हिंदी फिल्मों की दीवानी हैं नेपाल के पूर्व पीएम की पत्नी

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

दोनों देशों को प्रगाढ़ करने में हिन्दी फिल्मों की भूमिका बहुत

नई दिल्ली : नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री शेरबहादुर देउबा की पत्नी डॉ. आरजू राणा देउबा नहीं मानतीं कि नेपाल में भारत विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं। उनका कहना है कि नेपाल के लोग उनकी तरह ही बॉलीवुड फिल्मों के दीवाने हैं। वह खुद भारतीय हिंदी फिल्में ‘फर्स्ट डे-फर्स्ट शो’ देखना नहीं भूलतीं। प्रेस से हुई एक बातचीत में डॉ. आरजू ने कहा कि भारतीय फिल्में भारत-नेपाल के मजबूत रिश्ते को बनाए रखने की महत्वपूर्ण कड़ी हैं।

नेपाल संविधान सभा की सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी का कहना है कि दोनों देशों के रिश्तों के संदर्भ में भले ही बहुत कुछ कहा-सुना जा रहा हो, मगर सच्चाई यह है कि दोनों देशों के बीच का रिश्ता भावनात्मक है। उन्होंने कहा कि अगर आपके यहां ‘दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ और ‘हम आपके हैं कौन’ जैसी फिल्में हिट होती हैं तो नेपाल में भी ऐसा ही होता है। कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि दोनों देशों की भौगोलिक संरचना, सामाजिकता, परंपरा और मानसिकता में ज्यादा अंतर नहीं है। डॉ. आरजू ने उच्च शिक्षा हासिल करने के दौरान उन्होंने भारत में लंबा समय बिताया है। इसलिए इस देश की विविधताभरी संस्कृति से भी उनका खासा लगाव है।

असल में डॉ. आरजू के बॉलीवुड की फिल्मों के प्रति दीवानगी का राज स्वयं उनके पति शेरबहादुर देउबा ने खोला। प्रेस क्लब में ‘प्रेस से मिलिए’ कार्यक्रम में दौरान एक पत्रकार ने उनसे नेपाल में भारत विरोधी भावनाओं में लगातार हो रही बढ़ोतरी का कारण जानना चाहा। इस पर देउबा ने तपाक से कहा, ‘कौन कहता है ऐसा? दोनों देशों के मैत्रीपूर्ण संबंधों में कोई कमी नहीं आई है। विश्वास न हो तो सामने बैठी मेरी पत्नी से पूछ लीजिए, जो भारतीय फिल्मों का पहला ही दिन और पहला ही शो देखना अभी भी नहीं भूलतीं।’

उन्होंने यह भी कहा कि चाहे शिक्षा हासिल करने का मामला हो या फिर रोजगार का। भारत नेपाल की पहली पसंद है। यहां तक कि मेरी पत्नी ने भी उच्च शिक्षा हिमाचल प्रदेश और पंजाब में हासिल की है। डॉ. आरजू इन दिनों अपने पति पूर्व प्रधानमंत्री देउबा के साथ भारत यात्रा पर हैं। डॉ. आरजू ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के सेंट बेडस कॉलेज से बीए तथा पंजाब विश्वविद्यालय से एमए तथा पीएचडी हासिल की है। भारत में शिक्षा हासिल करने के दौरान उनकी सामाजिक कार्यों में रुचि बढ़ी।

फिलहाल वह गैरसरकारी संगठन साथी के माध्यम से नेपाल में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के क्षेत्र में काम कर रही हैं। साभार अमरउजाला

 

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