मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद माफियाओं में बंटनी लगीं रेवडि़यां, साम दाम दंड भेद शुरू

बिटिया खबर
: मोदी ने लखनऊ में यूपी के विकास का नक्‍शा दिखाया, बाहुबलियों ने कानून-व्‍यवस्‍था को ठेंगा दिखाया : ठेका-पट्टा पर बरसने लगा अपराधियों का हस्‍तक्षेप, पहला दखल तो राजधानी के किसान-पथ में दिखा : राजधानी के किसान पथ पर बिजली खम्‍भा वाले काम पर अपराधियों की नोंच-खसोट :

कुमार सौवीर
लखनऊ : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले दो दिनों से लखनऊ में हैं। अरबों की योजनाओं का ऐलान करने के लिए पहुंचे हैं। यह जानकर वे गदगद हैं कि यूपी चमक रहा है, क्‍योंकि यूपी में लाजवाब कानून-व्‍यवस्‍था है। जाहिर है कि यह खबर ही नरेंद्र मोदी को अगले चुनावों में उनके स्‍वर्णिम राह में बड़ी सीढ़ी बन जाएगी। लेकिन सच तो यही है कि मोदी की इस खुशी का असर उनके आसपास के मंच तक ही सीमित है। उसके बाद बाकी आसमान में काले बादल मंडरा रहे हैं। लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह और उनकी परिकल्‍पना पर बनाये जा रहे किसान-पथ में ठेका-पट्टा को लेकर जिस तरह आपाधापी और आपसी टांग-खींचा चल रहा है, वह कानून-व्‍यवस्‍था की चुस्‍त-दुरूस्‍त के मानकों से तो कोसों दूर ही है। हैरत की बात है कि किसान-पथ पर मुन्‍ना बजरंगी की भटकती-अतृप्‍त आत्‍मा की ही तरह उनके समर्थक और विरोधी बाहुबली इसके ठेकों के लिए भिड़े जा रहे हैं। यानी विकास कार्यों की ऐसी किसी भी योजना पर साम दाम दंड भेद शुरू।

दर्जनों मांगों को उजाड़ने वाला मुन्‍ना बजरंगी बन गया स्‍वर्गीय। उसकी तेरहवीं में जुटी भारी भीड़। करणी सेना का फर्जी नेता भी पहुंचा। पूरी खबर देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
एक दुर्दांत अपराधी की तेरहवीं में आया राजस्‍थान का हिस्‍ट्रीशीटर

आपको याद होगा कि पूर्वांचल का दुर्दांत अपराधी रहा प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी ने अपनी जिंदगी में 40 से ज्यादा लोगों को मौत के खिलाफ घाट उतार दिया था। मुन्ना बजरंगी एक वक्त में मौत का साक्षात सर्वेसर्वा माना जाता था। लेकिन बागपत जेल में विभिन्न माफिया अपराधियों ने उसे बीती कहानी में तब्‍दील कर दिया। उसके बाद पूर्वांचल के बाहुबलियों में मुन्‍ना की ताकत को बांटने-छीनने की कवायद छेड़ दी है। मुन्ना की मौत को लेकर काफी चर्चित ऐसे बाहुबलियों में अपना-अपना हिस्‍सा लूटने की कोशिशें जारी हैं।
ताजा खबर है कि राजधानी लखनऊ के बाहरी क्षेत्र बनने वाली आउटर-रिंग रोड वाली सड़क में ठेका को लेकर अब उन अपराधियों का हस्तक्षेप हो रहा है जो या तो मुन्ना बजरंगी के करीबी थे या फिर उसके विरोधी। मुन्ना की पत्नी सीमा सिंह ने अपने पति की मौत के हत्या के षडयंत्रकारियों में इस बाहुबली का नाम सरेआम एलान किया था। इस आउटर रिंग रोड का नाम है किसान पथ। तकरीबन सवा सौ किलोमीटर लंबी आउटर रिंग रोड किसान पथ पर स्ट्रीट लाइट को बदलने के लिए करीब 65 करोड रुपए के चार टेंडर काफी चर्चित हुआ था सूत्र बताते हैं स्टैंडर्ड किताब इस पूरी रकम को चार टुकड़ों में बांटकर विभिन्न कंपनियों को देने की बातचीत हुई थी
सूत्र बताते हैं कि इनमें से एक 17 करोड़ के हिस्से पर एक कंपनी का मामला तय हो गया बताया जाता है। ठेके पर काबिज हुए लोग सुल्‍ तानपुर से अपनी शोहरत और धंधा संचालित करने वाले एक माफिया से जुड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि इस कंपनी में बाहुबल, धनबाद और जातिबल आदि का खुलकर इस्तेमाल किया गया है।
विश्‍वस्‍त सूत्र बताते हैं कि इस आउटर रिंग रोड मैं इसी काम के एक दूसरे हिस्से पर अपना रसूख और दबाव बनाने के लिए पूर्वांचल के एक अन्‍य बाहुबली ने भी अपना ताल ठोंका है। मुन्ना बजरंगी की हत्‍या को लेकर काफी चर्चित इस बाहुबली का नाम सामने आया था। इतना ही नहीं मुन्ना बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने तो खुले आम ही अपने पति की मौत के हत्या के षडयंत्रकारियों में इस बाहुबली का नाम का ऐलान किया था।
सूत्र ने बताया कि किसान पथ रिंग रोड में स्ट्रीट लाइट की इस लूट में अपना हिस्सा खींचना के लिए यह गिरोह निर्माणदायी कम्‍पनी के दफ्तर पहुंचा था और इस हिस्से पर अपना दावा बताते हुए अपनी मनचाही कंपनी को यह काम चलाने पर दबाव दिया था। सूत्र बताते हैं कि इस पूरी बातचीत के दौरान उस कंपनी के परियोजना से जुड़े एक बड़े अधिकारी से बाहुबली की खासी झड़प हुई और उसने बाहुबली ने उस अधिकारी को कई तमाचे में जड़ दिए थे। सूत्र बताते हैं कि उसके बाद उत्तर प्रदेश के कानून व्यवस्था का नायाब नजारा देखने से बाद हताश, आक्रोशित और अपमानित इस अधिकारी ने अपने दफ्तर से लेकर अपने उच्चाधिकारियों तक को कह दिया है कि इन हालातों में उत्तर प्रदेश में खुद को काफी असहज महसूस कर रहे हैं।

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सूत्र बताते हैं यह बाहुबली अपने बाहुबल के साथ ही साथ अपने राजनीतिक बल, धनबल, और जातिबल में भी काफी गहरी जड़ रखता है। किसान पथ के मार्ग प्रकाश के खंभों वाले इस काम के बाकी दो हिस्‍सों पर काफी दबाव पड़ रहा है कार्यदायी कम्‍पनी पर। किसी भी काम को हासिल करने के लिए बाहुबल लोग अपनी क्षमता पर जोर आजमाइश करते ही रहते हैं। लेकिन जिस तरह का यह माहौल इस पूरे मामले में इस समय दिखने लगा है वह बाहुबलियों के उद्दंड व्यवहार की नई ऊंचाइयों तक पहुंच जाने का परिणाम है। यह साबित कर दिया है उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था के दावे भले ही सरकारी तौर पर की जा रहे हो लेकिन जमीन पर यह सारे दावे जमीन चाटते दिख रहे हैं।
सूत्रों से मिली जानकारी को जब दोलत्‍ती डॉट कॉम के संवाददाता ने लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के प्रतिनिधि दिवाकर त्रिपाठी से संपर्क करने की कोशिश की तो उनका फोन नहीं उठा।

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