दुर्गा का विवाद हाईकोर्ट तक पहुंचा

बिटिया खबर

नूतन ठाकुर ने लगायी जनहित याचिका

लखनऊ : गौतमबुद्ध नगर की एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल को निलंबित करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की गई है। याचिका में दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को खारिज करने की मांग की गई है। इस मामले में अगली सुनवाई एक अगस्त को होगी।

लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि उत्तर प्रदेश में अवैध खनन और सार्वजनिक भूमि पर अवैध निर्माण बहुत बड़ी समस्या है। ऐसे में इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत है, लेकिन प्रदेश सरकार ने तो इनके खिलाफ कार्रवाई करने वाले अफसर को ही निलंबित कर दिया है। याचिकाकर्ता ने मांग की है कि हाईकोर्ट दुर्गा शक्ति का निलंबन रद्द करे और उन्हें फिर से उनका पुराना पद लौटाया जाए।

गौतमबुद्धनगर की पूर्व एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन की आंच बागपत में पहुंच गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के कार्यकर्ताओं ने तहसील में एसडीएम को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा। इसमें कार्यकर्ताओं ने एसडीएम का निलंबन वापस लेने और प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है।

एसडीएम राजेंद्र सिंह को सौंपे गए ज्ञापन में कार्यकर्ताओं ने बताया कि एसडीएम दुर्गा शक्ति नागपाल ने खनन माफिया के विरुद्ध मोर्चा खोला था, जिससे अवैध खनन पर लगाम लगी हुई थी। प्रदेश सरकार ने ईमानदारी से काम कर रहीं एसडीएम का निलंबन कर ओछी हरकत की है। इससे साफ जाहिर होता है कि प्रदेश सरकार और खनन माफिया के बीच कितनी साठगांठ है।

इस कार्रवाई के बाद खनन माफिया के हौसले भी बढ़ गए हैं। राज्यपाल से मांग करते हुए कहा कि एसडीएम का निलंबन रद्द कर प्रदेश सरकार को बर्खास्त किया जाएगा। ज्ञापन देने वालों में जिला सचिव मनोज आर्य, गौतम तोमर, बाबी, नौशाद अली, हरपाल सिंह, ललित, बिजेंद्र और योगेश आदि शामिल थे।

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