पत्रकारों के कत्‍लोआम की तैयारियां, भाले-तेजे तराशना शुरू

बिटिया खबर

: टेलीग्राफ का नॉर्थ ईस्ट एडिशन बंद, दर्जनों पत्रकार ढक्‍कन : अखबार से मेल आया। नौकरी खत्म। झारखंड एडिशन बन्द : चालीस से ज्‍यादा पत्रकारों का भविष्‍य खच्‍चाक :

दोलत्‍ती संवाददाता

कोलकाता : कोरोना का डरावना दौर और उससे उपजा लॉकडाउन अब मीडियाकर्मियों के लिए साक्षात डरावना काल में तब्‍दील होता जा रहा है। बड़े-बड़े मीडिया घरानों में अब रूदाली वाले गीतें गूंजनी लगी हैं। मीडिया घराने अपने ऑफिसों को धड़ाधड़ शटडाउन करते जा रहे हैं। जाहिर है कि मीडियाकर्मियों में घबराहट का माहौल बन चुका है। बहुत हो चुकी नौकरी, अब बजाओ बाबा जी का घंटा।

आपको बता दें कि टाइम्स ऑफ इंडिया ने इकनॉमिक टाइम्स हिंदी और सांध्य टाइम्स अखबार बन्द करने के अलावा नवभारत टाइम्स अखबार से दर्जनों लोगों को निकाल बाहर किया। इसको लेकर अभी कोई प्रतिक्रिया होने के पहले ही अब कई और घरानों में भी जान सांसत में हो गयी बतायी जाती है। खबर है कि कई दर्जन पत्रकारों और अन्‍य मीडियाकर्मियों को भी घर-बद कर दिये जाने की साजिशों बुनी जा रही हैं।

अब सूचना टेलीग्राफ अखबार से आ रही है कि इस पुराने और प्रतिष्ठित अखबार का नॉर्थ इस्ट एडिशन का प्रकाशन बन्द कर दिया गया है। इसके चलते दर्जनों लोग सड़क पर आ गए हैं। सूत्र बताते हैं कि सभी कर्मचारियों को साफ कह दिया गया है कि पहली जून से अब उनको ऑफिस नहीं आना है। इसके बजाय अगले 6 महीने की बेसिक सैलरी दे दी जाएगी। बताते हैं कि लगभग 40 स्टाफ को दफ्तर में न जाने का हुक्‍म दिया जा चुका है। गेट पर गार्डों को साफ कह दिया गया है कि यह दरवाजा अब अवांछित लोगों के लिए बंद कर दिया जाए।

बहुत हो चुकी नौकरी, अब बजाओ बाबा जी का घंटा।

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