पत्रकार बने घूस से मास्‍टर, इश्‍क बच्‍ची से, जूते सिर पर

दोलत्ती

: एक नेशनल चैनल के रिपोर्टर हैं यह हजरत, पाजामा में ही हाजत फरमा गये : जौनपुर के एक कालेज में हुआ आशिकाना हादसा, मचा हंगामा :
कुमार सौवीर
लखनऊ : शिराज-ए-हिन्‍द के चेहरे पर एक पत्रकार ने कुटम्‍मस-ए-इश्‍क क्‍या चिपकाया, हंगामा खड़ा हो गया। इश्‍क भी शीरीं-फरहाद या लैला-मजनूं वाली नहीं, बल्कि साबुत एक दुराचार वाली हुई। यानी एक नन्‍ही बच्‍ची के साथ इश्‍क में गिरफ्तार होने वाली प्राथमिक पाठशाला में इंट्री मारने की अर्जी हाथों-हाथ थमाने पर आमादा थे यह पत्रकार जी। वह भी स्‍कूल टाइम में, और स्‍कूल के एक सन्‍नाटे वाले कमरे में। बात बढ़ी तो स्‍कूल में बवाल होने लगा। चलीं दनादन दोलत्‍ती दर दोलत्‍ती। पत्रकारों में आपाधापी और भाई-भतीजा शुरू हो गया। स्‍कूल के मैनेजर की दाढ़ी में तिनका धंस लगा। उधर मामला दबाने के लिए पत्रकार-कम-शिक्षक ने सारी पार्टी को सेट किया। मामला सुलटाने की कवायदें रंग लायीं, और पत्रकार के भाई-दारोगा ने मोटा मुआवजा अदा करके अपने भाई को आफत से छुड़वाया।
यह मामला है है जौनपुर का। दोलत्‍ती को मिली खबर के मुताबिक यहां एक खाते-पीते परिवार के मोटे-ताजे युवक को कुछ बरस पहले एक राष्‍ट्रीय यानी नेशनल न्‍यूज चैनल का भोंपू मिल गया था। खर्चा जरूर हुआ, लेकिन भोंपू मिलते ही उसकी हैसियत में इजाफा अचानक भाजपा के ग्राफ की तरह उचक कर आसमान तक पहुंच गया। जुल्‍फी के नाम से कुख्‍यात एक तिकड़मबाज डीएम से उसकी करीबियां बढने लगीं। नतीजा यह हुआ कि एक दिन इस पत्रकार के घर बेटी पैदा हुई, तो जुल्‍फी फौरन नर्सिंग होम पहुंच गया और लपक कर उस नन्‍हीं बच्‍ची को गोद में लेकर फोटो-सेशन करने लगा।
पत्रकार लोग तो जुल्‍फी का जयजयकारा लगाने में बिजी थे, लेकिन इसी बीच इस बच्‍ची को न जाने कैसे इलहाम हो गया कि इस जुल्‍फी की नीयत अच्‍छी नहीं है। नतीजा यह हुआ कि उस बच्‍ची ने जुल्‍फी की गोद में तेज प्रवाह वाली धारा छोड़ दी थी। नाक कट गयी जुल्‍फी की, और धंधा मंदा हो गया पत्रकार का। पत्रकार बिरादरी में भी हंसी-ठट्ठा और चर्चाएं गरमागरम परोसी जाने लगीं।
बहरहाल, पत्रकार ने अपने रिश्‍तेदारों से बातचीत की और एक कालेज में पढ़ाई करने वाली टीचर वाली नौकरी खोज ली। दोलत्‍ती बताती है कि इसके लिए मोटी रकम वसूल ली उस दाढ़ी में फंसे दाढ़ीदार मैनेजर ने। पत्रकार जी अब पत्रकारिता के साथ ही साथ मास्‍टर भी बन गये। चूंकि सिर्फ जुगाड़ से मिली थी यह नौकरी, इसलिए कुछ आता-जाता तो था नहीं। ऐसी हालत में उन पर इश्‍क का बुखार चढ़ने लगा। एक दिन स्‍कूल की कक्षा छह में पढ़ने वाली एक बच्‍ची से उन्‍होंने लप्‍पड़-झप्‍पड़ करना शुरू किया। बताते हैं कि उस बच्‍ची ने अपने घर वालों से शिकायत की कि उस मास्‍टर ने उसके साथ अश्‍लील हरकतें की हैं। उसका गाल काटा है और उसके दीगर अंगों पर बदनियत होकर मौके से नदारत हो गये हैं।
दोलत्‍ती को मिली खबर के मुताबिक शिकायत स्‍कूल में भी पहुंची। सीसीटीवी रिकार्ड में भी पुष्टि हुई कि मास्‍टर घटिया है। मास्‍टर के घरवाले भी मौके पर पहुंच गये। लेनदेन की कोशिशें भी उछलने लगीं। मामले की गर्मी को सूंघ कर पत्रकारनुमा मास्‍टर के दारोगा ने जयश्रीराम नगर पहुंच गर मामला सुलझाने की कोशिश की। खबर है कि इस बच्‍ची के घरवालों को इस पत्रकार-नुमा की करतूतों को दबाने के लिए मोटी रकम बतौर मुआवजा अदा करने का प्रस्‍ताव आया। काफी ना-नुकुर के बाद बच्‍ची के घरवाले तैयार हो गये कि मामला दब जाएगा और मास्‍टर की जान भी छूट जाएगी। इसकी एवज में मोटी रकम भी अयोध्‍या के एक थाने से मंगवाई गयी, जहां इस पत्रकार का भाई पुलिस में कार्यरत है।
अब पता चला है कि इस मामले पर पूरी तरह राख फेंकी जा चुकी हैं।

आपको बता दें कि जौनपुर पत्रकार संघ के एक पदाधिकारी भी इसी तरह की एक हरकत कर चुका है। यह हादसा तब विश्‍वविख्‍यात शायर वामिक जौनपुरी की नातिन के साथ हुआ था।

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