एक महिला अफसर को अपमानित कर चुकी हैं माया
लखनऊ : यानी अब 72 छेद वाली छलनी भी राज्य-सत्ता से उन लोगों के पक्ष में न्याय मांगने में जुट जाएगी, जो कभी वे पीडि़तों को उत्पीड़न और प्रताड़ना तथा सतम ढाने के लिए कुख्यात थे। तीन साल पहले ही लखनऊ की एक प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी को निर्दोष होने के बावजूद निलंबित करने वाली बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती अब दुर्गा शक्ति नागपाल के पक्ष में राजनीति कडि़यां जोड़ने की जुगत में लग गयी हैं। अपने अतीत में राजनीतिक अडि़यल रवैये से कुख्यात मायावती को दुर्गा शक्ति के आंसू पोंछने की कवायद करने में जुटी हैं। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर में खनन माफिया के खिलाफ अभियान चलाने के कारण सुर्खियों में आयी और हाल में निलंबित की गयी आईएएस अधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल का पक्ष लेते हुए इस मामले में राज्यपाल तथा केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की है.
मायावती ने यहां संवाददाताओं से कहा, प्रदेश की खराब व्यवस्था का शिकार उप्र की जनता के साथ-साथ अपने कार्यों के प्रति ईमानदार तथा निष्ठावान अधिकारी भी हो रहे हैं. दुर्गाशक्ति नागपाल को जिस तरह खनन माफिया का शिकार होकर निलंबित होना पड़ा.
यह इसका एक और जीता जागता सबूत है. उन्होंने कहा, मैं राज्यपाल से खनन माफिया की शिकार हुई आईएएस अधिकारी को न्याय दिलाने के लिये दखल देना का अनुरोध करती हूं. केंद्र को भी इस मामले में जल्द संज्ञान लेना चाहिए, वरना यहां सपा सरकार के शासन में ईमानदार अफसरों का काम करना बहुत मुश्किल हो जायेगा. यह शुभ संकेत नहीं है.
गौरतलब है कि वर्ष 2010 बैच की 28 वर्षीय आईएएस अधिकारी दुर्गाशक्ति को गत 27 जुलाई को गौतमबुद्धनगर के रबूपुरा इलाके में एक निर्माणाधीन धर्मस्थल की दीवार को गलत तरीके से हटाने से तनाव उत्पन्न होने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था.हालांकि विपक्षी दलों का आरोप है कि उनके खिलाफ यह कार्रवाई खनन माफिया के दबाव में की गयी है, जिसके खिलाफ दुर्गाशक्ति ने अभियान चलाया था.
मायावती ने आरोप लगाया कि मौजूदा सपा सरकार के शासन में कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ी हुई है. यहां बदमाशों और अपराधी तत्वों का राज चल रहा है. उन्होंने राज्यपाल से सूबे में राष्ट्रपति शासन लागू करने की सिफारिश की मांग भी दोहरायी. बसपा मुखिया द्वारा पिछले दिनों प्रदेश में कानून-व्यवस्था की आलोचना किए जाने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की इस टिप्पणी से संबंधित सवाल पर कि उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था अच्छी नहीं लगती तो यहां मत आया करें, मायावती ने तीखे अंदाज में जवाब दिया.
उन्होंने कहा, उनकी इस बचकानी बयानबाजी के बारे में हमारी पार्टी का कहना है कि मुख्यमंत्री को सबसे पहले अपने पिता मुलायम सिंह यादव को उत्तर प्रदेश छोड़कर जाने को कहना चाहिए. मुलायम ने हाल में प्रदेश की कानून-व्यवस्था खराब बताकर उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री के पदचिह्नों पर चलने को कहा था.
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