: मंत्री के खौफनाक बेटे ने नागरिकों और पत्रकार को सरेआम पीटा, दलाल-श्री अपनी दलाली में जुटेे रहेे : दलालों को वरिष्ठ की मान्यता दिलाने वाली फैक्ट्री के मालिक बनेे हैंं हेमन्त तिवारी : लखनऊ में मंत्री के पीए बन कर एक युवती से बलात्कार करने वाले रतनलाल का मामला सुलटा लिया हेमन्त ने : जनगणमन के गान से शुरू की गयी जनगणमन की छीछालेदर : पत्रकार का पिछवाड़ा लाल कर दिया मंत्री के मनबढ़ बेटे ने, दलाल-श्री बिल में घुसेे :
कुमार सौवीर
जौनपुर : ठहाके बाद में लगाना। फिलहाल तो आपसे गुजारिश है कि पहले मेरी बात सुन लीजिए। यह बयान ठहाके और मूर्खता का पुलिन्दा है, लेकिन जब आपको पता है कि यह बात वह कह रहा है कि वह मूलत: दल्ला है तो फिर काहे की टेंशन। खुद को महान पत्रकार केे तमगे टांगे इस जमूरे का नाम है हेमन्त तिवारी। अभी चंद दिन पहले ही जौनपुर में हेमंत ने अपने चिन्टू-पिन्टू को बुलाकर पुलिस, पब्लिक और पत्रकार की मीटिंग की, जिसमेंं पुलिस की चरण-वन्दना झूम-झूम कर की गयी।
हां, तो चुटकिला यह है कि, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे तथाकथित यूपी प्रेस मान्यता समिति के फर्जी अध्यक्ष हेमंत तिवारी ने कहा कि, “आज विश्व के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में हमारी पुलिस दिन रात जनता के बीच में रहकर काम करती है पत्रकार भी उनसे अछूते नहीं रह गये है लेकिन जिस तरह से आज सूचना क्रांति का दौर चल रहा है उससे अब कोई भी बात छुपी नहीं रह सकती। यही वजह है कि शासन-प्रशासन ने जनता से सीधे जुड़ने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लेना शुरु कर दिया है अब जनता सीधे अपनी शिकायत अथवा अपनी बातें शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियों तक पहुंचा सकती है।”
सुन लिया आपने पत्रकारिता के जगत में आज स्थापित हो चुके इस दलाल-श्री का बयान। यह है हेमन्त तिवारी। बेहद बेशर्म। मुझे हमेशा शर्म आती है कि हेमन्त तिवारी जैसे घटिया लोग लगातार पत्रकारिता को वेश्यालय में तब्दील करने हैं और उसे बाकायदा धंधा साबित करने में जुटे रहते हैं। यह वही हेमन्त तिवारी है जो धर्म, कर्म, और शर्म के बलबूते पर केवल और सिर्फ केवल दलाली किया करता है। आम पत्रकार की अस्मिता को लूट और उसका बलात्कार कर चुके इस हेमन्त तिवारी अब एक घटिया प्राणी-नुमा आदमी है, यकीन नहीं आता। कहना कुछ, करना कुछ। घटिया गिरगिट। शाहजहांपुर में जिन्दा फूंक डाले गये पत्रकार जागेंद्र सिंह ही नहीं, ऐसे न जाने कितने मामलों पर केवल दलाली करायी है हेमन्त ने।
अब असल सवाल पर निगाह डाल लीजिए। दो दिन पहले मडि़याहूं में अमर उजाला और ईटीवी के पत्रकार ब्रजराज चौरसिया की सरेआम पिटाई हुई। यह पिटाई की थी यहां के मंत्री पारसनाथ यादव के गुण्डे लक्की यादव और उसके एक नाजायज गनर ने। लेकिन हेमंत तिवारी अपनी दारू लेकर लखनऊ में टल्ली हो कर फिर—। पुलिस कप्तान अतुल सक्सेना केराकत में बिजी हो गया। दीपू एंड कम्पनी ने इनफार्मर यानी अफसरों व मंत्रियों के बीच धंधा तेज कर लिया। यह वही लोग-पत्रकार हैं जो 17 जुलाई-16 को सामूहिक बलात्कार से पीडि़त बच्ची को न्याय देने के बजाय, जुल्फी प्रशासन को मर्दाना ताकत देते में जुटे रहे, ताकि उस बच्ची के मामले को सामूहिक बलात्कार के आरोप के बजाय उसे पागल साबित करते हुए उसे बनारस के पागलखाने तक भेज दिया जाए।
संस्था के अध्यक्ष असलम शेर खान सहित अन्य पदाधिकारियों ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अब यह मत पूछियेगा कि यह असलम शेर खान कौन है। स्वागत भाषण कार्यक्रम संयोजक आशीष चौरसिया व आभार फैसल हसन तबरेज ने प्रकट किया। कार्यक्रम का संचालन हसनैन कमर दीपू ने किया। दीपू वह वही पत्रकार हैं, जो 18 अगस्त-04 को सोंधी ब्लाक चुनाव के मतदान के दौरान स्थानीय नेता ललई यादव की लात खाकर कूं कूं कूं कर रहे थे, लेकिन आजकल बड़े पत्रकार बन चुके हैं। लोग बताते हैं कि अपनी पत्रकारिता का धंधा मंदा देख कर दीपू ने इनफार्मर का धंधा सम्भाल लिया है। इन्फार्मर का मतलब, हर मतलब वाले बड़े हैसियत शख्स तक जरूरी सूचनाएं पहुंचाना।
पुलिस, पब्लिक और पत्रकार के बीच ऐसा सामंजस्य बनाने की जरुरत है जिससे की पूरे समाज को इसका लाभ मिल सके और हमारा विभाग इसके प्रति दृढ़ संकल्प लेकर काम कर रहा है। यही वजह है कि जनता और पुलिस के बीच सीधा संवाद स्थापित करने के लिए जल्द ही सभी थाना क्षेत्रों में स्पेशल पुलिस अधिकारी (एसपीओ) की तैनाती की जाएगी। जनता के बीच से ही अच्छा काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों व अन्य सम्भ्रांत लोगों को लेकर यह काम जल्द ही किया जाएगा। यही नहीं तहसील व गांव स्तर पर भी जनता व पुलिस के बीच सीधे संवाद स्थाापित करने के लिए गोष्ठियों का आयोजन किया जाएगा। उक्त बातें पुलिस अधीक्षक अतुल सक्सेना ने रविवार को नगर पालिका परिषद के टाउनहाल में आयोजित जन-गण-मन संस्था द्वारा सेमिनार ‘पुलिस, पब्लिक और प्रेस कान्फ्रेंस” में कही।
उन्होंने कहा कि जनता व पुलिस के बीच जो गलतफहमियां व डर का माहौल बना हुआ है उसे दूर करने के लिए शासन-प्रशासन ने कई निर्देश जारी किये है। अपराधियों में भय का माहौल बना रहे इसलिए जनता को भी चाहिए कि वे ऐसे लोगों को चिन्हित कर पुलिस को सूचित करें जिससे कि समाज में फैली बुराइयों को दूर किया जा सके। सूचना देने वालों की पहचान गुप्त रखी जाएगी। संस्था की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी पहल है जिससे पुलिस, पब्लिक और पत्रकार तीनों मिलकर समाज में फैली बुराइयों को दूर करने का काम करेंगे।