़े से उठे किसी हल्‍के मामले की तरह बस यूं ही छाप डाला।
गरीब हो तो क्‍या हुआ, गैस सिलेंडर एक हजार से ऊपर, पेट्रोल एक सौ पांच रूपये, सब्‍जी की हैसियत जेब की कूवत से बाहर, आम आदमी का जीना हराम होता जा रहा है, तो सरकार क्‍या करे। जमीन से लेकर आसमान तक इतना महंगा हो गया है। लेकिन लोक-कल्‍याण के नाम पर सरकार का फैसला आया है कि अब इस अस्‍पताल में परचा बनवाने का शुल्‍क 1 रुपए के बजाय 100 होगा। खबर है कि राजधानी लखनऊ स्‍थ‍ित डॉ. राम मनोहर लोहिया संस्थान के हॉस्पिटल ब्लॉक में कुछ दिनों बाद मुफ्त इलाज की सुविधा बंद होने को है। यही नहीं, अब ओपीडी में न तो दवाएं मुफ्त मिलेंगी, न ही मुफ्त जांचें। इलाज के लिए बनने वाली 1 रुपए की पर्ची के लिए मरीजों को अब 100 रुपए चुकाने होंगे। हालांक‍ि ये 6 महीने तक मान्‍य होगा। जो जांचें पहले मुफ्त में होती थीं, उसके लिए भी अब पैसे देने होंगे। अगर मर्जी भर्ती हुआ तो 250 रुपए प्रतिदिन के ह‍िसाब से भुगतान करना होगा। फिलहाल तो यह कीमतें लोहिया अस्‍पताल में आने वाले हजारों मरीजों और यहां भर्ती होने वाले 400 मरीजों पर लागू होना है।

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आपको बता दें क‍ि लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल के विलय का आदेश साल 2019 में ही जारी कर दिया गया था। इसके साथ यह फैसला किया गया था कि दो साल तक हॉस्पिटल के सभी विभागों में मुफ्त इलाज की व्यवस्था लागू रहेगी। अब दो साल बीतने के बाद हॉस्पिटल ब्लॉक में भी संस्थान के नियम लागू करने की तैयारी शुरू हो गई है। रिपोर्ट के अनुसार हॉस्पिटल ब्लॉक की ओपीडी में प्रतिदिन लगभग डेढ़ से दो हजार मरीज आते हैं। यहां लगभग 400 बेड हैं जो अभी तक तो फ्री था। लेकिन आने वाले समय में इसके लिए पैसे चुकाने होंगे।

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इस मामले में हमने सीएमएस डॉ. राजन भटनागर से बात की। वे कहते हैं, ‘हॉस्पिटल ब्लॉक में संस्थान के नियम लागू करने के संबंध में लोहिया संस्थान प्रशासन को फिलहाल आदेश नहीं मिला है। शासन के आदेश के अनुसार व्यवस्था लागू की जाएगी। वहीं एमएस विक्रम सिंह ने बताया कि नई व्यवस्था लागू करने में थोड़ा समय लगेगा। सॉफ्टवेयर में बदलाव करने पड़ेंगे। इंफ्रास्ट्रक्चर और मैनपावर की जरूरत होगी। साथ ही कई दूसरे बदलाव करने पड़ेंगे। नई व्यवस्था लागू होने तक पुरानी व्यवस्था के तहत मरीजों को मुफ्त इलाज मिलता रहेगा।
विक्रम सिंह यह भी कहते हैं क‍ि इस बदलाव के फायदे भी हैं। वे कहते हैं क‍ि अभी हॉस्पिटल ब्लॉक में बनने वाला पर्चा 15 दिनों तक ही चलता है। ऐसे में मरीजों को बार-बार पर्चा बनवाना पड़ता था। अब जो 100 रुपये का कार्ड बनेगा वह छह महीने चलेगा। इससे भीड़ कम होगी।

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