रेप मुल्जिम को छोड़ दिया, बेगुनाह खून के घूंट पी रहा

सैड सांग

: शाहजहांपुर के पत्रकार जागेंद्र हत्‍याकाण्‍ड में पुलिस सिर्फ मनमर्जी पर आमादा : मंत्री राममूर्ति वर्मा और कोतवाल श्रीप्रकाश राय को हर ओर से क्‍लीन चिट पकड़ा दी गयी : चुपचाप निपटा दिया गया बलात्‍कार का आरोपित, पुलिस ने एफआर लगा दी : जागेंद्र सिंह के साथियों को अब आत्‍महत्‍या पर मजबूर कर रही है पुलिस :

कुमार सौवीर

लखनऊ : शाहजहांपुर का एक जाबांज पत्रकार था जागेंद्र सिंह, जिसे राममूर्ति वर्मा के इशारे पर उसके साथी कोतवाल वगैरह ने जिन्‍दा फूंक दिया था। वही राममूर्ति वर्मा यूपी में मंत्री हैं राममूर्ति वर्मा। शाहजहांपुर के रहने वाले हैं। मंत्री की करतूतों को खुलासा कर रहा था जागेंद्र और मंत्री राममूर्ति वर्मा उसे नेतस्‍नाबूद करने पर आमादा थे। कोई एक साल पहले  महिला ने मंत्री ने राममूर्ति वर्मा पर बलात्‍कार का आरोप लगाते हुए पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए अर्जी लगायी थी। लेकिन पुलिस ने उस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की। उल्‍टे यह भी प्रचारित किया कि वह महिला जागेंद्र सिंह की मित्र है। बहरहाल, पुलिस ने जब रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो हार कर महिला अदालत पहुंची और उसके बाद ही राममूर्ति वर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हो सकी।

इसके बाद ही जागेंद्र सिंह को शाहजहांपुर की घनी आबादी में उसके घर पुलिस ने चारों ओर घेराबंदी की और उसके बाद जागेंद्र सिंह को पेट्राल डाल कर जिन्‍दा फूंक दिया। इस बाबत जागेंद्र ने अपने मृत्‍यु पूर्व बयान में आरोप लगाया कि उसे जिन्‍दा फूंक दिया गया था। जागेंद्र ने आरोप लगाया कि उसकी मौत की साजिश यूपी सरकार के मंत्री राममूर्ति वर्मा ने रची  थी और उसके खासमखास कोतवाल श्रीप्रकाश ने उसके मकान को घेर कर उसको पेट्रोल डाल कर जिन्‍दा फूंक डाला।

खैर, इसके बाद तो दीगर है। लेकिन अब नया पैंतरा चल रहा है प्रशासन और पुलिस। खबर है कि राममूर्ति वर्मा के खिलाफ बलात्‍कार का जो मामला था, पुलिस ने उस पर फाइनल रिपोर्ट लगा दी है। यानी मंत्री राममूर्ति अब बेदाग बरी हो गये हैं। उन पर बलात्‍कार का कोई भी मामला अब नहीं है। अब राममूर्ति वर्मा जब चाहें, जो भी कर सकते हैं, अदालती और पुलिस थाने का चक्‍कर से वे दूर रहेंगे।

लेकिन दूसरी ओर इसी मामले में जुड़े एक अन्‍य पत्रकार राजू मिश्र को तबाह-बरबाद करने की साजिशें भी बुन रही है पुलिस। राममूर्ति वर्मा के करीबी व्‍यक्ति अमित भदौरिया ने सवा साल पहले जागेंद्र सिंह और उसके दो साथियों पर आरोप लगाया था कि उन लोगों ने तमंचा लगा कर धमकी दी थी। हैरत की बात है कि पुलिस ने इस धमकी को जानलेवा हमला के तौर पर एफआईआर दर्ज किया था। हैरत की बात है कि पुलिस  ने अमित  की अर्जी को अपने हिसाब से तोड़ा-मरोड़ा। रिपोर्ट में दर्ज है कि जागेंद्र ने तमंचा लगा कर धमकी दी, और उस  वक्‍त जागेंद्र सिंह के साथ राजू मिश्र और विनोद पाल भी मौजूद थे।

लेकिन अब पता चला है कि पुलिस और राममूर्ति वर्मा के दाहिना हाथ माने जाने वाले बीरेंद्र यादव ने राजू मिश्र और विनोद पाल को धमकी दी है कि वे अमित भदौरिया की रिपोर्ट के हिसाब से ही बयान दे दें, अन्‍यथा उन दोनों का जीना हराम कर दिया जाएगा। जागेंद्र के खिलाफ साजिशें करने वाले लोगों की मंशा है कि इस तरह जागेंद्र की मौत को उसका निजी मामला के तौर पर पेश किया जा सके और फिर मंत्री राममूर्ति वर्मा और श्रीप्रकाश समेत सारे आरोपितों पर लटकी तलवार हट सकेगी। लेकिन खबर है कि राजू और विनोद ने अपना बयान बदलने से इनकार कर दिया है। मगर इसके बाद से ही राजू और विनोद पर साजिशों के शिकंजे कसने शुरू हो गये हैं।

मंत्री राममूर्ति वर्मा और जागेंद्र सिंह से जुड़ी खबरों को देखने के लिए कृपया  निम्‍न लिंक्‍स को क्लिक कीजिए:-

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