कांवडि़यों ने दिखाया अपना क्रूरतम चेहरा, दिल्‍ली में तांडव

बिटिया खबर

दोलत्‍ती संवाददाता
नई दिल्‍ली :  सावन का महीना साक्षात शिव का काल माना जाता है। शिव ही सत्‍य हैं, सुंदर हैं और साक्षात महादेव हैं। भय-मुक्तिदाता हैं। मोक्ष कर्ता हैं। अभयदानी हैं, औघडदानी हैं। शिष्‍य-वत्‍सल हैं। और उनके शिष्‍यों में भी शिवत्‍व कूट-कूट कर भरा है। वे विनाश नहीं, बल्कि निर्माण और समाज-कल्‍याण का गुणगान करते घूमा करते हैं। नि:स्‍वार्थ भाव से। शिव के सबसे बड़े गण हैं नन्‍दी, जिन्‍होंने शिव को तांण्‍डव का मर्म सीखा, बनाया और दूसरों को भी तांडव से दीक्षित किया।
लेकिन खुद को शिव का गण कहलाने वाले अब शिव और शिव के गणों के सर्वागीण गुणों का सर्वनाश करने में तुल गये लगते हैं। ककम से कम यूपी और दिल्‍ली के आसपास तो इन तथाकथित शिव-भक्‍त यानी कांवडि़ये साक्षात काल और आतंक बनते जा रहे हैं। आम आदमी ही नहीं, बल्कि प्रशासन और पुलिस भी इन कांवडि़यों का नाम सुनते ही सहम जाती है।
दिल्‍ली में आज यही हुआ। मोती नगर मेट्रो स्‍टेशन के पास एक कार को कांवडि़यों ने बुरी तरह तहस-नहस कर दिया। हुआ यह कि संगम विहार में फर्नीचर की दूकान के मालिक संजीत नामक एक युवक की कार से एक कांवडि़या का कांवर लग गया। नुकसान नहीं हुआ, लेकिन कांवडि़या भड़क गया। उसने संजीत को पीट दिया।
इसी बीच कांवडि़या के साथी भी जुट गये और उन्‍होंने जो कुछ भी किया, उसे देख कर किसी का भी दिल दहल सकता है। भाग कर संजीव ने ओवरब्रिज पर अपनी जान बचायी और पूरी घटना की वीडियो बना लिया। लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस भी केवल तमाशबीन ही बनी रही। यह हालत है देश की राजधानी में कानून-व्‍यव्‍स्‍था की। आप भी इस पर लानत भेजिए।

गिरोहबंद दुर्दांत अपराधियों की तरह कांवडि़यों ने आज दिल्‍ली में तांडव। यानी अब पानी नाक से ऊपर जाने लगा है। नजारा देखने के लिए कृपया निम्‍न लिंक पर क्लिक कीजिए:-
दिल्‍ली में अपराधी कांवडि़यों का कारनामा 

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