: निशी पाण्डेय व शीला मिश्रा में पटका-पटकी, यह है लखनऊ विश्वविद्यालय : दो साल पुराने वीडियो पर हंगामा। चूक है, पर तनिक भी अश्लील नहीं : प्रो शीला मिश्र का बेटा दो साल पहले इंजीनियरिंग करने बाहर चला गया : राजधानी की महिला शिक्षिकाओं में अन्तर्छीछालेदर कथा- दो :
कुमार सौवीर
लखनऊ : इसके पहले तक कोई सोच भी नहीं सकता था कि ऐन होली पर लखनऊ विश्वलविद्यालय में इतना निर्वस्त्र नग्न-नर्तन होगा। लेकिन अब ऐसा हो ही गया। अपने गौरवशाली इतिहास समेटे यूनविर्सिटी के महिला कैलाश हॉस्टल की पूरी छवि विदीर्ण-आहत हो चुकी है। सच बात तो यह है कि लखनऊ की प्रॉक्टर प्रो निशी पाण्डेय और कैलाश हॉस्टल की वार्डन प्रो शीला मिश्र के बीच छिड़ी अस्तित्व की जंग में ऐसी अभद्र होली मनायी गयी, कि पूरा लखनऊ विश्वविद्यालय और उसका कैलाश महिला हॉस्टल की निर्वस्त्र अस्मिता होकर अब खुद को छिपाने के लिए यत्र-तत्र भाग रही है। हैरत की बात तो यह है कि कुलपति और लखनऊ विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (लूटा) इस पूरे मसले पर अपना मुंह छिपाये बैठे हैं।
अगर आपको इस कैलाश हॉस्टल को लेकर पिछले दिनों हुए बवंडर की जानकारी नहीं है तो अब हम आपको बताये देते हैं कि असल घटनाक्रम क्या था। दो साल पहले इस हॉस्टल की लड़कियों ने अपने छात्र मित्रों के साथ कैलाश हॉस्टल के बाहर गेट पर जमकर होली खेली थी। हमेशा की तरह। होली खेलने के बाद जब वह लड़कियां हॉस्टल में चली गयीं। इनमें से कुछ छात्रा हॉस्टल की वार्डन प्रो शीला मिश्र के साथ खेलने के लिए उनके घर चली गयीं। शीला मिश्र का आवास हॉस्टल के भीतर ही है। उस समय इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा शीला का बेटा घर में मौजूद था।
होली खेल कर वापस अपने कमरे में लौट रहीं लड़कियों में से छह बच्चियों ने शीला के बेटे को भी होली में शामिल कर लिया। बताते हैं कि उसके बाद करीब पांच मिनट तक इन लड़कियों ने शीला के बेटे के साथ होली की मस्ती की। लेकिन केवल सहज नृत्य तक ही सीमित रहा वह कार्यक्रम। उसके बाद यह लड़कियां अपने कमरे की ओर चली गयीं और शीला का बेटा अपने घर।
उस दौरान होली खेली बच्चियों में उस घटना को लेकर इस ताजा बवाल को लेकर खासा रोष है। इस हंगामे पर बेहद क्षुब्ध और आहत इन बच्चियों ने बताया कि वह सब घटना किसी एक निजी पारिवारिक आयोजन की तौर पर थी। शीला मिश्र के इस बेटे को यह लड़कियां अपने सगे भाई की तरह मानती और स्नेह देती थीं। इसी आत्मीय अधिकार के तहत वे शीला के बेटे के साथ होली खेली थीं। इन लड़कियों का कहना है कि उस पूरे दौरान तनिक भी अभद्रता नहीं हुई। ऐसा मुमकिन होना भी नहीं था। एक लड़की का आक्रोश था कि इस मामले में इस तरह पेश किया गया है, मानो कैलाश हॉस्टल की लड़कियां कोई नंगा नाच करती रहती हैं। एक अन्य छात्रा इस मामले को प्रॉक्टर निशी पाण्डेय और वार्डन शीला मिश्रा के बीच हुई झगड़े का नतीजा मानती हैं, जिसमें शीला मिश्र को अपमानित किया गया। लेकिन अब इसकी पूरी कीमत चुकायेंगी कैलाश हॉस्टल की गरिमा और उसकी ख्याति। इस छात्रा के अनुसार जिस आधार पर इस दो साल पुराने वीडियो का संज्ञान लेकर यह शर्मनाक हंगामा हुआ, उसकी जांच होनी चाहिए। अन्यथा भविष्य में इस कैलाश हॉस्टल में आने वाली लड़कियों पर हमेशा-हमेशा काला धब्बा सहज ही पड़ जाएगा।