जनतंत्र टीवी चैनल: बिल्‍डरों को चूसने में कुख्‍यात सम्‍पादक दफ्तर में हौंके गये

बिटिया खबर
: भगोड़े चैनलों की खैर नहीं, जम कर जुतियाए गये जनतंत्र टीवी के एडीटर : एक्जीक्यूटिव एडीटर सतेंद्र भाटी को इंटर्न और ट्रेनियों ने लात घूंसे से गिराकर पीटा : अमित वैद्य और उनके गुर्गे लगातार एक-एक को कर्मचारी को निकाल रहे थे :

दोलत्‍ती रिपोर्टर
नई दिल्‍ली : सैलरी लेकर भागने और ब्लैक मेलिंग के लिए कुख्यात हो चुके जनतंत्र टीवी में मंगलवार को अजब नजारा देखने को मिला। दो महीने से सैलरी दबाए बैठे जनतंत्र टीवी के दफ्तर में उस वक्त जोरदार हंगामा हो गया, जब चैनल के मालिक अमित वैद्य के खास रहे एक्जीक्यूटिव एडीटर सतेंद्र भाटी को इंटर्न और ट्रेनियों ने लात घूंसे से गिराकर पीटा। इस दौरान बचाने आए सीईओ और ग्रुप एडीटर को भी चोट आई।
दरअसल पूरे बवाल की शुरुआत तब हुई जब पंचकुला की तरह, नोएडा से भी भागने की तैयारी की भनक कर्मचारियों को लग गई। चैनल में काम कर रहे कर्मचारियों का दो महीने का भुगतान नहीं हुआ था। जिसके बाद अमित वैद्य और उनके गुर्गे लगातार एक-एक को कर्मचारी को निकाल रहे थे। इसी से नाराज कर्मचारियों ने चैनल का काम बंद कर दिया था और हड़ताल शुरु कर दी थी। इसी गर्म माहौल में 23 अक्टूबर यानि की मंगलवार को चैनल से सभी को भगाने की योजना बनाकर आए एक्जीक्यूटिव एडीटर सतेंद्र भाटी और सीईओ हरीश कुमार के साथ एचआर चंचल सचदेवा ने दबाव बनाना शुरु किया। सैलरी की मांग करने वालों को चेक देकर निकालना शुरु कर दिया। कुछ को चेक दिया कुछ को जबरन दफ्तर से भगाना शुरु किया।
मालिक के मुंह लगे और ब्लैक मेलिंग करके नोएडा में हाल ही में दो फ्लैट खरीदने वाले सतेंद्र भाटी ने आउटपुट में इंटर्न कर रहे शुभम को दफ्तर से निकाल दिया। इसके बाद कर्मचारियों का गुस्सा और भड़क गया। कुछ देर बाद सतेंद्र भाटी और अमित वैद्य ने भाड़े के कुछ गुंडों को बुलाकर शुभम को पीटवा दिया। इस दौरान दफ्तर में मौजूद लड़कियों के साथ मारपीट और छेड़खानी भी की गई। जिसके बाद दफ्तर के अंदर जमकर हंगामा शुरु हो गया। आउटपुट में काम करने वालों ने मिलकर एक्जीक्यूटिव एडीटर को जमीन पर गिराकर जमकर भड़ास निकाली और लातों जूतों से जमकर पीटा। इस दौरान पुलिस को भी बुलाया गया, तहरीर देकर कार्रवाई की मांग रखी। लेकिन पुलिस ने अमित वैद्य के प्रभाव में आकर कार्रवाई करने में आनाकानी करती नजर आई।
आपको बतादें जनतंत्र टीवी जबसे खुला हमेशा से विवादों में ही रहा। पंचकुला में डेस्क पर काम कर रहे सैकड़ों कर्मचारियों को बिना पैसा दिए रातों रात सारा सामान लेकर छह महीने पहले ही भागा था। यहां आकर चैनल ने नोएडा के ए-77 सेक्टर-4 में दुकान लगाई। फिर सतेंद्र भाटी को एक्जीक्यूटिव एडीटर बनाया। नोएडा के रिपोर्टर इंदरसेन यादव पर दबाव बनाकर बिल्डरों की स्टोरी कराई, ब्लैकमेलिंग करके दो फ्लैट अपने नाम करा लिए, जब दो महीने से ज्यादा की सैलरी बकाया हो गई। तो नोएडा से भी भागने की तैयारी कर ली। वहीं कुछ लोगों ने इस मामले में लेबर कोर्ट में भी प्रार्थना पत्र डाल दिया है।
इस सम्‍बन्‍ध में इस चैनल के सम्‍पादकों और प्रबंधकों का पक्ष जानने के लिए जब-जब भी कोशिश की गयी, उन लोगों का फोन नहीं उठा। हम इस मामले में उनके पक्ष की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

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