: सुल्तानपुर के इसौली सपा विधायक के इस आरोप पर हंगामा शुरू, सीधी लड़ाई पर आमादा अध्यक्ष : भड़के विधायक ने अपने जिले के अन्य विधायक सुभाष पाण्डेय पर वोट बेचने का आरोप लगाया : पंचायत अध्यक्ष पर बमके विधायक का आरोप था कि अफसरों को भड़का रही हैं पंचायत अध्यक्ष :
कुमार सौवीर
लखनऊ : सुल्तानपुर में एक विधायक हैं अबरार अहमद मियां। समाजवादी पार्टी के ही हैं। उनका आरोप है कि सुल्तानपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह सेक्स-रैकेट चलाती हैं। अबरार मियां ने यह आरोप एक पत्रकार को फोन पर बातचीत के दौरान लगाया। बोले कि यह औरत बदतमीज है और उसे तो मैंने ही समाजवादी पार्टी में शामिल कराया था। उनका यह भी आरोप है कि जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह बसपा के पूर्व नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खेमे की हैं। इतना ही नहीं, सपा के ही एक अन्य विधायक संतोष पाण्डेय ने भी उन्हें चार वोट बेचे थे।
जाहिर है कि इसके बाद से यह हंगामा शुरू हो चुका है। सपा में इस बातचीत को लेकर बवाल है। लेकिन अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि इस मामले में अबरार या संतोष पाण्डेय के खिलाफ क्या-क्या कार्रवाई होनी है या फिर कोई भी एक्शन नहीं होना है। लेकिन इस पूरे हादसे ने समाजवादी पार्टी में चल रहे जड़-उखाड़ विवाद को सतह पर ला खड़ा कर दिया है।
आपको बता दें कि सुल्तानपुर के विधायक है अबरार। वह इसौली विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। अबरार की छवि एक बकबकी शख्स की है। कुछ लोग तो यह तक कहते हैं कि उम्र का तकाजा अब जुबान खराब करने पर आमादा है। लेकिन इस दौरान उनका यह रवैया अचानक ज्यादा भड़क गया। वजह यह कि जिले की राजनीति में उनका एकदम से ही हाशिये पर आ जाना। उन्हे भय रहता है कि उनकी जड़ें खोदी जा रही हैं और इस तरह उनकी तो कीमत ही एकदम धड़ाम हो जाएगी।
इसी बीच उन्हें पता चला कि जिला पंचायत अध्यक्ष ने अपने घर आयोजित एक रोजा-अफतार पार्टी आयोजित की थी। इसमें जिले की सारी आला शख्सियतों को बुलव्वा दिया गया था। अफसर भी मौजूद थे। बताते हैं कि यह पार्टी एकदम झक्कास और जोरदार थी। पॉलिटिकली भी इस पार्टी का खासा असर देखा-समझा जा रहा था। बताया जा रहा है कि इसके बाद से जिला पंचायत अध्यक्ष का कद कम से कम अबरार मिया के सामने बिलकुल बौना ही हो गया।
इसके बाद से ही अबरार हुसैन बिदक गये। तय किया कि वे भी एक शानदार आफ्तर पार्टी आयोजित करेंगे। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गयीं। बेहिसाब पैसा खर्च हुआ और पार्टी को जमाने में पूरी ताकत लगा दी गयी। लेकिन यह क्या। इस पार्टी में सरकारी अफसर तो न के बराबर ही आये। न जिला अधिकारी आया और न ही पुलिस अधीक्षक। और डीएम-एसपी नहीं आया, तो फिर न अर्दली-दरबान आया और न ही कोई दारोगा-सिपाही या होमगार्ड तक नहीं। पूरी इज्जत दो-कौड़ी की हो गयी। साख पर पलीता लग गया। पूरे जिले में थू-थू होने लगी। इस पर बस अबरार बिदक गये। उन्होंने पूछतांछ की तो पता चला कि जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह और उनके पति शिवकुमार सिंह ने जिले के अफसरों से कह दिया था कि वे लोग अबरार की पार्टी से दूर ही रहें। उनका कहना है कि उनके कहने पर ही यह अफसर इस बूढे विधायक के घर घास डालने नहीं पहुंचे।
फिर क्या था। अबरार मियां का मूड खराब हो गया।
इसी बीच एक पत्रकार ने उनसे इस बारे में पूछताछ करने की कोशिश की और सीधे पूछ ही लिया कि मामला क्या है। लेकिन सवाल पूछते ही मानो, अबरार मियां की नस ही दब गयी। उन्होनें सारी पोल-पट्टी खोल डाली।
आप भी सुनिये कि आखिर अबरार ने क्या-क्या आरोप लगाये जिला पंचायत अध्यक्ष पर और क्या क्या नहीं कहा संतोष पांण्डेय वगैरह लोगों को। अध्यक्ष को तो उन्होंने सीधे सेक्स रैकेट चलाने का आरोपी लगा दिया।
इस पूरे मामले में विधायक अबरार अहमद का पक्ष जानने के लिए जब फोन करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया।