एबीपी गिरा रे… हाय… बरेली के बाजार में…

दोलत्ती

: एक साजिश के तहत तैयार की है एबीपी न्‍यूज वालों ने यह खबर : बाजार अगर खुले हैं तो सवाल सरकार से पूछा, आम आदमी से क्‍यों : हरी शर्ट को इस तरह दिखाने का मकसद क्‍या है :
मुशाहिद रफत
बरेली : एबीपी न्यूज ने शनिवार को एक रिपोर्ट टेलीकास्ट की, जिसमें बरेली के बाजार में भीड़ और उससे कोरोना संक्रमण बढ़ने के खतरे का जिक्र किया गया। सबसे पहली बात तो यह कि बाजार में भीड़ नहीं होनी चाहिए थी। ईद हो या कोई और त्योहार, हालात ऐसे नहीं हैं कि बाजारों में भीड़ लगाई जाए। लिहाजा, अगर एबीपी न्यूज की इस रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया जाए तो ज्यादती होगी। मगर यह रिपोर्ट इतनी भोली-भाली और सीधी-सादी भी नहीं है। यह रिपोर्ट क्यों कमजोर है और इसमें किन खास बिंदुओं को नजरअंदाज करके दर्शकों के साथ खेल किया गया है, आइए जरा गौर करते हैं… (यह अंत में बताऊंगा कि इस पर इतना गौर करना क्यों जरूरी है!)
प्वाइंट नंबर एक : हरी शर्ट और सफेद टोपी वाला किरदार
एबीपी न्यूज की रिपोर्ट का जो वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है, वो 2 मिनट 29 सेकेंड का है। इस क्लिप को ध्यान से देखें तो बीसवें सेकेंड में आपको हरे रंग की शर्ट और सफेद टोपी पहने एक किरदार कैमरे की ओर आता दिखाई देगा। यह नीले रंग के रूमाल से अपने चेहरे का निचला हिस्सा ढक रहा है। सत्ताइसवें सेकेंड तक यह शख्स कैमरे के फोकस में रहता है। अगले ही पल यानि अठाइसवें सेकेंड में यही शख्स कैमरे की विपरीत दिशा में जाता दिख रहा है मगर अब यह लगातार पलट-पलटकर कैमरे की ओर ही देख रहा है। फिर इकत्तीसवें सेकेंड में यह शख्स पलट कर फिर से कैमरे की तरफ चलने लगता है। लम्हे भर को इसके चेहरे से रूमाल हटने पर पता चलता है कि इसकी घनी काली दाढ़ी भी है। खैर, यह शख्स 16 सेकेंड की परफॉरमैंस देने के बाद क्लिप के छत्तीसवें सेकेंड में कैमरे से गायब हो जाता है। अगला शॉट किसी दुकान पर खड़ी बुर्कापोश औरतों का है। अब सवाल यह है हरी शर्ट, सफेद टोपी और घनी काली दाढ़ी वाले इन साहब को अलग-अलग एंगल से कैमरे में लेकर डायरेक्शन कौन दे रहा था ? अगर थोड़ा-सा समय मिल जाए तो इन सज्जन को ढूंढना नामुमकिन नहीं है। दो-तीन सवालों में ही पता चल जाएगा कि इनकी परफॉरमैंस में डायरेक्शन किसका था?
बात दरअसल यह है कि अखबार और टीवी चैनल खूब समझते हैं कि आपके पास उनके काम की समीक्षा करने का समय नहीं है। इसलिए उनका जो मन होता है, आपके टीवी स्क्रीन पर और आपके दिमाग पर थोप देते हैं। पाठक और दर्शक होने के नाते यह आपका काम है कि अखबारों और चैनलों का लीपा-थोपा समझें और पत्रकारिता के नाम पर वाहियात सोच परोसने वाले इन तथाकथित प्रहरियों से होशियार रहें।
बहरहाल, वीडियो क्लिप के छप्पनवें सेकेंड में न्यूज रीडर साहिबा बताती हैं कि “सभी दुकानें” खुली हुई हैं। यहीं से हमारा दूसरा प्वाइंट सामने आता है।
प्वाइंट नंबर दो : सभी दुकानें कैसे और क्यों खुली हैं ?
रिपोर्ट में यह तो बता दिया गया कि बरेली में लोग जमकर ईद की खरीदारी कर रहे हैं मगर यह सवाल कौन पूछेगा कि इन बाजारों में “सभी दुकानें” क्यों खुली थीं ? क्या पत्रकार महोदय भूल गए कि प्रशासन ने एक रोस्टर बनाया है, जिसके मुताबिक निर्धारित दिनों पर निर्धारित सामान की दुकानें ही खुल सकती हैं। अगर उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि “सभी दुकानें खुली हैं” तो यह सवाल कौन उठाएगा कि कौन-कौन से सामान की दुकानें खुली थीं? रोस्टर का पालन हुआ या नहीं हुआ ? अगर नहीं हुआ तो अधिकारियों की जिम्मेदारी कौन तय करेगा ? यह कौन पूछेगा कि कितने दुकानदारों पर कार्रवाई की गई ? इतना बड़ा चैनल बस यह बताकर चुप हो जाएगा कि बरेली के बाजारों में भीड़ है। बाकी सवाल कौन पूछेगा भइया ? यही हमारा तीसरा प्वाइंट है।
प्वाइंट नंबर तीन : आप सिर्फ वीडियो शेयर करेंगे, सवाल कौन पूछेगा ?
आपको याद होगा रिपोर्ट के शुरू में मैंने आपसे वादा किया था कि एबीपी न्यूज की इस रिपोर्ट पर गौर करने की वजह बताऊंगा। हकीकत यह है कि इस पूरी रिपोर्ट में मैंने यह वादा निभाया है। आपको बताया है कि यह रिपोर्ट क्यों इतनी भोली-भाली और सीधी-सादी नहीं है। यह भी बताया है कि यह रिपोर्ट क्यों कमजोर है और इसमें कौन से खास बिंदुओं को नजरअंदाज किया गया है। इसमें कोई शक नहीं कि आपने वीडियो क्लिप शेयर करके यह साबित कर दिया कि आप मूर्ख नहीं हैं। मगर इतना काफी नहीं है। आप न सिर्फ एबीपी न्यूज के संपादक और मालिकान तक अपनी यह बात पहुंचा सकते हैं बल्कि उससे भी आगे तक जा सकते हैं। अकेले इतना सब नहीं कर सकते तो मिलकर कीजिए। कब करेंगे ?

1 thought on “एबीपी गिरा रे… हाय… बरेली के बाजार में…

  1. बरेली से ABP न्यूज का संवाददाता ही कुंठित मानसिकता का ब्यक्ति है और हमेशा उस की खबरों में इसी तरह का झोल रहता है इस तरह के लोगो के हाथों में पत्रकारिता सिर्फ बदनाम होकर ही रहती हैं अगर यह ब्राह्मण नही होता तो इसे अब तक चैनल निकल कर बाहर कर देता ।इस कि और भी खबरें इसी तरह से विवादित रहीं है। यह हमेशा इसी तरह फर्जी खबरों को बरेली परोसता रहता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *