: शाहजहांपुर के जागेंद्र को फर्जी पत्रकार करार देने वाले हेमन्त तिवारी ने 64 पेजी पत्रकारिता पर कदम रखा : तहलका न्यूज पोर्टल के नाम पर अपना धंधा चलता है : धंधेबाजी की पत्रकारिता तो हेमन्त का धंधा और पेशा है, मिशन नहीं : खबर में लगी सम्भोगरत फोटो का फोटो-सेशन कहां हुआ, खोज का विषय है : शर्मनाक बात तो यह कि खुद को बड़ा पत्रकार कहलाता है हेमन्त तिवारी :
कुमार सौवीर लखनऊ : तहलका न्यूज नामक पोर्टल से पीआर की दुकान चलाने वाला हेमंत आजकल अपने पोर्टल में सेक्स के आसन छाप रहा है। बता रहा है कि अपने शारीरिक सम्बन्धों के दौरान महिलाएं बहुत हल्ला-गुल्ला मचाती हैं। यह भी बताया जा रहा है कि महिलाओं के इस तथाकथित हल्ला-गुल्ला के कारण क्यों और क्यों होते हैं।
कभी शराब पीकर हंगामा, कभी गाली-गलौज और कभी झकाझोर पिटने के शौकीन हेमन्त तिवारी ने अब एक नयी खोजी है। बताते हैं कि जयपुर के पिंक-सिटी प्रेस-क्लब में विस्तृत शारीरिक विवेचना के बाद हेमन्त तिवारी ने अपना सारा ध्यान अब केवल महिलाओं पर ही नहीं, बल्कि सहवास के दौरान उनकी सारी गतिविधियों पर निशाना लगा दिया है। अपनी ताजा डिस्कवरी के तहत अब उन्होंने अब उन कारणों का निरूपण किया है महिलाएं सेक्स के दौरान बहुत हल्ला मचाती हैं। अपनी इस खोज में उन्होंने उस हल्ला-गुल्ला के मूल कारणों को खोज लिया है।
बताते हैं कि अपनी इस विस्तृत विवेचना के बाद वे अपनी सारी फाइंडिंग्स को एक पुस्तक के तौर पर छपवायेंगें। इस बाद की ज्यादा उम्मीद है कि इस पुस्तक का विमोचन सार्वजनिक रूप से कराया जाए। दोस्तों। आप सभी को खूब पता होगा कि हेमन्त तिवारी कौन हैं। यह भी खूब पता होगा कि हेमन्त तिवारी किस क्षेत्र में माहिर हैं और उसे किस तरह पत्रकारिता से जोड़ते रहे हैं। हमेशा से ही खबरों से कोसों दूर होकर भी अपनी जिन्दगी पत्रकरिता के नाम पर चमकाने में माहिर हेमन्त तिवारी ने पिछले साल ही एक नया पोर्टल शुरू किया था। नाम है तहलका।
आपको यह भी खूब पता होगा कि शाहजहांपुर के निहायत जुझारू और जाबांज पत्रकार जागेंद्र सिंह को यूपी सरकार के एक मंत्री राममूर्ति वर्मा के इशारे पर जिन्दा जला दिया गया था। अपनी मौत के पहले ही लखनऊ के सिविल अस्पताल में जागेंद्र सिंह ने मुझे वीडियो बयान दिया था कि उसकी मौत की साजिशें मंत्री राममूर्ति वर्मा और वहां के कोतवाल श्रीप्रकाश ने रची थीं। लेकिन जागेंद्र सिंह की मौत के बाद हेमन्त तिवारी ने अपने इसी पोर्टल में खबर लिखी थी कि जागेंद्र को जलाया नहीं गया था, बल्कि उसने आत्मदाह कर लिया था। इतना ही नहीं, हेमन्त तिवारी ने यह भी ऐलान कर दिया था कि जागेंद्र सिंह पत्रकार ही नहीं था, बल्कि वह तो गूगल से दीगर पोर्टल्स और ई-पेपर से खबरें लेकर खुद को पत्रकार का बिल्ला चस्पां लगाये रहता था। इस बारे में हेमन्त तिवारी ने अपने पोर्टल में खबर लिखी और अपने आका व तब के डीजीपी अरविंद जैन के चरणों को खूब चाटा। और तो और, जब मैंने शाहजहांपुर जाकर जागेंद्र सिंह को पत्रकार के प्रमाण खोजे और पूरी दुनिया में साबित कर दिया कि जागेंद्र एक बहादुर और निहायत ईमानदार पत्रकार था, तब हेमंत तिवारी ने दलाली का धंधा चमकाया, अफसरों से मिल कर मुआवजा की बातचीत की और इस मामले को शांत करने की साजिशें रचीं।
वही हेमन्त तिवारी अब पत्रकारिता से कोसों दूर, अब महिलाओं के उस पक्ष को खोज चुके हैं कि सेक्स के दौरान महिलाएं खूब हल्ला-गुल्ला मचाती हैं। इतना ही नहीं, सरेआम पिटने का नित नियमित लगातार कीर्तिमान बनाने की धुन में अक्सर बात-बे-बात पर सरेआम पिट जाने की धुन में व्यस्त हेमन्त तिवारी ने ने उन कारणों का निरूपण कर लिया है कि आखिर महिलाओं के ऐसे हल्ला-गुल्ला मचाने का कारण क्या है।
कहने की जरूरत नहीं कि यह लफ्फाजी उनके ही अपने पोर्टल पर प्रमुखता से प्रकाशित हो चुकी है। हालांकि यह नहीं पता चल पाया है कि इस खबर में जिस युगल की सम्भोग-रत फोटो लगायी गयी है, उसका फोटो-सेशन कहां और किन मॉडलों से किया गया है। यह भी शोध का विषय है कि इस अनुभव को हासिल करने के लिए कितनी महिलाओं से मौखिक या व्यावहारिक अनुभव लिये गये या फिर उसे केवल हियर एंड से के आधार पर ही रच दिया गया। वैसे कुछ सूत्र बताते हैं कि खबर दीगर गूगल-नेट पोर्टल और महिलाओं की पत्रिका से लेकर प्रकाशित हो जा रही है।
इससे भी ज्यादा गम्भीर और शर्मनाक बात तो यह है कि हेमन्त तिवारी खुद को देश-प्रदेश केे पत्रकारों की यूनियन का स्वयंभू नेता कहलाता है।
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