नाना-दादा से पूछिये कि मंदिर जरूरी है, या देश

: पांच दशकों पहले तक देश में भुखमरी का आलम था, दान मिले लाल गेहूं-आटा गले मे गड़ता था : गर्मी-बरसात के आठ महीने तक मलाई, पेड़ा, बर्फी, छेना, रसगुल्ला आदि दुग्ध-मिठाईयां बनाने पर मोटा जुर्माना, हलवाइयों को जेल। ताकि नौनिहालों को दूध मिलता रहे : कुमार सौवीर लखनऊ : हरित-क्रांति का मतलब देश के […]

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