केशव मौर्या ने की सुनील बंसल के प्रति निष्‍ठा समर्पियामि

बिटिया खबर

: भाजपा आज भले ही आडवाणी को भूल-बिसरा चुकी हो, लेकिन केशवप्रसाद मौर्या ऐसे नहीं : आड़े-वक्‍त पर कुर्सी ऐसे जुगाड़ से ही बची : समझदार मौर्या वक्‍त की नजाकत समझते हैं, राधे-राधे बोल रहे हैं : अमित शाह समुदाय के बड़े कारकून मौर्या ने योगी लॉबी में खटास मिलायी : नजरें अब यूपी इकाई गठन पर अपनी धमक को लेकर :

कुमार सौवीर

लखनऊ : शीर्ष पर ही नहीं, बल्कि प्रचण्‍ड आभा-मण्‍डल तक पहुंच चुकी भाजपा आज भले ही आडवाणी को भूल-बिसरा चुकी हो, लेकिन केशवप्रसाद मौर्या ऐसे नहीं हैं। वे उन को खुल कर अपना देवता मानते हैं, जिन्‍होंने उनको आड़े वक्‍त पर भी उनके ताज-ओ-तख्‍त बरकरार रखा है। यही वजह है कि मुख्‍यमंत्री की मौजूदगी में भी केशवप्रसाद मौर्या ने सुनील बंसल के प्रति अपनी सर्वोच्‍च आस्‍था सार्वजनिक कर दी। बोले कि भाजपा की आज जो महत्‍वपूर्ण हैसियत बनी है, उसका एकमेव श्रेय केवल सुनील बंसल के प्रयासों को ही जाता है।
कहने की जरूरत नहीं कि सुनील बंसल की पहचान अपना काम केवल अपने काम तक ही सीमित रखने वालों की जमात के हैं। अपने दायित्‍वों को उन्‍होंने कभी भी सार्वजनिक मंच तक नहीं पहुंचाया। अपनी रणनीति अपने संगठन तक ही सीमित रही है सुनील बंसल की। सुनील बंसल यूपी भाजपा के संगठन मंत्री रह चुके हैं। हाल ही भाजपा ने उनको राष्‍ट्रीय महामंत्री बनाया और इसके साथ ही तेलंगाना समेत कई राज्‍यों की भी कमान थमा दी। यूपी छोड़ने के पहले सुनील बंसल कल प्रदेश भाजपा कार्यालय में आये। उनके स्‍वागत में पार्टी दफ्तर ने जश्‍न जैसा माहौल बना दिया। इस कार्यक्रम में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी आये थे। बाद में अटल जी के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भी वे शामिल हुए।
कार्यक्रम में बोलते हुए उप मुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने भाजपा की सफलता के लिए सुनील बंसल को ही पूरा श्रेय थमा दिया। सुनील बंसल प्रेम से ओतप्रोत केशव प्रसाद मौर्या दरअसल बेइंतिहा जोश में थे। उन्‍होंने प्रदेश भाजपा में रह चुके सभी अध्यक्षों को भी याद दिलाया, जिनके कार्यकाल में सुनील बंसल यूपी भाजपा में मौजूद रहे हैं। उनका कहना था कि सुनील बंसल के संगठन महामंत्री रहते हुए भाजपा ने प्रदेश में पूरे धूम-धमाके के साथ जीत का परचम फहराया है। अपनी इस सुनील-स्‍तुति के भावावेश और भक्ति-लीन अवस्‍था में विह्वल हो चुके केशव प्रसाद मौर्या ने प्रदेश भाजपा अध्‍यक्ष के अपने कार्यकाल की उपलब्धियां भी सुनील बंसल के पक्ष में समर्पयामि कर डालीं।
सच बात तो यही है कि वक्‍त की नब्‍ज को खूब पहचानते हैं केशव प्रसाद मौर्या। वे जानते हैं कि अमित शाह के कृपा-पात्र होने के चलते ही पहली योगी-सरकार में स्‍थान मिल पाया था, और दूसरी योगी-सरकार में चुनाव के दौरान सीट गंवा जाने के बावजूद उप मुख्‍यमंत्री की गद्दी को अमित शाह ने ही बरकरार रखा था। यूपी में अमित शाह समुदाय के बड़े कारकून माने जाने वाले मौर्या जानते हैं कि उनकी कुर्सी समेत कई अन्‍य मंत्रियों की कुर्सी बचने के लिए योगी लॉबी में खटास भी हो गयी थी। लेकिन मौर्या समेत कई लोगों की कुर्सी और प्रतिष्‍ठा बरकरार सिर्फ इसलिए रही, क्‍योंकि हाईकमांड ऐसा चाहता था। मौर्या यह भी जानते हैं कि हाईकमांड का मतलब केवल अमित शाह है, और सुनील बंसल की इजाजत के बिना भाजपा में पत्‍ता तक नहीं खड़क सकता है।
केशव प्रसाद मौर्या समझदार हैं और वक्‍त की नजाकत खूब समझते हैं। उन्‍हें पता है कि वृंदावन में रहना है, तो राधे-राधे बोलना ही पड़ेगा। और जब राधे-राधे बोलने की प्रक्रिया में कई दिग्‍गजों को कालनेमियों के तौर पर भी प्रचारित करेंगे। ताजा डेवलपमेंट यह है कि केशव मौर्या ने राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष जेपी नड्डा से भेंट की। फोटो की बात तो दीगर है, लेकिन सच बात तो यही है कि यूपी भाजपा के आसन्‍न गठन में वे अपनी लॉबी पर मजबूत दखल चाहते हैं।

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