: कक्षा 7 की बच्ची के साथ हुआ जघन्य कुकर्म, प्रचार्य को पद से हटाया गया : बिशप डायोसिस ऑफ वाराणसी ने कीं इस हादसे को दबाने के लिए भरसक कोशिशें : रोमन कैथलिक ईसाई मिशन के संचालित 104 स्कूलों में से है जौनपुर वाला यह इंटर कालेज :
कुमार सौवीर
जौनपुर : एक बड़े इंटर कालेज में उस दिन विज्ञान की प्रदर्शनी लगाने की तैयारियां चल रही थीं। इसके लिए केवल उन्हीं बच्चों को बुलाया जा रहा था, जो प्रदर्शनी की तैयारियां में जुटे थे, बाकी बच्चों की छुट्टियां कर दी गयी थीं। लेकिन उसी दौरान कालेज के प्रधानाचार्य ने प्रदर्शनी की तैयारी में जुटी कक्षा-सात एक बच्ची को अपने प्रधानाचार्य कक्ष में बुलाया। कुतूहल में उसी कक्षा की दो अन्य बच्चियों भी प्राचार्य-कक्ष में आ गयीं। प्राचार्य ने उन बच्चियों को उस कमरे के कोने में रखा कुछ सामान उठा कर उसे प्ले-ग्राउंड तक ले जाने का आदेश दिया। जब यह लड़कियां बाहर गयीं, तो उसी वक्त बची एक बच्ची को प्रचार्य ने अपने पास बुलाया। पहले तो उसके गाल सहलाये, फिर उस बच्ची की पीठ थपथपाते हुए अचानक उसे अपने से लिपटा कर उसके वक्षों को दबोच दिया।
यहां घिनौनी हरकत हुई है जौनपुर के एक विख्यात इंटर कालेज में, जहां एक मासूम बच्ची के साथ यौन-क्रीड़ा का यह एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। रोमन कैथलिक ईसाई समुदाय द्वारा संचालित यह स्कूल कक्षा-12 तक की कक्षाएं संचालित करता है। शाहगंज रोड पर बने सिद्दीकपुर स्थित इस सेंट जॉन्स स्कूल में इस बच्ची के साथ यह शर्मनाक हरकत किसी अन्य ने नहीं, बल्कि इसी प्रतिष्ठित स्कूल के प्रधानाचार्य ने की है।
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खबर है कि इस हरकत पर खफा यह बच्ची सीधे अपनी कक्षा-शिक्षिका के पास पहुंची। और उस बच्ची ने अपनी उस शिक्षिका को पूरा किस्सा बताया। बुरी तरह फफक कर रोते हुए यह बच्ची लगातार यही बात कह रही थीं कि:- फॉदर इस नॉट गुड। फॉदर इस नॉट गुड।
बुरी तरह रोती इस बच्ची की बात को उसकी टीचर जब तक समझने की कोशिश ही करती, कि अचानक कॉलेज के प्रधानाचार्य अमोल राज उसे बच्ची को पुकारते हुए क्लास में घुसने लगे। आमोल की आवाज सुन कर वह बच्ची फिर सहम गयी, और वह शिक्षिका की मेज में छिप कर उसके पैरों से चिपट गयी। शिक्षिका को समझ में ही नहीं आया। लेकिन आमोल ने उसकी मेज के नीचे से उस बच्ची को बाहर निकाला, और उसे लेकर अपने कक्ष की ओर चले गये। लेकिन वह बच्ची फिर प्रधानाचार्य के चंगुल से भाग निकली।
जाहिर है कि कॉलेज में हंगामा हो गया, लेकिन हैरत की बात यह भी है कि इस मामले को बहुत लम्बे समय तक लटका कर उसे रफादफा करने की भरसक कोशिश की गयीं। ताकि स्कूल और इस समुदाय की नाक न कट सके। बहरहाल, ताजा खबर यह है कि इस प्रधानाचार्य को पद से हटा दिया गया है, जबकि उस मामले पर गवाह बनीं दो शिक्षिकाओं को बर्खास्त कर दिया गया है।