मैं तुम्हें औकात दिखा दूंगी: कहा था निशी पाण्डेय ने

सैड सांग

: डेढ महीने पहले ही यूनिवर्सिटी में हुई थी तीखी नोंकझोंक : टीचर्स और गार्ड्स की मौजूदगी में हत्थे से उखड़ गयी थीं प्रॉक्टर : लखनऊ विश्वविद्यालय में शिक्षिकाओं में अन्तर्छीछालेदर कथा- दो :

कुमार सौवीर

लखनऊ : होली के ठीक पहले लखनऊ विश्वविद्यालय में जो भी घटियापन का प्रदर्शन हुआ, उसका एक अहम पहलू अब खुल कर सामने आया है। पता चला है कि विश्‍वविद्यालय की प्रॉक्टर प्रो निशी पाण्डेय ने महिला कैलाश हॉस्टल की वार्डन प्रो शीला मिश्रा को खुलेआम धमकी दे डाली थी कि वह उन्‍हें औकात में खड़ा कर दूंगी। और इस धमकी के चंद दिनों बाद ही शीला मिश्रा को वार्डन पद से बाकायदा बेइज्जत करके हॉस्टल से निकाल बाहर कर दिया गया। लेकिन इस पूरे घटना का सबसे दर्दनाक पहलू यह रहा कि शीला मिश्रा के साथ ही साथ इस ऐतिहासिक महिला हॉस्टल की गरिमा रौंद डाली गयी।

आपको बता दें कि पिछले पखवाड़े यहां के कैलाश हॉस्टल में होली को लेकर एक जबर्दस्त तूफान आया था। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस हॉस्टल में होली खेल रही लड़कियों की रंग-बिरंगी मस्ती के एक वीडियो पर ऐतराज करते हुए यहां की प्रवोस्ट-वार्डन प्रो शीला मिश्रा को हॉस्टल से निकाल बाहर कर दिया था। आरोपों के अनुसार इस वीडियो में वार्डन शीला मिश्रा का बेटा होली खेल रहा था। प्रशासन ने  हॉस्टल में लड़कियों के साथ किसी लड़के का होली खेलने को अपराध मानते हुए इसका दोष प्रो शीला मिश्र पर मढ़ दिया और दण्डस्वरूप प्रो मिश्र को इस हॉस्टल के वार्डन से पद से हटाते हुए उन्हें हॉस्टल खाली करने का आदेश दे दिया। उधर इस घटना को लेकर विश्वविद्यालय शिक्षकों में दो-फाड़ हो गया। निशी पाण्डेय सीधे शीला मिश्र के खिलाफ ताल ठोंक बैठीं, जबकि दूसरे खेमे ने उस घटना में शीला मिश्रा की संलिप्तता नहीं मानी और कहा कि शीला मिश्रा का इस मामले में फंसाया जा रहा है। उनका कहना था कि यह दो साल पुराना वीडियो है, ऐसे में अचानक उसका संज्ञान लेना एक उच्चस्तरीय षडयंत्र ही है।

लेकिन इसके पहले प्रशासनिक तौर पर तो हंगामा किया ही गया, साथ ही साथ हॉस्टल की लड़कियों ने भी प्रो शीला मिश्र को प्रवोस्ट पद से हटाये जाने के विरोध में हॉस्टल में प्रदर्शन तक कर दिया। उधर यूनिवर्सिटी की प्रॉक्टर प्रो निशी पाण्डेय और उनकी पूरी टीम से इस्तीफा दे दिया और कहा जब तक प्रो शीला मिश्रा को हॉस्टल से नहीं हटाया जाएगा, वे प्रॉक्टर का काम नहीं सम्भालेंगी। अन्तत: शीला मिश्रा ने हॉस्टल छोड़ दिया।

बहरहाल, इस पूरे बेहद दर्दनाक हादसे को लेकर एक बड़ी खबर मिली है। लखनऊ विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया है कि कैलाश हॉस्टल में होली की मस्‍ती एक सहज घटना थी, लेकिन विश्वविद्यालय के कतिपय शिक्षकों ने उसे अपनी खुन्नस निकालने के अस्त्र के तौर पर इस्तेमाल किया। इस प्रोफेसर का कहना है कि दरअसल हॉस्टल की यह घटना कोई उतनी बड़ी घटना नहीं थी, जैसा उसका प्रस्तुतिकरण किया गया। यह तो प्रॉक्टर निशी पाण्डेय और शीला मिश्रा के बीच का एक झगड़ा था, जिसकी नींव करीब डेढ पहले पड़ी थी।

इस प्रोफेसर ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी बात को लेकर निशी पाण्डेय और शीली पाण्डेय के बीच जबर्दस्त झड़प हो गयी थी। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुछ शिक्षक और कुछ गार्ड भी मौजूद थे। आरोपों के अनुसार निशी पाण्डेय ने बहुत गुस्से में ऐलानिया अंदाज में धमकी दे दी थी कि वे शीला को औकात में खड़ा कर देंगी। उधर इस बारे में उनका पक्ष जानने के लिए जब प्रॉक्टर प्रो निशी पाण्डेय से बात करने की कोशिश की गयी तो उनका फोन नो-रिप्लाई रहा।

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