झूठे वायदों का झांसा, बेहाल पलक ने आत्‍महत्‍या कर ली

सैड सांग

: लालच के चक्‍कर में बैंगलौर की अधेड़ महिला ने तबाह कर लिया पूरा परिवार : एसएमएस से 45 लाख के ईनाम की बात से बावली हो गयी थी पलक : पूरे घर की सारी जमा-पूंजी लुटाने के बाद भी होश नहीं आया इस महिला को :

संवाददाता

बैंगलौर : बेशक। कोई भी लालच आपको आपके लिए कम से कम श्रम में अधिकतम लाभ दिलाने का वायदा करता है। लेकिन यह जरूरी नहीं कि ऐसा हर वायदा आपको हमेशा सुख ही देता रहे। बाजार में आने वाले लुभाने वाले प्रस्‍ताव आपको लाभ दे सकते हैं, लेकिन ऐसे प्रस्‍तावों की बारीकियों को देखे-समझे अगर आपने कोई प्रस्‍ताव मान लिया तो तय मानिये कि आपकी पूंजी तो डूबेगी ही, आप और आपका पूरा परिवार भी तबाह-बर्बाद हो जाएगा।

इस अधेड़ महिला के साथ भी यही हुआ। इस महिला का नाम है पलक। पलक अपने परिवार के साथ बैंगलौर में ही रहती थीं। पति एक बड़ी कम्‍पनी में बड़े पद पर कार्यरत हैं। पूरा भरा परिवार है पलक का। अपना खुद का मकान और सारी सुख-सुविधा इस घर में मौजूद है। किसी भी चीज की कमी नहीं थी पलक के परिवार को। पलक को पूरी आजादी भी है, जहां भी चाहें, जाए, घूमे, मौज करे। लेकिन पलक का अधिकांश वक्‍त अपने परिवार को सम्‍भालने में लग जाता था।

अचानक उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया। यह किसी ऐंड्रॅयू का था। इस मैसेज में लिखा था कि एक अंतर्राष्‍ट्रीय संगठन ने पलक को 45 लाख रूपयों का नकद ईनाम दिया है। यह ईनाम पलक को उसके परिवार  और उसके समाजिक दायित्‍वों को देख कर ही दिया गया है।

यह मैसेज पढ़ कर पलक का मन-मयूर नाच उठा। उसने ऐंड्रॅयू को मैसेज  किया और पूछा कि वह अपनी जीती हुई रकम कैसे हासिल कर सकेगी।

इस पर ऐंड्रॅयू ने पलक को फोन किया ओर बताया कि इसके लिए उसे जल्‍दी ही मैसेज मिलेगा। ऐंड्रॅयू ने पलक को यह भी तसल्‍ली दी कि इस ईनाम की रकम के लिए वह परेशान न हो, और जरा तसल्‍ली रखे। क्‍योंकि यह ईनाम उसके पति और उसके परिवार के लिए किसी बड़े सरप्राइज से कम नहीं है। ऐसे में इस ईनाम की बात को आसानी से न सब को बताया जाए वरना, पूरा मजा नहीं उठा सकेगी पलक।

पलक की समझ में यह बात आ गयी। लेकिन दो-एक दिन बाद फिर उसने ऐंड्रॅयू को फोन किया। जवाब मिला कि इस बारे में सारी तैयारियां की जा रही हैं। लेकिन चूंकि यह रकम विदेश से ही आनी है इसलिए थोडी कानूनी अड़चनें हैं।

इन दोनों के बीच लगातार बातचीत होती ही रही। एक दिन ऐंड्रॅयू ने पलक को बताया कि एयरपोर्ट और कस्‍टम्‍स का टैक्‍स वगैरह पलक को भी देना पड़ेगा, उसके बाद ही उसकी ईनाम का डिमांड ड्राफ्ट क्लियर हो सकेगा। पलक ने यह टैक्‍स वगैरह की मांगी रकम उन एकाउंट पर जमा कर दी, जिसका ब्‍योरा ऐंड्रॅयू ने दिया। इसके बाद फिर पलक को बताया गया कि ड्राफ्ट तैयार हो चुका है, लेकिन इनकम टैक्‍स जमा करे बिना यह रकम उसे नहीं मिलेगी। पलक ने यह रकम भी जमा कर दी।

पलक ने छह से तेरह जून के बीच चार बैंक खातों से लाखों रूपये ट्रांसफर किये। यह रकम राहुल, हंसनाथ, शब्‍बीर आदि नाम के एकाउंट पर भेजे गये। सबसे बड़ी रकम ढाई लाख थी। कुल मिलाकर 11 लाख रूपया भेजा था पलक ने। पलक ने इस पूरी बातचीत का तनिक भी इशारा परिवार वालों से नहीं किया।

इसके बाद पलक से बताया गया कि उसे डिमांड ड्राफ्ट दिल्‍ली में ही कलेक्‍ट करना होगा। पलक अपने पति और अपने परिवारी जनों को सरप्राइज देना चाहती थी, सो दिल्‍ली रवाना हो गयी। दिल्‍ली पहुंच कर वहां भी उससे एक बड़ी रकम मांग ली गयी। लेकिन यह भारी रकम थी और इतनी रकम दे पाना पलक के वश में नहीं था। ऐसे में वह बैंगलौर लौट आयी। अब तक वह पूरी तरह समझ चुकी थी कि पलक किसी बड़े धोखेबाज गिरोह के चंगुल में आ चुकी है।

लौटने के बाद पलक लगातार अवसाद में चली गयी। और एक दिन उसने कीटनाशक खा लिया। तबियत खराब हुई तो पति और बच्‍चों ने उसे बचा लिया। इसके बाद पलक ने अपनी गलती मानी और वायदा किया कि आइंदा ऐसा वह कुछ नहीं करेगी।

लेकिन इसके बावजूद पलक ने कल अपने घर में फिर खुदकुशी कर ही ली।

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