: यूपी के सबसे बड़ा टीडी पीजी कालेज अब सुर्खियों में, प्रोफेसर की मासूम बच्ची से रेप की धमकी दी अधेड़-छात्र ने : एलएलएम की परीक्षा में फेल छात्र ने प्रोफेसर को फंसाने के लिए बुनी साजिशें : एलएलएम जैसी अति-विशिष्ट कक्षाओं में कैसे प्रवेश मिलता है अधेड़-छात्रों को :
कुमार सौवीर/ दोलत्ती संवाददाता
लखनऊ : किसी भी बाप की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है, उसकी बेटी की खुशियां। लेकिन आप उस वक्त क्या करेंगे, जब कोई अपराधी आप पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालते हुए उसकी मासूम बेटी के साथ रेप की धमकियां दे रहा हो। भले ही आप कितना भी समझदार होंगे, और खूब समझ रहे होंगे कि उस पर दिमागी दबाव डाला जा रहा है जिसका खामियाजा उसे भुगतना ही होगा। लेकिन इसके बावजूद आप उस अपराधी-षडयंत्रकारी पर हमला बोल ही पड़ेंगे। यूपी के सबसे बड़े कालेज टीडी पीजी कॉलेज में कानून के वरिष्ठ प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह के साथ यही हुआ है। उनके ऑडियो-क्लिप वायरल हो चुके हैं। साजिशों के अंतिम चरण के तौर पर प्रोफेसर राजेश सिंह की शिकायत राजभवन और डिप्टी सीएम तक पहुंच चुकी है। उधर इस कांड से इतना साफ जरूर हो गया है कि यूपी के कॉलेजों में एलएलएम जैसी डिग्रियां जब रेवड़ी की तरह बांटी जाएंगी, तो हाल ऐसा ही होगा।
आपको बता दें कि साजिशें और वह भी मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर कहानी गढ़ने वाला मामला मूलतः प्रायोगिक मनोविज्ञान की उच्च कक्षाओं पर पढ़ा जाना वाला विषय है। लेकिन इसकी व्याख्यायित तरीके से पहचान विधि यानी कानून की किताबों में दर्ज है। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को मनचाहे तरीके से अपने इशारों पर नचाने के तरीके होते हैं। इसके लिए सबसे पहले तो अपने शिकार की कोई कमजोर नस पहचानी जाती है। फिर उस नस को कुछ इस तरीके से दबाया जाता है कि उस का असर शिकार के दिल दिमाग तक पहुंच जाता है। उसके बाद जुबान से ठीक वही प्रतिक्रिया होती है जो शिकार मनचाहे मिशन और झूठा होता होता है। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से संबद्ध और यूपी के सबसे बड़े स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ताजा दर्ज हुए इस मामले में षड्यंत्रों की पहली बार बहुत जबरदस्त प्रभावी तरीके से यह साजिश पसर गयी। हालत यह है कि राजभवन और उप मुख्यमंत्री कार्यालय तक उसकी जद में आ गए।
टीडी कॉलेज यानी तिलकधारी सिंह स्नातकोत्तर महाविद्यालय में 6 फैकल्टी है और छात्रों की संख्या तकरीबन 18 हजार है। यहीं में विधि-कानून विभाग में एक वरिष्ठ शिक्षक हैं नाम है प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह। इसमें परीक्षाओं के दौरान जब यहां की एलएलएम की परीक्षाएं संपन्न हुई और जब उसका नतीजा सामने आया तो उसमें कई छात्र फेल हो गये। इसमें एक छात्रा तो इसी कॉलेज के एक वरिष्ठ शिक्षक की बेटी थी लेकिन इन किसी भी फेल छात्र ने इस पर कोई विवाद खड़ा नहीं किया। मगर एक छात्र मैं इस पर वितंडा खड़ा कर दिया। एक छात्र ने इस लॉ प्रोफेसर पर कुछ इस तरह मनोवैज्ञानिक दबाव डाला कि उसकी गूंज राजभवन और उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा तक पहुंच गई।
