: छाती पर ईमानदार का तमगा टांगे हैं लखनऊ के पत्रकार : पुलिस पर दबाव बना कर दो महीनों तक धोखाधड़ी की रिपोर्ट दबाये रखा इन्हीं षयंत्रकारियों ने : पत्रकारिता के चोले में गंदा धंधा करने में जुटे हैं ताजा पत्रकारों की पीढ़ी :
कुमार सौवीर
लखनऊ : लखनऊ में एक जमीन पर धोखेबाजी करके एक शख्स ने एक बैंक से करीब पांच करोड़ रूपयों का कर्जा लिया और फरार हो गया। उसकी इस साजिश में एक पत्रकार ने दिल खोलकर मदद की, और मामला पुलिस थाने में दो महीनों तक दबाये रखा। इसका मुआवजा के तौर पर उस धोखेबाज ने उस पत्रकार को मालामाल कर दिया। इतना ही नहीं, उस पत्रकार को दुबई ले जाकर वह सारी चकाचौंध का मजा लुटवा दिया, जो एक सामान्य पत्रकार के लिए अकल्पनीय होता है। लेकिन अब पत्रकार जी का यह मामला खुल गया है, और इसके साथ ही यह भी खुलासा हो गया है कि पत्रकारों की ताजा खेप पत्रकारिता के चोले के भीतर कितने गंदे धंधों का संचालित करते हैं।
यह मामला है लखनऊ के अमीनाबाद का। खबर है कि शाजी नाम के एक शख्स ने यहां की एक व्यावसायिक जमीन खरीदी थी। उस समय उसकी कीमत 85 लाख रूपयों के करीब थी, लेकिन ताजा बाजार में उसकी कीमत दो करोड़ रूपयों तक पहुंच चुकी बतायी जाती है। बहरहाल, इस जमीन पर इसी शाजी ने बाम्बे मार्केंटाइल बैंक से साढ़े चार करोड़ रूपयों का लोन ले लिया। जाहिर है कि शाजी की मंशा यह ऋण चुकाने की तो थी ही नहीं, इसलिए उसने उस जमीन किसी एक अन्य के नाम बेच दी, जो उसका अपना ही खास गुर्गा था। बताते हैं कि उस शख्स ने भी उस नयी खरीदी जमीन पर फिर लोन ले लिया।
इस धंधा का मामला इतना आसान नहीं है। शाजी ने जिस शख्स को वह सम्पत्ति बेची थी, उसने चंद महीनों बाद फिर शाजी को वापस रजिस्ट्री कर दिया। इसमें भी रजिस्ट्री का शुल्क अदा किया गया। ताकि साफ लगे कि यह बेदाग सम्पत्ति है और बिलकुल नयी-नयी है। इसके बाद इस जमीन पर फिर लोन ले लिया गया। सूत्रों का आरोप है कि ऐसा एक बार नहीं, बल्कि कई-कई सम्पत्तियों को कई-कई बार बेचा और खरीदा गया।
उधर बाम्बे मार्केंटाइल बैंक को जब इस धोखाधड़ी का अहसास हुआ तो बैंक प्रबंधन ने इस मामले की वजीरगंज पुलिस कोतवाली में दी। लेकिन तब के कोतवाल ने दो महीनों तक रिपोर्ट ही दर्ज नहीं की। बताया गया कि इस बारे में पुलिस के बड़े अफसरों ने रिपोर्ट दर्ज नहीं करने की सिफारिश की है। सूत्रों का कहना है कि साधना चैनल के पत्रकार अभिषेक मिश्रा इस मामले में खासी रूचि ले रहे थे। खबर के लिए नहीं, बल्कि शाजी की मदद करने के लिए। अभिषेक ने कई वरिष्ठ पुलिस अफसरों से मिल कर खुद को एक चैनल का पत्रकार की धौंस देते हुए यह मामला निपटाने की कवायद छेड़ दी थी। लखनऊ की एसएसपी मंजिल सैनी से अभिषेक ने इस बारे में फोन पर बातचीत की और उसके बाद उस बातचीत का ऑडियो वायरल कर दिया। सूत्र बताते हैं कि इसमें लेन-देन हुआ और अभिषेक मिश्र ने शाजी को वह ऑडियो बेच दिया।
बहरहाल, सूत्रों का कहना है कि पत्रकार अभिषेक मिश्र को शाजी ने खूब उपकृत किया। सूत्र तो बताते हैं कि शाजी से अभिषेक मिश्र मालामाल हो गये। इतना ही नहीं, शाजी ने अभिषेक मिश्रा को अपने साथ लेकर दुबई की सैर कराई और सारी चकाचौंध व रंगीनियों का मजा भी चखा दिया।
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