ध्येय क्या है, देश को आगे ले जाना है या देश पर राज ? पूछ रहे हैं दीपक शर्मा

बिटिया खबर
: अम्बानी तो कनाटप्लेस से पालम तक मेट्रो की लाइन नहीं बिछा सके। कई जगह लाइन में दरारे पड़ गयी थीं, जांच बैठानी पड़ी ठेके पर : कितने भ्रष्ट आईएएस , आईपीएस आपने जेल में भेजे ?
पिछले चार वर्षों में चीन ने 300 से ज्यादा मंत्री स्तर के भ्रष्ट कामरेड जेल भेजे हैं : आपने कितने मंत्रियों पर गाज गिराई ?

दीपक शर्मा

नई दिल्‍ली : ध्येय क्या है ? उद्देश्य क्या है ?
देश को आगे ले जाना है या देश पर राज करना है ?
अगर ध्येय, देश को आगे ले जाना है तो प्रेस की आज़ादी से समझौता किया जा सकता है । अगर ध्येय, हिमालय लांघकर चीन से आगे निकल जाने का है तो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगाम कसना स्वीकार है। अगर ध्येय, देश को विश्व उद्योग का नया केंद्र बनाने का है तो विपक्ष को रौंदकर एक दलीय व्यवस्था का हम समर्थन करते हैं।
पलट दीजिये नक़्शे, मिटा दीजिये संविधान पर देश को चीन के आगे खड़ा कर दीजिये।
देश की ऐतिहासिक प्रगति, ऐतिहासिक छलांग के लिए हम अभिव्यक्ति, निजता,स्वतंत्रता, सब हितों की बलि देने को तैयार है।
लेकिन साहेब कुछ करके तो पहले दिखाइए ?
ब्लू प्रिंट तो खोलकर सामने रखिये।
कुछ एग्जिक्यूट तो करिये।
अनिल अम्बानी से राफेल फाइटर जेट बनवाएंगे तो कैसे भरोसा कर लें कि देश आगे जा रहा है ?
अम्बानी तो कनाटप्लेस से पालम तक मेट्रो की लाइन नहीं बिछा सके। कई जगह लाइन में दरारे पड़ गयी थीं, जांच बैठानी पड़ी ठेके पर।
अगर अडानी से स्वीडिश विमान ग्रिपपेन बनवाएंगे जो अडानी आजतक एक सुई न बना सके तो कैसे यकीन कर लें भारत सुपर पावर बनने जा रहा है ?
बिना विश्वविद्यालय की एक ईंट रखे अगर मुकेश अम्बानी के फाउंडेशन को institute of excellence का आप ख़िताब दोगे तो हमारे IIT या IIM कहाँ जायेंगे ? ये कैसी अंधेरगर्दी है साहेब ? सोने को मिटटी से पीट रहे हैं ?
देश कैसे स्वच्छ होगा अगर आधिकारिक तौर पर बाबा राम रहीम जैसा बलात्कारी, सरकार का ब्रांड अम्बैस्डर होगा ? क्या सरकार को नहीं मालूम था इस पापी पर हत्या और कुकर्म के दसियों मुक़दमे चल रहे थे ?
साल भर पहले घपले बाज़ मेहुल चौकसी को विदेशी नागरिकता दिलाने में अगर सरकार खुद मदद करेगी तो किस आँख से नियत पर विश्वास करें ? कैसे हेगडेवार के विशाल भारत के सपने सच होंगे ?
हमने माना सोहराबुद्दीन का मुकदमा फ़र्ज़ी ठोंका गया था । हमने माना मीडिया ने गुजरात दंगो में साज़िश की। हमने माना आपकी निजता पर भी हमला हुआ।
पर जब आप सैकड़ों वायदे कर कुर्सी पर विराजे तो सत्तर साल बनाम सत्तर महीने वाली सुपरफास्ट डिलीवरी कहाँ गुम हो गयी ?
आप बातें रोबर्ट वाड्रा को जेल भेजने की कर रहे थे लेकिन जमानत कलमाड़ी से लेकर राजा जैसे सब गुनहगारों को मिली।
साहेब प्रचंड बहुमत पाकर भी आप ब्यूरोक्रेसी पर नकेल नहीं कस सके।
इतनी मज़बूरियां ? क्या आप बताएंगे,
कितने भ्रष्ट आईएएस , आईपीएस आपने जेल में भेजे ?
पिछले चार वर्षों में चीन ने 300 से ज्यादा मंत्री स्तर के भ्रष्ट कामरेड जेल भेजे हैं ।
आपने कितने मंत्रियों पर गाज गिराई ?
कोई आंकड़ा दिया जायेगा ?
साहेब विकास का इतिहास रचने की आप बार बार बात दोहराते हैं ….ज़रूर रचिये इतिहास।
लेकिन लिंकन की , वाशिंगटन की, माओ की, डेंग की या सुभाष की, पटेल की किसी की तो झलक दिखनी चाहिए हमे ।
आखिर चार साल में पूत के पाँव अब तक पालने में क्यों नहीं दिखे ?

वेयर इस दा डिलीवरी सर ?
वेयर इस दा एक्सेक्यूशन ?
सर, अभिव्यक्ति, स्वतंत्रता, निजता सबकुछ खत्म कर दीजिये। हमे ये बलि स्वीकार है …लेकिन देश को आगे ले जाइये।
अभी तक आप आगे हैं, मोटा भाई आगे हैं
देश आगे नहीं जा रहा है सर
सवाल बस इतना ही है

ध्येय क्या है ? उद्देश्य क्या है ?
देश को आगे ले जाना है या देश पर राज करना है ?

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