राजेश कुमार सिंह उस परीक्षा के संयोजक थे। लेकिन परीक्षा में अंक पत्रों की जांच का काम उनका नहीं था लेकिन इसके बावजूद उस छात्र ने उन पर दबाव डाला कि वह उसे पास कर दे। ऐसा मुमकिन नहीं हो पाने पर उस छात्र ने उन्हें इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया,गालियां दी, धमकी दीं, और आखिरकार जब उसने उनकी 11 वर्षीय इकलौती बच्ची के साथ रेप करने की धमकी दे दी। राजेश सिंह का सब्र टूट गया और आखिरकार भी अपनी सीमाएं तोड़ कर बाहर आ गए।
कुछ भी हो, कम से कम इतना तो जरूर है कि राजेश ने अपने पारिवारिक दायित्वों का पूरी तरह से निर्वहन किया। किसी बच्चे को उसकी बुरी बलाओं से बचाने का दायित्व किसी भी पिता के लिए सर्वोच्च होता है। रही बात राजभवन और डिप्टी सीएम के कार्यालय से होने वाली जांच और कर्रवाई का, तो दोलत्ती डॉट कॉम का मानना है कि ऐसी कोई भी कारवाई राजेश को उसके पिता के धर्म से विचलित नहीं कर सकती। हां, राज भवन और डिप्टी सीएम कार्यालय को यह जरूर देखना होगा कि इस पूरे प्रकरण में क्या-क्या षड्यंत्र किया गया। राजेश सिंह से हुई बातचीत में वायरल हुई ऑडियो क्लिप को मनचाहे, षड्यंत्र व कपट पूर्ण तरीके से एडिट कर उस छात्र ने उनके खिलाफ एक फंदा तैयार किया। उसे साफ करने की जिम्मेदारी अब राज्यपालों शिक्षा विभाग की है
राजेश कहते हैं कि अगर हम अपनी बेटी को भी सम्मान नहीं दिला पाए तो फिर ऐसे शिक्षक और जिंदगी का क्या मतलब।
राजेश सिंह से हमारे दोलत्ती डॉट कॉम संवाददाता ने लंबी बातचीत की। इस बातचीत में राजेश ने इस पूरे प्रकरण की सारी धज्जियां खोलीं। राजेश सिंह की बातचीत सुनने के लिए कृपया निम्न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
साजिशों ने राजभवन और डिप्टी सीएम तक को हिला डाला
आप ने एक पक्षीय रिपोर्टिंग की दूसरे पक्ष से बात नहीं करना क्या दर्शाता है जिले का सबसे रद्दी प्राध्यापक को क्यों बचा रहे आप उनके है कालेज का कोई साथ नहीं है आप इस अध्यापक की डाक्टरी मुआयना कर दीजिए तो उसी दिन बर्खास्त होंगे आपको कौन मैनेज कर रहा है इनको बचाने के लिए आप डिप्टी सीएम के खास है अब यही काम रह गया कि एक दोषी को बचाने का जिम्मा आप ने ले लिया गजब की रिपोर्टिंग शातिराना अंदाज़ एक पक्षीय जब मारे रोए ना देय। जौनपुर में कोई पत्रकार गलत बात का सपोर्ट नहीं किया बेहद शर्मनाक।
राजेश सिंह शराब के नशे में अपने पद की मर्यादा भूल गए ऐसी गाली सड़क छाप व्यक्ति ही दे सकता है अब शराब का नशा उतर गया है अपने बचाव में बीबी बेटी का सहारा ले रहे है सोचें कितना शर्मनाक है इन्हें प्रोफेसर कहलाने का हक नही ये तो टी डी कालेज प्रबन्धन को शर्मशार करने का काम किये है।इन्होंने कहा था कि यदि रिचेकिंग हो गयी तुम पास हो गए तो मैं नौकरी से इस्तीफा दे दूंगा ।इन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।रिपोर्टर के द्वारा छात्र शिवगिरि के खिलाफ गलत प्रचार किया जा रहा है छात्र की उम्र 38वर्ष है वह अन्य छात्रों के भविष्य की भी लड़ाई लड़कर यह जीत हासिल किया है जिसकी जितनी भी प्रसंसा की जाय कम है।प्रोफेसर गन्दा व्यक्ति है जो प्रोफेसर की शक्ल में भेड़िया बनकर कार्य कर रहा है इसे पड़ पर बने रहने का अधिकार नही है इसे तो स्वयं इस्तीफा दे देना चाहिए।