: सन-01 में थाने में मंत्री की हत्या के 19 गवाहों में से एक भी पुलिसवाला जाबांज नहीं निकला : आज यूपी पुलिस का सीना चौड़ा हो गया विकास दुबे का मकान ढहाने में : पूरा खानदान बेघर है, सारी गाडि़यां रौंद डाली गयीं :
दोलत्ती संवाददाता
लखनऊ : कानपुर में आठ पुलिसवालों की पैशाचिक हत्या के आरोपित विकास दुबे लगातार तीसरे दिन भी लापता है। प्रशासनिक तोर पर दावा किया जा रहा है कि इस हत्याकांड के बाद से ही वांछित विकास दुबे को तलाशने के लिए पूरे पुलिस महकमे , खुफिया विभाग और एसटीएफ जैसे सारे न जाने कौन-कौन प्लाटून-ब्रिगेडों ने पूरे यूपी का चप्पा-चप्पा खंगालना शुरू कर दिया है। उधर विकास के आलीशान मकान को पुलिस ने बुलडोजर लगा कर बिलकुल नेस्तनाबूत कर डाला है। इस कार्रवाई में विकास के घरवालों की सारी गाडि़यां, कारें, ट्रैक्टर और जीप वगैरह सब के सब तोड़-फोड़ कर बर्बाद कर डाला है पुलिस ने। पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर पूरा महकमा गदगद है। तालियां बज रही हैं, जश्न का माहौल है, मिठाइयां बंट रही हैं और सारे पुलिसवाले अपना सीना चौड़ा करके घूमते हुए अपनी मूछें मरोड़ने में व्यस्त हैं। नारे लग रहे हैं कि टिट-फॉर-टैट की रणनीति अब ठीक से लागू करने जा रही है सरकार और पुलिसवाले भी।
लेकिन आपको बता दें कि यह वही बहादुर मर्दाना पुलिस है, जो अपने ही थाने में प्रदेश की राजनाथ सिंह सरकार के मंत्री संतोष शुक्ला की हत्या में प्रत्यक्षदर्शी गवाह होने के बावजूद पक्षद्रोही हो गये थे। शिवली थाने में हुई उस घटना को लेकर याद करते ही लोगबाग सहम जाते हैं। इस हादसे का अंजाम इसी विकास दुबे ने किया था, जिसका मकान आज यही मर्दानी पुलिस ने पूरी तरह ढहा डाला। इतना ही नहीं, थाने में मौजूद 22 पुलिसवालों में से 19 पुलिसवालों की आंखों के सामने दिनदहाड़े सरकारी असलहा छीन लिया था विकास दुबे ने, और उसी असलहे से मंत्री संतोष शुक्ला को गोलियों से भून डाला था विकास ने।
लेकिन इसी मर्दानी पुलिस के इन 19 लोगों को जांच में गवाह बनाया गया था। लेकिन सन-06 तक चले इस मामले की सुनवाई के दौरान इस हत्या के गवाह थाने में तैनात रहे सारे के सारे 19 पुलिसवाले अपने बयान या उस हादसे के चश्मदीद होने से ही मुकर गए थे। जी हां, पूरी बेशर्मी के साथ इन लोगों ने पक्षद्रोह किया और सरकार का नमक खाने के बावजूद अपनी ही सरकारी के मंत्री को, सरकार के ही थाने में, सरकारी असलहे से हुई इस हौलनाक हादसे की सचाई बयान करने से मुकर गये थे।
यह वही कानपुर जिले की पुलिस है, जो आज विकास दुबे के घर को पूरी तरह ढहाने में बढ़-चढ़ कर आगे घूम रही थी, तालियां पीट रही थी, और मिठाइयां बांट रही थी, कि कानपुर ही नहीं, पूरे प्रदेश और देश का भी एक दुर्दान्त अपराधी कलंक इस धरती से पूरे नामोनिशान के साथ खत्मे होने की राह पर है। लेकिन जानकार बताते हैं कि अगर कानपुर के शिवली थाने के 19 पुलिसकर्मियों ने विकास दुबे के खिलाफ सच बयान करते हुए पूरी गवाही दी होती, और वे पक्षद्रोही न बन जाते, तो आज विकास दुबे आज जेल में आजीवन कारावास भोग रहा होता, और कभी भी इतना बड़ा गैंगस्टर बन कर आठपुलिसकर्मियों की दर्दनाक पैशाचिक करतूत नहीं कर पाता। ( क्रमश: )
केवल यूपी ही नहीं, दुर्दान्त अपराधी विकास दुबे इस वक्त पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चा में है, जिसने पिछले दिनों कानपुर में आठ पुलिस कर्मचारियों को गोलियों से भून कर उनको मौत के घाट उतार दिया। लेकिन उसके साथ ही अब एक नया नाम जुड़ गया है प्रदेश के एक बड़े कैबिनेट मंत्री ब्रजेश पाठक का। वजह है विकास दुबे के साथ एक फोटो में अंतरगता के साथ खड़े मंत्री ब्रजेश पाठक।
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