: राष्ट्रीय प्रेस दिवस संगोष्ठी को लेकर कलेक्ट्रेट में पत्रकारों ने किया था हंगामा, जमकर परस्पर गालियां दीं : बहराइच के जिला प्रशासन ने जो खंडन जारी किया था, किसी भी बड़े अखबार ने तनिक भी तवज्जो नहीं दी : पत्रकारों की यह एकजुटता जिले में बना चर्चा का मसला : दोलत्ती डॉट कॉम के तेवर से सहम भी गये थे पत्रकार :
कुमार सौवीर
लखनऊ : राष्ट्रीय प्रेस संगोष्ठी में दलाली में जुटे पत्रकारों को खारिज कर अफसरों से खरी-खरी बातें सुनाने वाले पत्रकारों को प्रशासन से जोड़ने की एक अपील क्या हुई, बहराइच में हंगामा हो गया। इस तरह की अपील को अपनी ही दलाली में लिप्त लोगों ने कलेक्ट्रेट परिसर में चंद पत्रकारों ने जिस तरह अपनी नग्न नीचता का प्रदर्शन किया, लेकिन सबसे शर्मनाक तो यह रहा कि जिला प्रशासन ने इस पूरे मामले को गोलमोल कर बहराइच को भ्रमित करने की साजिश कर डाली। सरे कलेक्ट्रेट परिसर में भद्दी-भद्दी गालियां देने पत्रकारों की करतूत को मौके पर मौजूद सैकड़ों नागरिकों ने देखा, उस पर पूरी बेशर्मी के साथ साफ झूठ बोलते हुए जिला प्रशासन ने उस घटना का ही खण्डन कर ऐसे समाचार को भ्रमित करने वाला करार दे दिया।
आपको बता दें कि दोलत्ती डॉट कॉम ने इस शर्मनाक हादसे पर विस्तृत खबर प्रकाशित की, तो जिला प्रशासन की पैंट ही खुल गयी। चापलूस और दलाल पत्रकारों की तरह दोलत्ती डॉट कॉम के संपादक को जिला सूचना अधिकारी जीवी सिद्दीकी ने डीएम दिनेश चंद्र के सामने जिस तरह फोन कर निहायत अराजक, अभद्र और कामचोर ढंग से व्यवहार किया, वह वाकई शर्मनाक था। जिस घटना की वायरल हो चुके वीडियोज को देख कर पूरा बहराइच ही नहीं, पूरा मंडल और प्रदेश भी बहराइच की जनता यहां की घटिया पत्रकारिता के नग्न-नर्तन से आहत होकर जिला प्रशासन पर थू-थू कर रही है, उस सचाई का इस तरह बेशर्मी से खण्डन कर देना जिला प्रशासन की कार्य-प्रणाली को पूरी तरह नंगा उधेड़ देती है।
इस वीडियो के बावजूद जिला प्रशासन जीवी सिद्दीकी ने उस घटना पर दोलत्ती डॉट कॉम की खबर को जानबूझ कर उसका खंडन कर दिया और ऐलान कर दिया कि दोलत्ती डॉट कॉम की खबर ही भ्रमिक और झूठ हैं। दोलत्ती से हुई बातचीत में सिद्दीकी ने पहले तो कह दिया था कि उस झूठी खबर से वे निजी तौर पर आहत और दुखी हैं। उनका कहना था कि ऐसा हुआ ही नहीं था। लेकिन जब दोलत्ती संपादक ने उस हादसे का वीडियो वायरल हो जाने का तर्क दिया, तो सिद्दीकी ने साफ इनकार कर दिया कि उन्होंने यह वीडियो देखा ही नहीं है। जबकि सच बात तो यही थी कि यह हादसा जिला सूचना अधिकारी कार्यालय के सामने ही हुआ था।
बहरहाल, सिद्दीकी ने इस खबर का खंडन कर अपनी मूर्खता और अकर्मण्यता का प्रमाण देते हुए जो खंडन प्रेस को जारी किया, उसे फाड़ कर हर एक बड़े अखबार ने अपने दफ्तर में रखे कूड़े दान के हवाले कर दिया। वह भी तब, जब जिला सूचना अधिकारी ने सभी दफ्तरों में पहुंच कर इस खंडन को छापने का निवेदन गिड़गिडा कर किया था और इसके लिए दबाव दिया था कि डीएम दिनेश चंद्र खुद इस खंडन को छपवाने में लालायित हैं। लेकिन इस हादसे को लेकर इन पत्रकारों ने जिला प्रशासन को मुंहतोड़ जवाब देने का फैसला कर दिया। जाहिर है कि इन पत्रकारों का यह फैसला बहराइच में सच को उजागर करने के माद्दा की एक बड़ी प्रमाण और परम्परा बनेगी।
हां, पीडीएफ के सहारे एक चौपतिया अखबार चला रहे अजय शर्मा नामक पत्रकार ने खंडन तो नहीं छापी, लेकिन डीएम की तेलाई करने के लिए मुख्यसचिव के साथ डीएम की दो-दो फोटो जरूर छाप दी।