सोनम हत्‍याकांड: हुजूम ने खुलवा लिया थाने का गेट

ज़िंदगी ओ ज़िंदगी

बलात्‍कार नहीं, तो क्‍यों मारी गयी मासूम सोनम

केंद्रीय मंत्री को रोकने के लिए लगाया था भारी पुलिसबल

सोनम की मां बोली: अब घरवालों की जान को खतरा

मायावती के ऐलान के बावजूद सीबीआई जांच पर चुप्‍पी

सोनम हत्‍याकांड से अपने चेहरे पर कालिख पोत चुकी यूपी की पुलिस को आज तब मुंह की खानी पड़ गयी, जब कांग्रेसियों के जोश ने उसे यहां के निघासन थाने का गेट खोलने पर मजबूर कर दिया। इन पुलिसवालों ने केंद्रीय राज्‍यमंत्री जितिन प्रसाद को थाने में न घुसने देने के लिए पूरा जोर-जांगर लगा दिया था। भारी पैमाने पर आसपास के थानों के अलावा पुलिस लाइंस से भी पुलिसकर्मियों को यहां तैनात किया गया था कि जितिन प्रसाद को किसी भी तरह से थाने के भीतर न घुसने दिया जाए।

लेकिन पुलिस की सारी कवायद धरी की धरी रह गयी। उधर मुख्‍यमंत्री मायावती की साफ घोषणा के बावजूद इस शर्मनाक हादसे की सीबीआई जांच कराने को लेकर कोई भी पहल नहीं की गयी है, जबकि सोनम के घरवाले चीख-चीखकर अपनी जान को खतरा बताते हुए परिजनों की सुरक्षा और मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।

 

एक हफ्ता पहले लखीमपुर खीरी के सोनम-हत्याकाण्ड मामले से पुलिस और प्रशासन की खासी भद पिट चुकी है। इस हादसे में लाश का दोबारा पोस्‍टमार्टम कराये जाने के बाद यह भी पूरी तरह साफ हो गया कि पुलिस की करतूतों पर पर्दा डालने के लिए पुलिस के आला अफसर ही नहीं, बल्कि सारा प्रशसनिक अमला भी एकसुर में आ जाता है। हालांकि लाश के पहले हुए पोस्‍टमार्टम में तथ्‍यों को छिपाने के आरोप में तीनों वरिष्‍ठ चिकित्‍सकों को निलम्बित किया जा चुका है, लेकिन ऐसे हादसों में डॉक्‍टरों तक की संलिप्‍तता का खुलासा तो हो ही गया।

बहरहाल, गुरूवार शाम को केंद्रीय राज्‍य मंत्री जितिन प्रसाद इस हादसे के पीडित परिजनों से मिलने यहां पहुंचे। वे इसी जिले से सांसद भी हैं। प्रशासन को आशंका थी कि जितिन प्रसाद इस मामले को राजनीतिक रंग देंगे। अफसरों ने आनन-फानन लखनऊ के आला अफसरों से सलाह-मशविरा किया और तय किया कि अगर जितिन प्रसाद थाने में घुसने की कोशिश करें तो उन्‍हें ऐसा न करने दिया जाए। साथ ही उनके काफिले के साथ भी पर्याप्‍त पुलिस बल लगा दिया जाए। प्रशासन ने इसके लिए कमर कस ली। जितिन प्रसाद इस मामले में पीड़ित परिवारीजनों के दुखों पर मलहम लगाने यहां पहुंचे और सोनम के घरवालों से मुलाक़ात की। प्रसाद ने उन्हें पर्याप्‍त सुरक्षा दिलाने का वादा किया, साथ ही परिवार द्वारा सौपे गए पत्र को भी उन्होंने सरकार तक पहुचाने की बात कही। यही नहीं, विरोध की परम्‍परा के तहत उन्होंने सरकार पर खराब कानून-व्‍यवस्था का आरोप लगाया और सीबीआई जाच की मांग कर दी। इसके बाद जब केंद्रीय मंत्री जब निघासन उस स्थान को देखने रवाना हुए जिस पेड़ पर सोनम की लाश मिली थी, तो पुलिस ने उन्हें रोका। इस पर साथ के कार्यकर्ताओं की पुलिस से झड़प शुरू हो गयी। देखते ही देखते फोर्स से ज्‍यादा कार्यकर्ता एकत्र हो गये और इसके बाद जोश से लबालब कार्यकर्ताओ के हुजूम ने थाने के गेट को आखिरकार खुलवा ही लिया।

यहां बताते चलें कि १४ साल की एक मासूम बच्‍ची सोनम की लाश निघासन थाना परिसर में एक पेड़ से लटकती मिली थी। सोनम के परिजनों ने पुलिस पर बलात्कार के बाद हत्या का आरोप लगाया था, लेकिन प्रशासन और सरकार बलात्‍कार के आरोपों को खारिज कर रही है। हालांकि सोनम के हुए दूसरे पोस्‍टमार्टम की रिपोर्ट में सोनम के गुप्‍तांग, पेट व सीने आदि पर खरोंच के गहरे निशान मिले हैं। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सोनम की हत्‍या की गयी है। लेकिन सरकार या पुलिस की ओर से अब तक हत्‍या के कारणों का खुलासा ने किये जाने के चलते संदेहों के बादल लगातार गहराते जा रहे हैं।

उधर इस मामले की जाच सीबीसीआईडी को सौपे जाने से असंतुष्‍ट सोनम के परिवारीजनों में असंतोष है। उनका तो यहां तक कहना है कि उनकी जान को खतरा है और उन्‍हें लगातार धमकियां दी जा रही हैं। सोनम की मां तरन्‍नुम की मांग है कि उनकी सुरक्षा के लिए दूसरे जिले की पुलिस लगायी जाए।

 

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