पार्टी का विस्तार कीजिये, विध्वंस नही: भाजपा में असंतोष की चिंगारियां

बिटिया खबर
: स्‍वामी प्रसाद मौर्य, नरेश अग्रवाल, बुक्‍कल नवाब जैसे अनगिनत आयातित लोग ही भाजपा का बंटाधार करने को पर्याप्‍त : कहां पंडित दीनदयाल उपाध्याय, नानाजी देशमुख, अटल बिहारी वाजपेयी, आडवाणी जैसे विशाल व्यक्तित्व, और कहां सत्‍तालोलुप चमगादड़ :

आईपी सिंह
लखनऊ : हमारी पार्टी का विस्तार कीजिये, विध्वंस नही। भाजपा में हर विचारधारा के नेताओं, कार्यकर्ताओं का स्वागत है। लेकिन पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी, नानाजी देशमुख,अटल बिहारी वाजपेयी जी,आडवाणी जी जैसे विशाल व्यक्तित्व सरीखे नेताओं के विचारधारा का ध्यान रखते हुए। सर्वे भवंतु सुखिनः” पार्टी के चरित्र को समझे बगैर ऐसी भाषा न बोलिए जिससे भाजपा के विस्तार की जगह विध्वंस होने लगे।

पिछले कुछ दिनों से भाजपा में शामिल हुए नेता बिना विचारधारा को समझे ये नेता भाजपा के मंच से जो बोल रहे है या कर रहे है। उससे वे हमारे भगवा पर गहरा दाग लगा रहे है। पार्टी के विस्तार पर किसी को आपत्ति नही है। लेकिन भविष्य में जो नुकसान का अंदेशा है उसको इग्नोर नही किया जा सकता है। जैसे बाबू सिंह कुशवाहा बसपा सरकार में सबसे बदनाम महाभ्र्ष्ट व्यक्ति थे NRHM घोटाले में वर्षों तक जेल में रहे, दूसरे नरेश अग्रवाल ने राज्य सभा में हमारे देवी-देवताओं की तुलना व्हिस्की, रम जैसी शराब किया। सपा को खुश करने के लिए संसद में गालियां दी। उससे देश दुनिया भर में तहलका मच गया, उन्हें भी रातोंरात पार्टी में शामिल कर लिया गया।

अभी पिछले सप्ताह भाजपा के नए मीडिया पैनलिस्ट गौरव भाटिया समाजवादी पार्टी के दूसरी पीढ़ी के नेता है उनके पिता सपा से राज्यसभा के सदस्य थे। अभी हाल में लोकतंत्र और पार्टी की विचारधारा की धज्जियां उड़ाकर रख दी। पार्टी को बदनाम किया। अपनी पहले की खुंदस के कारण एक चैनल की डिबेट में सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया को स्टूडियो से गिरफ्तार कराकर जेल भेजवा दिया जो भारत के लोकतंत्र के इतिहास की पहली घटना साबित हुई, विपक्ष से बात विवाद, चर्चा परिचर्चा होनी चाहिए लेकिन इसका यह मतलब नही कि सत्ता का दुरप्रयोग किया जाय, राजनीति में माफ कर चलना हमने तीन दशक में विचारधारा से सीखा है। इस घटना से पार्टी की छबि धूमिल हुई। और यह गिरफ्तारी इतिहास की पहली घटना इनकी नादानी से बनी।

कल तक सपा MLC बुक्कल नबाब सपा को बच्चों से पापा की जगह सपा सपा का नारा लगाने को कह रहे थे। आज एकाएक हमारे मंच पर पार्टी को गम्भीर नुकसान पहुँचा रहे है। कल हनुमान जी को मुसलमान बता दिया। प्रचंड बहुमत की सरकार बनी थी कोई जरूरत नही थी इन्हें पार्टी में शामिल कराने की लेकिन किसने पार्टी पर थोपा। उसका नतीजा है कि देश दुनिया भर में बदनामी करा रहे है।

कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या पहले देवी देवताओं को भला बुरा बोल चुके थे। उन्हें शामिल कराया गया आज रामजन्म भूमि पर मंदिर निर्माण पर हमारी प्रतिबद्धता से इतर खुलेआम मीडिया में विरोध जताते रहते है। ऐसे देशभर में बहुत से नाम है यूपी में सहयोगी दल के नेता ओम प्रकाश राजभर ने तो दम कर दिया है। क्या इनके सहारे हमारी विचारधारा या पार्टी आगे बढ़ेगी यह विचारणीय यक्ष प्रश्न पार्टी के सामने खड़ा है। कौन-कौन से ऐसे लोग है जो गम्भीर गलतियां कर रहे है जिसका खामियाजा आगे पार्टी को भुगतना पड़ेगा। इसपर गहन विचार विमर्श की जरूरत है। बाहर से आये लोगों को अवसर दिया जाय लेकिन सोच समझकर।

(आईपी सिंह का नाम छात्र-राजनीति से लेकर भाजपा में काफी जानापहचाना है। श्री सिंह इस समय प्रदेश भाजपा में प्रवक्‍ता हैं। )

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