लखीमपुर-कांड की जांच सीबीआई से कराने को मायावती तैयार

बिटिया खबर

 

कहा: पहले पीडि़तों की तरफ से आये जांच का आग्रह

लापरवाही बरतने में पूर्व एसपी डीके राय निलम्बित

मानवाधिकार आयोग की टीम भी पहुंची, जांच शुरू

निलंबित तीनों डाक्‍टरों ने ऊपरी दबाव से किया इनकार

प्रदेश सरकार ने सोनम हत्‍याकांड की जांच सीबीआई को सौंपने का इरादा जाहिर कर दिया है, लेकिन साथ ही कहा है कि इस बारे में अगर पीडित परिजनों की कोई अर्जी आयी तो सीबीआई जांच करायी जा सकती है। लेकिन इस हादसे की आंच से सहमी यूपी सरकार ने आज एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्‍यमंत्री मायावती ने लखीमपुर से हटाये गये पुलिस कप्‍तान डीके राय को निलंबित भी कर दिया है। सरकार का मानना है कि डीके राय लापरवाही के दोषी पाये गये हैं।

उधर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के निघासन थाने में हुई नाबालिक लड़की सोनम की हत्या के मामले में आज राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग(एनएचआरसी)का  जांच दल आज लखीमपुर खीरी पहुंच गया। इस दो सदस्‍य वाली टीम ने सोनम का पहला पोस्टमार्टम करने वाले तीनों डाक्टरों से पूछताछ की. इनमें डॉ एके अग्रवाल, डॉ एसपी सिंह और डॉ एसके शर्मा शामिल थे.इन तीनों ही डॉक्‍टरों को दूसरी बार किये गये पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या किये जाने की बात तय हो जाने के बाद निलंबित कर दिया गया था. कहने की जरूरत नहीं कि इस पूरे मामले में इन तीनों का किरदार अहम् माना जा रहा है।

करीब घंटा भर इस टीम ने पूछताछ की। पता चला है कि इस टीम में शामिल एक चिकित्‍सक डॉ एके अग्रवाल ने कहा कि पुलिस ने उनसे नहीं कहा था की पीएम रिपोर्ट में क्या लिखना है। उन्‍होंने इस बात से भी इनकार किया कि उन्‍हें ऐसे कोई निर्देश मिले थे कि पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में हत्या लिखनी है या फिर आत्महत्या का मामला बनाना है। फिलहाल इस मामले में दो पुलिसकर्मियों का नाम आ रहा है जो इस थाने में तेनात थे। इनमें से एक शिव कुमार और विनय कुमार हैं। वहीं सीबीसीआईडी के भरोसेमंद सूत्र मानते हैं कि मामले में दुराचार कि संभावनाओं को नाकारा नहीं जा सकता। सीबीसीआईडी इन तीनों डाक्टरों और सीएमओ जेपी भार्गव से भी पूछताछ कर चुकी है।

 

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