नाना-दादा से पूछिये कि मंदिर जरूरी है, या देश

बिटिया खबर

: पांच दशकों पहले तक देश में भुखमरी का आलम था, दान मिले लाल गेहूं-आटा गले मे गड़ता था : गर्मी-बरसात के आठ महीने तक मलाई, पेड़ा, बर्फी, छेना, रसगुल्ला आदि दुग्ध-मिठाईयां बनाने पर मोटा जुर्माना, हलवाइयों को जेल। ताकि नौनिहालों को दूध मिलता रहे :

कुमार सौवीर

लखनऊ : हरित-क्रांति का मतलब देश के लोगों के भूखे नागरिकों को अन्न और श्वेत-क्रांति का अर्थ नागरिकों और खासकर नौनिहालों को दूध उपलब्ध करना। 55 बरस पहले तक देश में भुखमरी का आलम था, दान मिले लाल गेहूं-आटा गले मे गड़ता था, जबकि गर्मी और बरसात के आठ महीने तक मलाई, पेड़ा, बर्फी, छेना, रसगुल्ला आदि दुग्ध-मिठाईयां बनाने पर मोटा जुर्माना और हलवाइयों को जेल भेज दिया जाता था। ताकि बच्चों को दूध मिलता रहे।
आज मोदी और योगी समेत भाजपा, संघ समेत समस्त अंधभक्त राम-मंदिर निर्माण न करने पर कांग्रेस पर थूक रहे हैं। हिमाचल के चुनाव प्रचार के दौरान सवाल उठा रहे हैं योगी कि, ” क्या कांग्रेस मंदिर निर्माण करती?” लेकिन वे वही अन्धभक्त अपने गिरहबान में झांक कर इस सवाल का जवाब खोजने की जरूरत नहीं समझना चाहते हैं कि हरित-क्रांति और श्वेत-क्रांति जैसा महान दायित्व पूरा करना जरूरी था, अथवा राम-मंदिर बनाना।
इतना ही नहीं, सवाल तो मंच से ही फेंक दिया गया है कि सरकार का दायित्‍व क्‍या है और आज की सरकार क्‍या कर रही है। संविधान के अनुसार कोई भी सरकार संविधान में मूलभूत आधारों और मूल्‍यों से नहीं हट सकती है। सरकार का दायित्‍व होता ही नहीं है कि वह किसी मंदिर या मस्जिद का निर्माण करे। उसका काम तो केवल दो ही बिन्‍दुओं तक सिमटा होता है, जिनमें पहला तो है सिस्‍टम-रिफार्म और दूसरा है सोशल-रिफार्म। यानी सरकारी कामकाज और तौर-तरीकों को सुधारना और सामाजिक व्‍यवस्‍था को सुधारना। इसमें मंदिर-मस्जिद जैसे सांप्रदायिक काम ही नहीं हो सकते हैं। जनता अपने धर्म के अनुसार जीवन-निर्वाह करे, लेकिन सरकार का धर्म होता है कवल जन-कल्‍याण और जनता के लिए सुरक्षित माहौल बनाना।
बहरहाल, आपको अगर कुछ ठोस समझना हो तो जाइये, गूगल पर खोजिए दुर्भिक्षु, हरित-क्रांति और श्वेत-क्रांति का समग्र अर्थ, और उसके बाद अपने दादा-नाना और नानी-दादी से इस पर अनुभव पूछियेगा जरूर। और उसके बाद ही यह राय बनाइयेगा कि राम-मंदिर बनाना जरूरी था या भूखे-नंगे देश की भोजन और दूध मुहैया कराना जरूरी होता है अथवा नहीं।

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