मूंड़ दी गयी डीएम की मूँछ। खाद्यान्न माफिया ने फेरी उस्तरे की धार

बिटिया खबर
: महाराजगंज की राइस मिल में मिला 16 हजार बोरा गेहूं। सील लगी, 8 हज़ार बोरा चोरी : अपनी ही कांख-पीठ को खौखियाने लगे हैं अफसर :महराजगंज गेहूं घोटाला: डीएम साहब को गुमराह कर रहे अधिकारी :

हैदर अली
महराजगंज : जिले के सबसे बड़ा गेंहू घोटाले को शून्य किए जाने की साजिश शुरू कर दी गई है.आठ हजार कुंटल गेंहू जिसे अवैध ढंग से एक राइस मिल में स्टोर कर कालाबाजारी करने की योजना बन रही थी, इसे मुखबिर की सूचना पर डीएम अमरनाथ उपाध्याय ने 22 मई को छापा मारकर पकड़ा था. गेंहू को उसी राइस मिल के गोदाम में रखककर राइसमिल को सील कर दिया गया था.
सोमवार को संबंधित साधन सहकारी के सचिव ने गेंहू की मौजूदा स्थित की जानकारी लेने गया तो उसके पैर के नीचे से जमीन खिसक गई. मिल के गोदाम से करीब आठ हजार कुंटल गेंहू गायब था. इसकी जानकारी सरेआम होने पर विभाग में हड़कंप मच गया. मामला डीएम तक पहुंचा. उन्होंने विपणन अधिकारी को जांच का निर्देश दिया. यहां गौर करने की बात यह है कि सरकारी गेंहू खरीद के घपले की साजिश विपणन अधिकारी के स्तर पर ही रची जाती है. विपणन अधिकारी ने गेंहू गायब की इस घटना की जांच के लिए चार सदस्यीय टीम गठित कर दी है. विपणन अधिकारी की देखरेख में जांच सदस्यीय टीम ने जो रिपोर्ट डीएम को सौंपी है वह भ्रामक और आंकड़े की बाजीगरी से लबरेज है.
आठ हजार कुंटल गेंहू 16 हजार बोरियों में भरा हुआ था. वर्तमान में इस गेंहू को सुखाया जा रहा है. जांच में बोरियों के अंतर और सुखाए जाने के बहाने के बीच इस पूरे घपले को गटक जाने की साजिश कंपलीट की जा चुकी है. लोगों को फिलहाल गेंहू गबन पर से परदा उठने की उम्मीद नहीं है. पूरे घटनाक्रम की जांच विभाग से लेकर किसी अन्य एजेंसी से कराए जाने मांग की जा रही है.

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