योगी जी। सफेद झूठ बोलता है आपका एमडी

दोलत्ती

: चुटकियों में आंकड़ों में साढ़े दस लाख यात्रियों का घोटाला : 12 जून के एक ट्वीट में साढ़े 21 लाख श्रमिक का दावा, जबकि दूसरे में 32 लाख : फर्जीवाड़ा सुनहले भगवा रंग से उकेरा गया :
कुमार सौवीर
लखनऊ : कोरोना-काल के दौरान लॉकडॉउन के दौरान यूपी की ब्‍यूरोक्रेसी के कई अफसरों की करतूतें अब पूरी तरह नंगी हो गयी। हरदंद-फंद में माहिर ऐसे अफसरों ने आम आदमी को तो बर्बाद किया ही था, मुख्‍यमंत्री योगी समेत पूरी सरकार के साथ भी जमकर धोखाधड़ी की। वह भी बेशर्मी की हर सीमा पार कर। सरकारी निर्देशों का पालन करने के नाम पर जो आंकड़ों की बाजीगरी की है इन अफसरों ने, उसकी नजीर है यूपी परिवहन निगम। इस पूरे मामले में परिवहन निगम के अफसरों ने न केवल जमकर शासकीय खजाने को चोट पहुंचायी, बल्कि झूठ पर झूठ बोल कर सरकार को भी धोखे में रख दिया।
निगम के इस गोरखधंधे के चलते अब यह भी आशंकाएं सिर उठाने लगी हैं कि क्‍या वाकई इन श्रमिकों के लिए करीब 61698 बसों की व्‍यवस्‍था की गयी भी थीं, या यह सारा फर्जीवाड़ा कागज पर सुनहले भगवा रंग से पोत कर दिलकश बना दिया गया। और अगर ऐसा नहीं हुआ, तो फिर इसकी पूरी आशंका है कि परिवहन निगम के अफसरों ने प्रदेश सरकार के खजाने से फर्जी बिल लगा कर करोड़ों की धोखाधड़ी की है।
हालांकि परिवहन निगम हमेशा से ही अपनी लूट-पाट की हरकतों को लेकर खासा कुख्‍यात रहा है। लेकिन लॉक-डॉउन के दौरान आम बेहाल श्रमिकों के साथ अमानवीय हरकतों की हर सीमा को परिवहन निगम ने ध्‍वस्‍त कर डाला। जब मुम्‍बई, दिल्‍ली, लुधियाना, अहमदाबाद और चंडीगढ़ समेत दर्जनों महानगरों से लॉक-डॉउन के दौरान में स्‍त्री, पुरूष और नन्‍हें-मुन्‍ने मासूम बच्‍चे लहूलुहान पैरों से हजारों मील का सफर करते रहे। लेकिन परिवहन निगम का “कुशल प्रशासन” योगी-सरकार की आंखों में आंकड़ों की धूल ही झोंकने में व्‍यस्‍त रहा। सच बात तो यही रही कि निगम के अफसरों की कीमियागिरी और हाथ की सफाई करने वाले बाजीगरों के टीम-लीडर तो निगम के प्रबंध निदेशक ही निकले, जिन्‍होंने झूठ पर झूठ बोलने का रिकार्ड तक बना डाला, नतीजा यह हुआ कि निगम के बाकी अफसरों ने भी जमकर बेईमानी की।
प्रमाण तो परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक राजशेखर खुद ही कुबूल रहे हैं। लेकिन अनजाने में, और खुद को बहुत काबिल और होशियार साबित करने की शेखी में। इसकी नजीर देखिये उनके ट्विटर पर। किस्‍सा है 12 जून का। इसी दिन राज शेखर ने दो अलग-अलग ट्वीट कर अपनी पीठ खुद ही ठोंकने की पुराना शौक दोहराना शुरू कर दिया। पहले ट्वीट में राजशेखन ने बहुत मुदित और गदगद भाव में अपनी तारीफ के कसीदे काढ़ने शुरू कर दिये। उन्‍होंने लिखा कि योगी जी के संकल्‍प और निर्देशानुसार इस दौरान 61698 बसों के माध्‍यम से 21 लाख 59 हजार प्रवासी श्रमिकों को पूरे सम्‍मान और सुरक्षित तरीके से उनके घर तक पहुंचाया है परिवहन निगम ने। और इसके लिए परिवहन मंत्री अशोक कटारिया ने यूपीएसआरटीसी को हार्दिक बधाई दी है।
