बेहूदगी पर आमादा शिक्षा-मित्र, “विधवा-वेश” में घूमेंगी ?

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: पहले तो शिक्षा की अर्थी सजा दी, अब स्‍त्रीत्‍व का भी मजाक बना डाला : पौने दो लाख शिक्षा-मित्रों ने योगी-सरकार पर फेंका हिन्‍दुत्‍व का एक नया तीर, हर जिले में अपना सिर मुंड़ाये घूमा करेंगी महिला शिक्षा-मित्र : काश, नौटंकी करने के बजाय सीधे शिक्षा-सुधार और आत्‍म-विश्‍लेषण करते यह लोग :

कुमार सौवीर
लखनऊ : इस हालत को आप इसको क्‍या कहेंगे। शिक्षा ही नहीं, प्रदेश के खजाने पर भारी पड़ते जा रहे यूपी के पौने दो लाख के करीब शिक्ष-मित्रों ने अपनी नौकरी को पक्‍का कराने के लिए जो दांव चलाया है, वह उनकी मजबूरी नहीं, बल्कि सरासर एक ओछी हरकत से कम नहीं है। खबर है कि यूपी में काम कर रहे शिक्षा मित्रों में से महिलाओं ने अब शिक्षामित्रों का आंदोलन अब ब्‍लैकमेलिंग के रास्‍ते से संचालित करने का तरीका खोजा है। इस नये तरीके से यह लोग योगी सरकार पर लानत भेज रही हैं, और साथ ही साथ अपने साथ हो रहे तथाकथित अन्‍याय के विरोध में अब अपना ही सिर मुडवा कर खोपड़ी सफचाट करा देने की रणनीति अख्तियार कर रही हैं।

खबर है कि शिक्षामित्रों ने अपने आंदोलन को अपने पक्ष में जीतने के लिए आंदोलन की रणनीति बदल दी है। अब वे अपनी सहयोगी महिला शिक्षामित्रों को इस आंदोलन के मोर्चे पर अग्रिम चौकी पर खड़ा करेंगी। यह महिलाओं ने इसके लिए अपने प्राण से भी प्‍यारे अपने केश यानी बालों तक को शहीद कराने का फैसला कर लिया है। रणनीति के तहत यह महिलाएं अपना सिर मुंड़वा लेंगी और फिर पूरी योगी सरकार पर लानत भेजते हुए सरकार पर दबाव देंगी, ताकि उन्‍हें प्राथमिक विद्यालयों में स्‍थाई रूप से शिक्षक के पद पर स्‍थाई कर दिया जाए।

अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि इन महिला शिक्षा मित्रों का अपना सिर मुंड़ाने का मकसद क्‍या है। वे अपनी नौकरी पक्‍की कराने के लिए खुद को विधवा-वेश में समाज में प्रदर्शित करना चाहती हैं, या फिर योगी आदित्‍यनाथ की तरह ही अपना संन्‍यासी वेश बनाने पर आमादा हैं। लेकिन लोगों का मानना है कि यह सब करतूत प्रथमदृश्‍टय: यह प्रयास एक ओछी हरकत ही लग रही है, जिसका मकसद अपने आप को वैधव्‍य भाव में प्रदर्शित कराना ही है।

आपको बता दें कि यूपी में शिक्षा को पिछले दो दशकों से मजाक बनाने की कोशिशें लगभग सरकारें लगातार करती ही रही हैं। इनमें समाजवादी पार्टी की सरकारों ने इसमें बढ़चढ़ कर अपना हिस्‍सा बंटाया है। मकसद रहा है कि कैसे भी हो, वे अपनी सरकार की जड़ें मजबूत करती रहें। इस समय अब तक यूपी में एक लाख बहत्‍तर हजार शिक्षा मित्र कार्यरत हैं, जिनमें महिलाओं की संख्‍या अधिक है। कहने की जरूरत नहीं कि बहुत छोटे मानदेय से तैनात की गये इन शिक्षा मित्रों को उनके घर के गांव में ही तैनाती दे गयी थी। इनमें से अधिकांश को तो अपना नाम तक ठीक से लिखने की तमीज नहीं होती है। बच्‍चों को पढ़ा पाने की बात तो कोसों दूर है।

अब यह शिक्षा मित्र चाहते हैं कि इन सब को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के पद पर समायोजित कर लिया जाए। जबकि बीटीसी और बीएड की डिग्री हासिल और उच्‍चा शिक्षा प्राप्‍त युवक-युवतियां सड़क पर मारे-मारे फिर रहे हैं। अब शिक्षा मित्र चाहते हैं कि सरकार पर दबाव बना कर उन्‍हें स्‍थाई करा लिया जाए। विधवा वेश में आंदोलन करने की यह साजिश इसी मूर्खता और षडयंत्र के तहत है।

खुद को विधवा वेश में तब्‍दील कर नौकरी हासिल करने में जुटी इन महिला शिक्षामित्रों की करतूतों पर कुमार सौवीर ने एक वीडियो पर एक विश्‍लेषणपरक जानकारी तैयार की है। अगर आप इस वीडियो को देखना चाहें तो कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिएगा:-
नौकरी पर संकट, तो विधवा-वेश

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