दहेज के दबाव से दरकने लगी भूमिहारों की परम्‍परा-थाती

सैड सांग

: उपभोक्‍ता-सोच अब बेहद हावी होती जा रही है भूमिहार ब्राह्मण समाज में, वजह है बेटियों का विवाह : हर कीमत पर जमीन ने छोड़ने वाले भूमिहार अब जमीन बेचने पर आमादा : समस्‍या का समाधान सोशल मीडिया पर नहीं, जन-जागरण से ही मुमकिन होगा :

मेरी बिटिया संवाददाता

गाजीपुर : सामान्‍य तौर पर यही माना जाता है कि भूमिहार ब्राह्मण समुदाय को अपनी जमीन से बेहद प्रेम है। यह मोहब्‍बत उनके प्राण से ज्‍यादा मानी जाती है। इस लगाव का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि यह समुदाय अपनी परिवार तो दूर, अपनी बेटी-बेटे से ज्‍यादा स्‍नेह और लगाव अपनी जमीन से रखते हैं। माना यही जाता है कि भूमिहार समाज की मजबूती का असल आधार केवल यही तथ्‍य और तर्क है।

लेकिन अब यह हालत, निष्‍ठा, स्‍नेह, प्रेम वगैरह के मूल्‍य अब तेजी से पिघल कर बहते जा रहे हैं। हालांकि एक दौर हुआ करता था, जब ब्राह्मण परिवार के लोग अपने बेटी-बहन की शादी के आयोजन आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए और चाहे कुछ भी कर बैठें, लेकिन किसी भी कीमत पर अपनी जमीन नहीं बेचते थे। यह परम्‍परा गरीब से गरीब भूमिहार पर लागू होती थी, और अमीर से अमीर भूमिहार तक में। लेकिन अब यह परम्‍परा टूटती जा रही हैं। वजह है दहेज और विवाह पर बढ़ता सुरसा सरीखा खर्चा, जिसे पूरा कर पाने में अधिकांश भूमिहार ब्राह्मण असमर्थ होते दीख रहे हैं।

गाजीपुर की रहने वाली और अपने सामाजिक दायित्‍वों के लिए पूरे पूर्वांचल में सक्रिय एक सामाजिक कार्यकर्ता और नेता सीमा राय इस बारे में ज्‍यादा चिंतित हैं। उन्‍होंने इस बारे में अपनी वाल पर अभियान छेड़ रखा है। उनका कहना है कि भूमिहार_ब्राह्मणों की शादी में दहेज को लेकर ज़मीनी हकीकत बिल्कुल अलग है। दहेज कम होने की बजाए बढ़ा ही है!लड़का-लड़की पक्ष में से कोई भी मानने को तैयार नहीं!शादी में दिखावे की प्रवृति और उसपर बेहिसाब खर्चा बढ़ा है!ज़मीन बेचकर बेटियां ब्याही जा रही है! इस बार एक दर्जन शादियां अटेंड करने के बाद ज़मीनी निष्कर्ष!दहेज को लेकर फेसबुक जागरूकता का ज़मीनी हकीकत से कोई वास्ता नहीं!ये एक कटु सत्य है!-भूमिहार-की-शादी-दहेज प्रथा रोकने के लिए कानुन बने! सीमा राय ने इस बारे में यह राय व्‍यक्‍त की, तो उनकी वाल पर निम्‍नांकित कमेंट आने लगे:-

Praveen Rai दहेज लेना और देना दोनों पाप है। इस पाप को समाप्त करने के लिए सहयोग करे। क्योंकि सबके पास बहन और बेटी हैं।

Chandraprakash Rai पूरबी up औऱ बिहार में तो दहेज को लेकर बहुत ही बुरा हाल है इस पर सरकार को सख्त से सख्त कानून व्यवस्था करना चाहिए आम लोगों को तो लड़कियों की शादी करना बहुत मुश्किल हो गया है।।

Rai Gudu यह काम सरकार का नहीं जागरूकता लाने की है और अपने समाज को इकट्ठा करने की

Sunil Tyagi अच्छा सन्देश , दहेज पर कानून पहले से ही है। पर जब तक समाज नही जगरूक होगा तब तक कुछ नही होगा । समाज के युवाओ को ही आगे आना चाहिये।

Awnish Raiguddu आप सनदेश बहुत बडीया है कानून हम और आप हैलोग कहते है करते नही फेसबुक पर केवल मेसेज डालते है माँ और बाप सेवा करना चाहिए केवल फेसबुक पर सेवा है लोग कहते है आफ का बेटी मेरी बेटी दहेज कयो कराइम कयो सभी को अपना सुधार सँसार कि सेवा है अपना सुधार कर ले मे गुडूडू राय भूमिहार गोररखपु यू.पी.।सिगापुर।जय श्री राम

Ram Rai लड़के वाले मुंह खोलकर मांगते हैं उनको शरम भी नहीं आती और बढा़ चढा़ कर लोगों से कहतें हैं कोई भी भूमिहार जो बिना दहेज की शादी किया हो तो बतानें का कष्ट करें केवल फेस बुक पर अच्छा मैसेज लिख देने से कुछ नहीं होने वाला जो भूमिहार में जाने माने धुरंधर हैं उनको आगे आना चाहिए और बिना दहेज की शादी करनी चाहिए और अपने कमजोर भाईयों का साथ देना चाहिए लेकिन ऐसा करने वाला कोई नहीं है कमजोर अपने को कमजोर नहीं समझता वह पैसे वाले का मुकाबला करने में पैसा और जमीन दोनों से चला जाता है ।

Pratibha Rai हृदयविदारक सत्य भाभीजी ।आँसू रोके नहीं रुक रहा था ।देश की बेटियों को दया नहीं सामर्थ्य और अधिकार चाहिए और वे इसे लेकर रहेंगी ,ऐसा मेरा दृढ विश्वास है।

Sanjaykumar Rai संदेश बेहद ही भावुकतापूर्ण और यथार्थ है।जात के नाम पर संगठन बनाकर पद और पैसा का ध्यान तो देते और दहेज कुप्रथा के खिलाफ ओजस्वी भाषण बहुत बहुत सुने परन्तु दहेज बिरुद्ध आचरण से संदेश देने वाला या वाली कोई नहीं दिखा अथवा दिखी।

K P Narayan दहेज के लिए कानून बनाने से नही कुछ होगा, मनुष्य की प्रवृत्ति और सोच बदलना होगा. तभी कुछ संभव होगा.

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