यह ट्वीट दर्ज करने के बाद राज शेखर ने अपनी कॉलर ऊंची की, कमर में कमीज को तमीज के साथ पैंट में घुसेड़ा और बेल्‍ट टाइट कर बालों पर कंघी फेरी और निकल गये परिवहन निगम की गाड़ी पर बैठ कर फुर्र। सीधे पहुंचे आरजेपायल के स्‍टूडियो पर। खुद को कूद-उछल कर अरेस्‍ट-फरेस्‍ट करवाया। वहां बने वीडियो को ट्वीट किया और चिल्‍लपों करते हुए लिखा:- बचाओ, बचाओ। मुझे एरेस्‍ट कर लिया गया है।
बहरहाल, इस अरेस्टिंग-फरेस्टिंग वाली नौटंकी से फारिग होने के दौरान राज शेखर काफी थक गये थे, इसलिए सीधे ऑफिस पहुंचे। औंघाते हुए आरामकुर्सी पर पसर गये और कॉफी की चुस्कियां लीं। इसी बीच घंटी बजी। फोन पर बताया गया कि निगम की वाहवाही करने के लिए निगम के लाखों रूपयों के खर्चा से जो एक वीडियो बनवाने का आदेश उन्‍होंने दिया था, वह बन कर तैयार हो गया है।
यह सुनते ही राजशेखर की थकान काफूर हो गयी। मुदित भाव में उन्‍होंने वीडियो बनाने वाले को बुलाया। उसके साथ तेली-तमोलियों की टीम भी आ गयी जो राजशेखर के इर्दगिर्द ही मंडराया करती है। वीडियो पसंद आया, और उसको राजशेखर ने झटपट ट्वीटर, फेसबुक, इंस्‍टाग्राम,लिंकडन समेत सारे सोशल मीडिया पर चस्‍पां कर दिया। और वह वीडियो को लेकर वे मंत्री अशोक कटारिया के करकमलों पर थमा आये। लौटते वक्‍त ढेरों सारी बधाइयों के टोकरे भी लाद लाये।
लेकिन हैरत की बात रही कि पहले ट्वीट और दूसरे ट्वीट के बीच के मात्र दो घंटे के समय-अंतराल के दौरान राजशेखर ने अपनी पीठ को अचानक इस तरह ठुंकवा लिया कि कमाल हो गया। दरअसल, यह वीडियो होते हुए बधाइयों का तांता पसरने लगा। वाह-वाही शुरू हो गयी। जिधर भी देखो, चारों ओर परिवहन निगम ही परिवहन की तूती बजने लगी थी। सचिवालय तक में ईनाम-इकराम बंटने लगा। सब समझ गये कि परिवहन निगम की इस उपलब्धि के पीछे केवल राज शेखर की ही बुद्धि और हाथ है, वरना परिवहन निगम के खटारा स्‍ट्रक्‍चर में ऐसा कमाल हो पाना नामुमकिन था।
लेकिन दोलत्‍ती संवाददाता की कड़ी नजर से यह धोखा छुप नहीं पाया। दोलत्‍ती ने जब इस वीडियो वाले ट्वीट के मैसेज देखा तो राजशेखर की शातिर धोखाधडी एकदम से साफ दिख गयी। इसमें राज शेखर लिखा था:- मा. परिवहन मंत्री श्री अशोक कटारिया जी द्वारा “लॉक डाउन के समय निगम की आपातकालीन सेवा” पर आधारिक video रिलीज़ करते हुए 32 लाख से ज़्यादा“प्रवासी श्रमिकों”को “सुरक्षित और सम्मनपुर्वक” अपने घर पहुँचाने में “विशेष योगदान”के लिए परिवहन निगम की पूरी टीम का आभार व्यक्त किया।
UPSRTCSmiling face with smiling eyesFolded hands
यानी महज दो घंटों के भीतर ही राजशेखर ने प्रवासी श्रमिक को ढोने के दावे में एकाध दर्जन, सौ, हजार या लाख ही नहीं, पूरे के पूरे साढ़े दस लाख श्रमिकों का घोटाला कर डाला।
जियो राजा राज शेखर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *