जोगी जी ! ये साले नराधम सेक्‍सासुर हैं। सायरन बजाओ

बिटिया खबर

: फेसबुक का मैसेंजर उगाही का अड्डा बना : तुम फट्टू हो, तभी तो हलाल होते हैं : पहले हुए नंग-धंड़ंंग, दूसरा नंगा करे तो फटने लगी : सहमति में वीडियो-कॉल पर कोई ऐतराज नहीं कर सकता, फटती है तो जेब खाली करो चूतियानंदन : अबे इस कोतवाल को पहले जूता उतार कर कूटो :

कुमार सौवीर

लखनऊ : कोई भी युवती अपना बदन किसी अनजान को नहीं दिखाती। मगर तुम मर्द हो, तुम्‍हें हरएक अख्तियार है। इसीलिए तो हर एक को दिखाने को लालायित होते हो। उसको भी दिखाने के लिए जो तुम्‍हारी आस-पड़ोसी है या आसपास के मोहल्‍ले की महिला है। बल्कि तुम तो उनको भी अपना अंग-प्रत्‍यंग दिखाने को परेशान होते हो, जो बस या ट्रेन में अचानक दिख जाती है। और तुम्‍हारी लॉटरी तो तब खुल जाती है, कि वह महिला बस-ट्रेन में तुम्‍हारी सीट में तुम्‍हारे बगल में बैठ जाती है। तुम लपक कर उसके बदन से सटने की जुगत भिड़ाने लगते हो, और मौका मिल जाए तो उसके अंग-विशेष को छूने की भरसक कोशिश कर लेते हो। न हो पाये तो इतना तो कर ही बैठते हो, कि अपना अंग उसके शरीर से सटा डालो। सौ जन्‍मों का पुण्‍य मिल लाने की लड्ड़ू फूटने लगते हैं तुम्‍हारे मन-मयूर में। अरे इतना ही नहीं, हालत तो यह है कि तुम अपना अंग दिखाने उसको भी दिखाने को आतुर होते हो, जिससे कभी मिले तक नहीं।
फेसबुक में महिलाओं के मैसेंजर में इतना घुसपैठ करते हो, जितना तो उस महिला का बच्‍चा अपनी मां के पर्स को नहीं खंगालता। किसी वाल पर खूबसूरत महिला की फोटो दिखी नहीं, कि तुम्‍हारी लार टपाटप चू पड़ती है। मेरी कई एफबी मित्र बताती हैं कि उनके मैसेंजर और वीडियो कॉल से वे आजिज आ चुकी हैं। कितनों को ब्‍लॉक करें और कितनो को डॉंटे फटकारें, समझ में ही नहीं आता है। ऐसे में वे या तो अपनी फोटो लगाती ही नहीं हैं, या फिर मित्र-मंडली को कम से कम ही रखती है। लेकिन पुरुष की वाल पर ठंसाठस भीड़ होती है। उनमें भी महिलाओं की वाल सबसे ज्‍यादा।
लेकिन मर्दों के लिए खजाने का दरवाजा तो तब खुलता है, जब खुल जा सिमसिम की तर्ज में कोई काफी खुले बदन वाली महिला उससे मैसेंजर पर बात करने का निमंत्रण दे बैठती है। मन कुप्‍पा हो गया, लपक कर मैसेंजर पर जा कूदे।
“कैसे हो माई लव
क्‍या चल रहा है
जानू ने थाना थाया कि नहीं
खाली हो या नहीं
बात करने का मन है तुमसे जानू
तुम्‍हारा वाट्सएप नम्‍बर दे दो प्‍लीज।
सेक्‍स करोगे। ऑनलाइन सेक्‍स माई सेक्‍सी
अरे ऑनलाइन सेक्‍स, यानी वीडियो पर सेक्‍स। जो बिस्‍तर पर होता है। ( वीडियो-कॉल पर एक नंगी वीडियो फिल्‍म दिखायी जाती है। कामांध व्‍यक्ति समझ में ही नहीं पाता कि उसके क्‍या सच है या कौन )
वेरी गुड लव। अब अपना कपड़ा उतारो। अंडरवियर भी।
वॉव, तुम तो वाकई कमाल के हो। कीप इट अप।
रुको। लगता है कि कोई आया है। उनको निपटा कर आती हूं। “
बस, इतना ही वक्‍त लगता है इस बातचीत में। लेकिन उसके बाद प्रतीक्षा में आधा घंटा तक लग सकता है। लेकिन इसी बीच आपको वाट्सऐप पर मैसेज आता है है। यह पुलिस के किसी डिप्‍टीएसपी का होता है।
“तुम लोग यही सब करते रहते हो। शरीफ घर की बच्चियों और औरतों को फंसाते हो। तुम साले मां के लौ… ऐसे ही नहीं समझोगे, अभी तुम्‍हारी गांड़ में कानून का मुग्‍दर खोसने जा रहा हूं मैं। मादर… तेरी फेसबुक वाल पर जितने भी मंडली है, सब को यही वीडियो भेज दूंगा। बहुत बड़ा इज्‍जतदार बनता है न तू बहन, आज सब बाहर निकल जाएगा। बोल, वायरल करूं तेरा यह अश्‍लील वीडियो। तो फिर निकाल 5 हजार रुपया। “
घबरा कर लोग उस फोन नम्‍बर को ब्‍लॉक कर देते हैं। लेकिन इसी बीच दूसरा वाट्सएप आता है। क्राइम ब्रांच दिल्‍ली का। वह कहता है कि, “पुलिस का फोन ब्‍लाक करके क्राइम करता है भोंसड़ीवाले। मामला बढ़ चुका है, अब पांच नहीं पचीस निकाल। “
घबरा व्‍यक्ति फिर ब्‍लॉक कर देता है। लेकिन फिर वाट्सएप फोन आता है। यह एंटी क्राइम एंड एंटी करप्‍शन इंटेलीजेंस सेल के एसएमओ गौरव मल्‍होत्रा के नाम पर होता है। हैरत की बात है कि इस मैसेज में वह अपनी बात कहने के बजाय अपना आइडेंटिटी कार्ड भेजता है।

