: एक से दूसरे जीवन तक के ट्रांसफॉरमेशन का माध्यम है संतान : बशर्ते औलाद ही बाप को निपटाने का संकल्प न लिये बैठी हो :
कुमार सौवीर
लखनऊ : वर्तमान जीवन से भविष्य वाले जीवन तक के ट्रांसफार्मेशन के लिए औलाद बहुत जरूरी होती है। चाहे जैविक-संतान हो, या फिर मानस-संतान।
वर्तमान की चूकों को पहचानने या फिर जाने-अनजाने हुए अपराधों को सुधारने की प्रक्रिया को केवल औलादें ही निपटा सकती हैं। बशर्ते, औलाद अपने बाप को ही निपटाने का संकल्प लिये न बैठा हो…हा हा हा
मेरी ऐसे ही एक औलाद हैं रंजीत कुमार पांडेय। रंजीत का नाम मूलतः रणजीत होना चाहिए। लेकिन वे लिखते हैं रंजीत। तुर्रा यह कि रंजीत कुमार, यानी रणजीत के पुत्र। अर्थात रंजीत रणजीत नहीं, बल्कि रणजीत के पुत्र हैं। जगदीशपुर में रहने वाले हैं, लेकिन लखनऊ में खूंटा गाड़े हैं। मेरे दूसरे मानस-पुत्र यानी रंजीत के छोटे भाई शुभम के साथ।
बहरहाल, गत 09 फरवरी को मेरा एक फोन चोरी हो गया। फोन-चोट्टे ने फोन फार्मेट किया, नतीजा जीमेल से सारे कॉन्टेक्ट्स गायब हो गए।
हाय ! सैमसंग हेल्पलाइन ने 8 घंटे तक कड़ी निरर्थक मेहनत की।
लेकिन रंजीत ने आज इस मसले पर काफी परिश्रम किया। नतीजा सार्थक निकला ही नहीं, चमत्कारिक निकला। हुर्रे हुर्रे हुर्रे…. पूरे के पूरे 7837 कॉन्टेक्ट्स वापस मिल गए।
मन गदगद हो गया, अब तो बल्लियों ही नहीं, बिल्डिंगों कूद रहा है। आज मैं उप्पर, आसमां नीचे, आज मैं कूदूँ…
बहरहाल, अब एक सलाह दे दूं आपको। आपके पास आगे एक से अधिक सेल-फोन हो व उन सभी पर एक ही जीमेल एक्टिवेटेड हो, और अचानक आपका कोई फोन चोरी हो जाये तो सबसे पहला काम तो यह कीजियेगा कि उस जीमेल का नया पासवर्ड बना लीजिएगा। वरना आपके साथ काफी डरावनी हालत बन सकती है।
लेकिन इसके बावजूद अगर बवंडर आ ही जाए, और म।ला न सुलझे तो सीधे रंजीत से संपर्क कीजियेगा। मेरे साथ तो मामला फ्रीफंड में निपट गया है, लेकिन आपके साथ बिना पुष्प-पत्र नहीं हो पायेगा। या फिर आप मुझे पर्याप्त जलपान करा दें, और भविष्य के लिए भी जलपान का ठोस आश्वासन किसी विश्वस्त गारंटर से दिला दें, क्योंकि सच बात तो यही है कि मुझे अब रंजीत के अलावा इस जीवन में किसी और पर धेला भर भी भरोसा नहीं रहा।