: यूपी सूचना निदेशालय में सरेआम हुआ हादसा : महिला पत्रकार के साथ हुई अभद्रता का जवाब बहुत करारा मिला : तड़ातड़ झांपड़ों-थप्पड़ों से दिमाग दुरूस्त कर दिया महिला पत्रकार ने : यह दोनों ही पत्रकार फ्रेंचाइजी वाले टीवी से सम्बद्ध हैं :
कुमार सौवीर
लखनऊ : यह शाम का वक्त था। एक महिला पत्रकार निदेशालय से वापस अपने आफिस जा रही थी। गैलरी से गुजरते वक्त जब वह सीढि़यों से नीचे उतरने लगी, कि अचानक एक टीवी चैनल के नये-नवेले पत्रकार से उस महिला से भिड़न्त हो गयी। चूंकि इन दोनों में पहले से ही कुछ विवाद चल रहा था, इसलिए इस पत्रकार ने कुछ अभद्र और अश्लील कमेंट पास कर दिये। महिला उस कमेंट का जवाब देते हुए अपने रास्ते पर जाने लगी, तो झुंझलाये इस पत्रकार ने उस महिला के पिछवाड़े पर एक लात मार दी। महिला ने भी जवाब में उस पत्रकार को तड़ातड़ तमाचे रसीद कर दिये। और इसके कि पहले कोई भीड़ जुट पाती, महिला सुरक्षित अपने रास्ते चली गयी।
वंस अपॉन अ टाइम, कभी एक हुआ करता था जब यूपी का सूचना एवं जन सम्पर्क निदेशालय में पत्रकार और विज्ञापन का आनाजाना अलग-अलग हुआ करता था। मुख्यालय एक ही था, सीढि़यां और गैलरियां भी एक हुआ करती थीं। लेकिन इन दोनों की धाराएं अलग-अलग अपने-अपने रास्ते पर आया-जाया करती थीं। खबर वाले अलग कमरों में घूमा करते थे, जबकि विज्ञापन वाले लोग उन अलग-अलग कमरों में आया-जाया करते थे, जहां विज्ञापन का काम होता था। कहीं कोई क्लैश नहीं होता था। खबर अपने रस्ते, विज्ञापन अपने रस्ते।
लेकिन अब हालात बदल चुके हैं। बड़े अखबारों और नामचीन चैनलों के ब्यूरो-चीफ लोग भी जो पहले निदेशक से नीचे बात तक नहीं करते थे, अब बाबुओं तक को सलाम ठोंकने में अपना सर्वोच्च दायित्व मानने लगे हैं। मंझोले-छोटे अखबार और फ्रेंचाइजी वाले चैनल वाले तो और भी नीचे स्तर तक पहुंचने की होड़ में हैं। विज्ञापन से तो अब कोसों दूर जाने की कवायद में जुटे हैं यह पत्रकार, केवल विज्ञापन जुटाना अपने संस्थान के लिए, और पैसा उगाहना अपनी टेंट में रखने के लिए। कहने की जरूरत नहीं कि दलाली इस वक्त बहुत जोरों पर है। अब तो पता ही नहीं चल पाता है कि इनमें कौन विज्ञापन का आदमी है, और कौन खबर वाला पत्रकार।
बहरहाल, हाल ही इसी चैनल की एक महिला पत्रकार एक विज्ञापन-सामग्री लेकर अपने कार्यालय की ओर निकल जा रही थी, कि सीढि़यों के पास ही उसकी भिड़ंत एक दूसरे पत्रकार से हो गयी। झगड़ा विज्ञापन को लेकर हुआ। गालियां चलने लगीं, मां-बहन-बेटी तक को निपटा देने तक के स्तर तक नंगी गालियां बकी गयीं। महिला पत्रकार जब अपने रास्ते पर चलती रही, तो गुस्साये पत्रकार ने महिला पत्रकार के हाथों से विज्ञापन का आरओ यानी आदेश-पत्र छीन कर उसे फाड़ दिया। जब महिला ने उस पर ऐतराज किया, तो उस पत्रकार ने उस महिला पत्रकार के पिछवाड़े पर एक जोरदार लात मार दी।
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वह तो गनीमत थी कि लात खाकर वह महिला बुरी तरह असंतुलित हो गयी, लेकिन तत्काल ही सम्भली, और फिर उस पत्रकार के चेहरे पर तड़ातड़ एक के बाद एक तमाचे रसीद कर दिये।
इसी बीच लोग काफी पहुंच गये जो, उस महिला को सम्भालने में जुटे थे, और उस हमलावर पत्रकार की भर्त्सना कर रहे थे, इसलिए वह अपना ही मुंह लेकर जहां का तहां खड़ा ही रह गया। लेकिन बाद में बताते हैं कि उस पत्रकार ने उस महिला पत्रकार की जिन्दगी खराब कर देने की चेतावनी दे डाली थी।