कई पत्रकारों, वकीलों, अफसरों और नेताओं के पास भी ऐसी धमकियां आयीं। उप्र सचिवालय के एक विशेष सचिव आरवी सिंह ने तो उसको भारी रकम भी अदा कर दी थी, लेकिन इसी बीच उसका वीडियो वायरल हो गया। नतीजा यह अफसर सचिव से कूकुर हो गया। अब तो अपना मुंह भी नहीं दिखा पाता है, जबकि पहले तो क्षत्रिय महासभा का राष्‍ट्रीय संगठन महासचिव बन कर यूपी के विभिन्‍न जिलो में आईएएस की धौंस देते हुए अफसरों को धमकाया करता था। यह दीगर है कि वह आईएएस नहीं, बल्कि सचिवालय के बाबू से प्रमोटेड आदमी था।

सोशल-मीडिया में मंडराती ब्‍लैकमेलर “विष-कन्‍याएं”

बहरहाल, लखनऊ से लेकर वाराणसी तक के कई घबराये हुए लोगों ने मुझे इस बारे में शिकायत की। इनमें कुछ मित्र हैं, कोई मित्र के मित्र हैं, जबकि कुछ मुझसे जूनियर या बच्‍चे की तरह है। दूसरों से क्‍या कहें, सबसे पहले तो एक ने मुझे भी ब्‍लैकमेल करने की कोशिश की थी, लेकिन मैंने आव-देखा-न-ताव, पूरा किस्‍सा ही लिख मारा। आखिर उसमें दिक्‍कत क्‍या है। हमारे परिवार, पड़ोसी, मित्र, शहरवासी, जानने-वाले क्‍या सेक्‍स नहीं करते ? करते हैं तो करें। मैं भी तो करना चाहता हूं। तो उसमें दोष कैसा। मैंने तो किसी को छेड़ा नहीं था। कभी भी नहीं। एक महिला बन कर मुझसे ऑनलाइन सेक्‍स करने आया, तो क्‍या हुआ। यह तो ठीक वही था जैसे हस्‍तमैथुन। कौन नहीं करता है हस्‍तमैथुन? वे नहीं करती हैं, आप नहीं करते हैं? और जो लोग इससे इनकार करते हैं, वह सच यही है कि वे सरासर झूठ बोलते हैं। दुनिया का सबसे बड़ा

इश्‍क और जिस्‍मानी जरूरत अलग-अलग बातें हैं। इसे समझिये जरूर

झूठ। खैर, मेरे वाले ऑफर में दो लोगों के बीच बातचीत हो रही थी, वह एक पर्सनल कमिटमेंट था। जिसने उस कमिटमेंट को ब्रेक किया, वह बेईमान है, धोखेबाज है, कमीना है। आप तो दूध के धुले हैं। और जब तक आप ऐसा नहीं सोचेंगे, तो इसी तरह बिकते रहेंगे। सिर्फ इस वजह से कि कहीं मुझे बाजार पर नंगा कर दिया जाए। अबे हर शख्‍स नंगा ही रहता है। लेकिन अपने नंगे पर को छिपाने के लिए कपड़े पहनता है। अब अगर कोई उसकी तहमद खींच ले, तो उसका अपराध आप पर कैसे हो सकता है।
कहने की बात सिर्फ यह कि अगर मर्द हो, तो मर्द की तरह व्‍यवहार करो। किसी को प्रश्रय दो, लेकिन किसी अपराधी को प्रश्रय कत्‍तई न दो। खुद नजीर बनो। कोई कहे कि तुमने सेक्‍स किया, तो गर्व से कहो कि वह तो मेरा दैवीय गुण था, मैंने किया। लेकिन जो तुम कर रहे हो, उसके लिए तो मलिक काफूर मशहूर हुआ करता था।
बहरहाल, मैंने उनकी सारी जानकारियां पुलिस को भेज दीं। फिलहाल तो पिछले दो दिनों के दौरान इन नंबरों 9339383762, 7839531867, 9506113654, 8293735761, 8638479325 से धंधेबाजी चल रही है।
बाकी अब पुलिसवाले जानें या फिर सायरन पर अपराधियों को कंपाने वाले योगी आदित्‍यनाथ।

और हां, वह तुम, तुम। क्‍या नाम है तुम्‍हारा फट्टूू म्‍यां। ऐसी कोई डिमांड मैंसेंजर या वाट्सएप पर आये, तो उसे तत्‍काल ब्‍लॉक करना। उस रात दारू मत पीना। गरम पानी के दो-चार ग्‍लास पी लेना। टेंशन नक्‍को। तुम अकेले चूतिया नहीं हो, पूरा देश तुम्‍हारे जैसे चूतियों से ही लहलहा रहा है।   

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